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नए टैरिफ ऑर्डर को लेकर TRAI ने दिए ये निर्देश
ट्राई के अनुसार, इस कवायद का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कंज्यूमर्स को अपने पसंदीदा चैनल और बुके चुनने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
‘टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ (ट्राई) ने घोषणा की है कि नए टैरिफ ऑर्डर-2.0 (NTO 2.0) के प्रावधान एक मार्च से अस्तित्व में आ जाएंगे। इन्हें लागू करने के लिए सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा इस अवधि तक तमाम तैयारियां की जानी हैं।
ट्राई का कहना है कि यह सुनिश्चित किया गया है कि एक मार्च 2020 से पहले उपभोक्ताओं को अपने पसंदीदा चैनल्स और बुके (bouquets) चुनने के लिए पर्याप्त समय मिले। इसलिए सभी सर्विस प्रोवाइडर्स को भी इसी तरह से कदम उठाने होंगे, ताकि उपभोक्ताओं को अपने पसंदीदा चैनल चुनने के लिए पर्याप्त समय मिल सके और एक मार्च 2020 से नया टैरिफ ऑर्डर लागू हो सके।
ट्राई की ओर से इस बारे में जारी एक आधिकारिक बयान में यह भी कहा गया है कि सभी पे ब्रॉडकास्टर्स को चैनल अथवा बुके की कीमत में अथवा बुके के बारे में हुए बदलावों के बारे में 15 जनवरी 2020 तक ट्राई को रिपोर्ट करने के साथ ही अपनी वेबसाइट पर भी पब्लिश करना था।
इसी तरह, सभी ‘डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स’ (DPO) को भी नेटवर्क कैपेसिटी फीस, पे चैनल्स के डिस्ट्रीब्यूटर रिटेल प्राइस, पे चैनल्स के बुके की लिस्ट, फ्री टू एयर चैनल्स के बुके की लिस्ट आदि में कोई बदलाव होने पर ट्राई को सूचना देने के साथ ही अपनी वेबसाइट पर भी जनवरी 2020 तक इसकी सूचना देनी थी। इस दौरान ये देखा गया कि अब तक तमाम ब्रॉडकास्टर्स द्वारा न तो ट्राई को इस बारे में सूचना दी गई और न ही वेबसाइट पर कोई जानकारी पब्लिश की गई। यह भी देखा गया कि कई ब्रॉडकास्टर्स द्वारा अपनी वेबसाइट पर जो सूचना दी गई, उनमें पे चैनल्स के बुके में मौजूदा टैरिफ ऑर्डर 2017 (जिसे अब टैरिफ ऑर्डर 2020 से संशोधित किया गया है) के नियमों का पालन नहीं किया गया है। इसी तरह, कुछ डीपीओ द्वारा भी न तो अपनी वेबसाइट पर आवश्यक जानकारी पब्लिश की गई है और न ही एक जनवरी 2010 को पब्लिश टैरिफ अमेंडमेंट ऑर्डर के अनुसार, चैनल्स का नया बुके तैयार किया गया है।
उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए अब सभी संबंधित पक्षों को इसके बारे में समस्त जानकारी देनी होगी और इसे वेबसाइट पर पब्लिश करना होगा। ट्राई ने ब्रॉडकास्टर्स से यह भी कहा है कि चैनल के नाम, प्रकृति, भाषा, एमआरपी आदि में कोई भी बदलाव करने से करीब 45 दिन पूर्व इसकी सूचना अथॉरिटी को देनी होगी। इसके साथ ही यह जानकारी ब्रॉडकास्टर को अपनी वेबसाइट पर भी पब्लिश करनी होगी। डिस्ट्रीब्यूटर्स को भी नेटवर्क कैपेसिटी फीस, नाम, नेचर, डिस्ट्रीब्यूटर रिटेल प्राइस आदि के बारे में कोई भी बदलाव करने से पहले कम से कम 30 दिन पहले इसकी सूचना अथॉरिटी को देनी होगी और अपनी वेबसाइट पर भी पब्लिश करनी होगी।
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