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इन बैठकों में मीडिया के प्रवेश पर लगी पाबंदी
पत्रकारों को अपना काम करने में कितनी मुश्किलों का सामना करना...
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो।।
पत्रकारों को अपना काम करने में कितनी मुश्किलों का सामना करना पडता है, इसका एक और नमूना उस समय देखने को मिला, जब कैंट बोर्ड प्रशासन ने बैठकों में मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया। मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है।
कैंट बोर्ड प्रशासन का दावा है कि बोर्ड सदस्यों ने पिछली बैठक के बाद इस मुद्दे को उठाया था। इसके बाद ही यह निर्णय लिया गया। वहीं, जानकारों का कहना है कि बीते दिनों एसटीपी के टेंडर में हुई गड़बड़ी के आरोपों को लेकर प्रकाशित की गईं खबरों के बाद कैंट बोर्ड प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।
दरअसल, बीते एक नवंबर को कैंट बोर्ड में बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कुछ सदस्यों ने छावनी इलाकों में एसटीपी सहित प्रस्तावित चार ओवरहेड टैंक की टेंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए थे। मीडिया में मामला आने के बाद कैंट बोर्ड प्रशासन पर सवाल उठने लगे। वहीं, बीते चार दिसंबर को हुई बैठक में भी एसटीपी का मुद्दा जोरों से उठा। आखिरकार एसटीपी निर्माण के लिए ऑनलाइन री-टेंडर की प्रक्रिया अपनाए जाने पर सहमति बनी, लेकिन बैठक के तुरंत बाद ही प्रशासन ने निर्णय लिया कि अब बैठकों में मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया जाए।
मीडिया में छपी खबरों के अुनसार, इस बारे में कैंट बोर्ड लखनऊ के सीईओ अमित कुमार मिश्र का कहना है कि बैठक में मीडिया के शामिल होने पर एक सदस्य ने आपत्ति जताई थी। इस पर अन्य सदस्यों की सहमति के बाद रोक लगाई गई है।
कैंट बोर्ड के सदस्य प्रमोद शर्मा का कहना है, ‘मीडिया चौथा स्तंभ है। इसके माध्यम से जनमानस के मुद्दे उठाए जाते हैं। अगर मीडिया नहीं होगी तो जनता के लिए हमने क्या किया, यह उन्हें कैसे पता चलेगा। अगली बोर्ड बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा।‘
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