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न्यूज चैनल ने इन महिलाओं की तुलना की बंदर से, मचा बवाल
समाचार4मीडिया ब्यूरो असम का एक लोकल न्यूज चैनल उस समय विवादों में घिर गया जब उसने शॉर्टस पहनी हुई युवतियों की तुलना बंदरों से कर दी। दरअसल चैनल ने महिलाओं द्वारा छोटे कपड़े पहने जाने को लेकर एक टीवी रिपोर्ट प्रसारित की थी, जिसके बाद लोगों में गुस्सा भड़क गया। ये रिपोर्ट पिछले महीने ही प्रसारित की गई थी लेकिन इस पर अब सोशल मीड
समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो असम का एक लोकल न्यूज चैनल उस समय विवादों में घिर गया जब उसने शॉर्टस पहनी हुई युवतियों की तुलना बंदरों से कर दी। दरअसल चैनल ने महिलाओं द्वारा छोटे कपड़े पहने जाने को लेकर एक टीवी रिपोर्ट प्रसारित की थी, जिसके बाद लोगों में गुस्सा भड़क गया। ये रिपोर्ट पिछले महीने ही प्रसारित की गई थी लेकिन इस पर अब सोशल मीडिया में लोगों का कड़ा विरोध सामने आया है। इस रिपोर्ट में महिलाओं के कम कपड़े पहनने को मुद्दा बनाया गया है। प्रतिदिन टाइम नाम के इस न्यूज चैनल ने अब अपनी वेबसाइट से इस रिपोर्ट को हटा दिया है। चैनल की ओर प्रसारित की गई इस रिपोर्ट में पहले तो बंदरों को पैंट पहने हुए दिखाया गया है। फिर एक तरफ जहां बंदरों को कपड़े पहनने के महत्व के बारे में बताया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि बंदर भी कपड़े पहनने लग गए हैं और वे उन्हें धोना भी जानते हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ महिलाओं के छोटे कपड़े पहनने को लेकर बताया गया है कि कुछ ऐसी हैं महिलाएं है जो इन बुनियादी मान्यताओं को भूलती जा रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजधानी गुवाहाटी में युवतियां आराम के लिए शॉर्टस पहनने लगी हैं। लगता है कि उनके फैशन का मतलब है अंग प्रदर्शन करना, जिसके चलते उनके कपड़े जरूरत से ज्यादा छोटे होते जा रहे हैं। तीन मिनट के इस विडियो में असम की राजधानी गुवाहाटी में सैंकड़ों महिलाओं को सड़क पर कम और छोटे कपड़ों में घूमते हुए दिखाया गया। इस विडियो में खासतौर पर उनके खुले पैरों पर फोकस किया गया और इसके आधार पर कहा गया कि कैसे उनकी महिलाओं के बारे में बनी राय सही साबित होती है। विडियो में इन लड़कियों के चेहरे को भी ढंकने की कोशिश नहीं की गई। चैनल को लिखे एक खुले पत्र में एक महिला ने चैनल की गलतियों को उजागर करते हुए कहा, 'आपने मेरी शिक्षा, मेरी डिग्रियों, मेरी उपलब्धियों, संघर्षों, मेरी काबलियत, मुश्किलातों, गुणों और विशेषताओं को पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए मेरी तुलना एक बंदर से कर दी।' आप मुझे मेरी मर्जी के बगैर सड़क पर परेशान करते हैं, अपने कैमरे का लेंस मेरे शरीर पर टिका देते हैं और पीछे से एक घटिया गाना चला देते हैं और फिर बड़ी हिम्मत से दावा करते हैं कि असम की परंपरा को आपने नहीं बल्कि हमने भुला दिया है?' वहीं दूसरी तरफ, प्रतिदिन न्यूज चैनल के एडिटर इन चीफ, नीतुमोनी सैकिया ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट करते हुए लोगों की भावना को चोट पहुंचाने के लिए माफी मांगी है, लेकिन उन्होंने फिर से चैनल द्वारा चलाई गई खबर को सही साबित करने की कोशिश की। उन्होंने पूछा, 'क्या आप किसी शादी या नामघर (पूजा करने की जगह) में शॉर्ट्स पहनकर जाएंगे? शायद नहीं क्योंकि कुछ चीज़ें ऐसी हैं जो असमिया समाज में कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।
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