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Republic Media Network संग जुड़ने से VRL News Media को कैसे होगा फायदा, पढ़ें ये रिपोर्ट
‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ (Republic Media Network) ने पिछले हफ्ते ‘वीआरएल न्यूज मीडिया’ (VRL News Media) की पूरी ब्रॉडकास्ट न्यूज डिवीजन का अधिग्रहण कर लिया है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ (Republic Media Network) ने पिछले हफ्ते ‘वीआरएल न्यूज मीडिया’ (VRL News Media) की पूरी ब्रॉडकास्ट न्यूज डिवीजन का अधिग्रहण कर लिया है। यह अधिग्रहण वीआरएल मीडिया के ब्रॉडकास्ट न्यूज डिवीजन की एक बड़ी संपत्ति खरीद का हिस्सा है, जिसके मूल्य का अभी खुलासा नहीं किया गया है।
बता दें कि अप्रैल 2017 में शुरू हुए ‘दिग्विजय 24x7’ (Dighvijay 24x7) न्यूज चैनल का स्वामित्व वीआरएल मीडिया के पास है और इसे ‘रिपब्लिक कन्नड़’ (Republic Kannada) के नाम से रीलॉन्च किया गया है। यह रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के लाइनअप में चौथा चैनल होगा।
‘टॉफ्लर’ (Tofler) द्वारा उपलब्ध कराए गए वित्तीय आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022 (FY22) में वीआरएल मीडिया की न्यूज डिवीजन का घाटा 17 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है, जबकि पूरे समूह को पिछले वित्तीय वर्ष में 6.36 करोड़ रुपये की तुलना में 13 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
‘दिग्विजय 24x7’ न्यूज चैनल की वर्ष की कुल आय 12 करोड़ रुपये रही। इस वर्ष के दौरान न्यूज चैनल का एडवर्टाइजिंग रेवेन्यू वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 10.70 करोड़ रुपये के मुकाबले नौ प्रतिशत की वृद्धि दर से 11.71 करोड़ रुपये रहा। चैनल ने 30.57 करोड़ रुपये का खर्च किया था, जिसमें अचल संपत्तियों पर मूल्यह्रास शुल्क भी शामिल है।
‘एलारा कैपिटल’ (Elara Capital) के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट करन तौरानी के अनुसार, 200 से ज्यादा न्यूज स्टेशनों के साथ टीवी कैटेगरी काफी बिखरी हुई है और मुफ्त की वजह से कंपनियों के लिए ऊपर उठना मुश्किल हो गया है। उन्होंने बताया कि चूंकि वीआरएल मीडिया छोटे रीजनल ब्रॉडकास्टर्स में से एक है, इसलिए रिपब्लिक के बड़े नेटवर्क से जुड़ना इसके लिए अच्छा है। चूंकि भारत में लोग न्यूज के लिए भुगतान नहीं करते हैं, इसलिए न्यूज जॉनर से कमाई अथवा मुद्रीकरण करने का एकमात्र विकल्प विज्ञापन है।
तौरानी का कहना है, ‘यहां काफी प्रतिस्पर्धा है। बड़े प्लेयर्स मार्केट के बड़े हिस्से को नियंत्रित करते हैं। रिपब्लिक टीवी के साथ सौदे के परिणामस्वरूप उन्हें रेवेन्यू में बढ़ोतरी का लाभ मिल सकता है, क्योंकि इस वजह से कई महत्वपूर्ण कॉर्पोरेट विज्ञापनदाताओं के साथ उनका संपर्क होगा। इसके फलस्वरूप उन्हें राजस्व वृद्धि और बढ़ोतरी के मामले में कुछ राहत का अनुभव हो सकता है।’
इस बीच, अरनब गोस्वामी द्वारा प्रवर्तित (promoted) ‘एआरजी आउटलायर मीडिया एशियानेट न्यूज प्राइवेट लिमिटेड’ (रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क) ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 362.86 करोड़ रुपये का कुल राजस्व दर्ज किया था, जबकि उससे पिछले वित्तीय वर्ष में यह 283.49 करोड़ रुपये था। इस मीडिया कंपनी ने पिछले वित्तीय वर्ष में 11.41 करोड़ रुपये के घाटे के मुकाबले 44.94 करोड़ रुपये का कर पश्चात लाभ (PAT) कमाया। वहीं, वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए मीडिया कंपनी के परिचालन से राजस्व पिछले वित्तीय वर्ष के 280.42 करोड़ रुपये के मुकाबले 360 करोड़ रुपये था। इन कंपनियों ने अभी तक वित्तीय वर्ष 2022-23 के अपने वित्तीय विवरण दाखिल नहीं किए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस सौदेबाजी से जहां वीआरएल न्यूज मीडिया को एक बड़े ब्रैंड का साथ मिलेगा, वहीं रिपब्लिक मीडिया के पास वीआरएल मीडिया की परिसंपत्तियों होंगी, जिससे प्रॉडक्शन और नया स्टूडियो स्थापित करने की लागत कम हो जाएगी।
इस बारे में जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, वीआरएल न्यूज़ मीडिया के ब्रॉडकास्ट बिजनेस का अधिग्रहण अपने साथ बड़ी परिसंपत्तियां लेकर आया है। इसकी शुरुआत 100 से अधिक ऑन-ग्राउंड पत्रकारों सहित 300 से अधिक प्रोफेशनल्स के साथ की जाएगी। ये कर्नाटक के सभी 31 जिलों को कवर करेगा। इसके अलावा इसके पास 500 से अधिक पत्रकारों का अतिरिक्त स्ट्रिंगर बेस होगा और शानदार न्यूजरूम के अलावा बेंगलुरु में कई स्टूडियो होंगे।
इस बारे में ‘Innocean WorldWide Communications’ के ग्रुप डायरेक्टर बी. श्रीधर का कहना है, ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क एक नेशनल न्यूज चैनल है, इसलिए चैनल के पास विज्ञापन राजस्व की कमी नहीं है। विज्ञापन के दृष्टिकोण से नए मार्केट्स में विस्तार से उन्हें खुद को एक बड़े नेटवर्क के रूप में विस्तारित करने और प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी।’ इसके साथ ही उनका यह भी मानना है कि दोनों मीडिया नेटवर्क्स के बीच प्रॉडक्शन और चैनल की बेहतर मार्केटिंग के लिए नए विचार जैसी बहुत सी चीजें साझा की जाएंगी।
एक अन्य इंडस्ट्री विशेषज्ञ ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि रिपब्लिक मीडिया बड़ा नेटवर्क है। बार्क (BARC) इंडिया रेटिंग के मुताबिक इसके चैनल नंबर एक या दो पर हैं। उनका कहना है, ‘इस अधिग्रहण से वीआरएल मीडिया को बड़े विज्ञापनदाताओं के साथ-साथ उन लोगों की भी मदद मिलेगी, जो पहले से ही रिपब्लिक मीडिया से जुड़े हुए हैं।’
हमारी सहयोगी सोनम सैनी द्वारा मूल रूप से अंग्रेजी में लिखे गए इस आर्टिकल को आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
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