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बदले की भावना से काम कर रहा है इनवेस्को, कंपनी बोर्ड पर करना चाहता है कब्जा: पुनीत गोयनका
NCLT को दिए हलफनामे में गोयनका ने आरोप लगाया कि ZEEL के SPNI के साथ विलय को रोकने के लिए कंपनी बोर्ड पर नियंत्रण चाहता है इनवेस्को
समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago
'जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ पुनीत गोयनका ने आरोप लगाया है कि अपना प्रस्ताव ठुकरा दिए जाने के कारण निवेशक 'इनवेस्को' (Invesco) उन्हें कंपनी के बोर्ड से बाहर करना चाहता है।
बता दें कि स्टॉक एक्सचेंज को दी गई सूचना में 'जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ ने कहा था कि ‘इनवेस्को डेवलपिंग मार्केट फंड्स’ ने पहले उन्हें एक बड़े भारतीय समूह के साथ कंपनी का विलय करने की पेशकश की थी। लेकिन ‘जी‘ के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पुनीत गोयनका ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। उन्होंने दावा किया कि ऐसा शेयरधारकों के मूल्यों की रक्षा के लिए किया गया था।
एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, गोयनका ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) को दिए एक हलफनामे में आरोप लगाया कि ZEEL के SPNI के साथ विलय को रोकने के लिए इनवेस्को कंपनी बोर्ड पर अपना नियंत्रण चाहता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी के बोर्ड में बड़े परिवर्तन की इनवेस्को की मांग उन्हें अपने प्रस्ताव को ठुकराने के कारण सबक सिखाने के लिए थी।
गोयनका का कहना है, ‘वे स्पष्ट रूप से मुझ पर दबाव डालना चाहते थे कि उनके द्वारा प्रस्तुत डील को पूरा करने के लिए ZEE का समर्थन प्राप्त किया जाए, जबकि ZEE या उसके प्रबंधन की इस बातचीत में कोई भूमिका नहीं थी। यह आरोप कि सौदा इस आधार पर आगे नहीं बढ़ा कि मेरे या प्रमोटर समूह द्वारा वारंट की मांग की गई थी, निराधार है।’
पुनीत गोयनका ने दावा किया कि इनवेस्को कंपनी के बोर्ड पर नियंत्रण की मांग कर रहा है और ‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया’ (SPNI) के साथ प्रस्तावित विलय को तोड़ने की कोशिश कर रहा है। इनवेस्को द्वारा उन्हें बोर्ड से हटाने की मांग के लिए नोटिस जारी करना दुर्भावना और बदले की कार्रवाई से प्रेरित प्रतीत होता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इनवेस्को ZEE और सार्वजनिक शेयरधारकों के हित में काम नहीं कर रहा है।
इस हलफनाम में यह भी कहा गया है, ‘इनवेस्को किसी तीसरे पक्ष के इशारे पर ZEE के प्रबंधन में हस्तक्षेप करने और उसे बदलने के अपने वास्तविक उद्देश्यों को छिपा रहा है। अपने कार्यों को कॉरपोरेट गवर्नेंस' का मामला बताकर वह अपने निहित हित साधने का प्रयास कर रहा है।’
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