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क्या आपने देखा है Namo TV की लॉन्चिंग से ‘सदमे’ में आए मीडिया घरानों पर बना ये कार्टून?
चुनावी माहौल में जितनी चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हो रही है, उनके उपनाम पर शुरू हुए ‘नमो’ चैनल को लेकर भी उतनी ही चर्चा है
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago
चुनावी माहौल में जितनी चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हो रही है, उतनी ही चर्चा उनके उपनाम पर शुरू हुए ‘नमो टीवी’ चैनल को लेकर भी है। ऐसे देश में जहां बिना अनुमति ठेला लगाना भी मुश्किल है, वहां यदि कोई चैनल बगैर लाइसेंस चल रहा हो तो चर्चा लाज़मी है।
वैसे, 31 मार्च को लॉन्च हुए ‘नमो टीवी’ को लेकर जितना आघात विपक्षी दलों को लगा है, लगभग उतना ही विचलित कुछ मीडिया संस्थान भी हैं। खासकर उन मीडिया घरानों को गहरा सदमा लगा है, जो अब तक नरेंद्र मोदी या भाजपा के पक्षधर माने जाते रहे हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर मोदी सरकार को अपने न्यूज़ चैनल की ज़रूरत क्यों पड़ गई? अब इन मीडिया संस्थानों के लिए भले ही यह गंभीर और आत्मचिंतन का मुद्दा हो, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर एक अलग ही माहौल है। लोग अपने-अपने अंदाज़ में तंज कस रहे हैं।
इसके अलावा एक कार्टून भी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ न्यूज़ चैनलों के संपादकों को नरेंद्र मोदी के सामने घुटनों पर बैठे हुए दिखाया गया है। सभी संपादक उनसे बस एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि ‘मालिक, हमसे क्या गलती हुई, जो आपने अपना ही चैनल लॉन्च कर दिया।’ यह कार्टून इंदौर से संचालित न्यूज़ पोर्टल ‘टैलेंटेड इंडिया’ का है। इस पोर्टल के दो कार्टून कैरेक्टर हैं टेल और टेड, जो अनूठे तरीके और व्यंगात्मक लहज़े में समाचार और अपनी बात प्रस्तुत करते हैं।
‘नमो टीवी’ का मालिक कौन है, यह भले ही अब तक स्पष्ट न हो सका हो, लेकिन इसका उद्देश्य एकदम स्पष्ट है और वो आपको देखने पर ज्ञात हो जायेगा। चुनाव आचार संहिता के बीच भी इस चैनल पर मोदी सरकार की योजनाओं को प्रमोट किया जा रहा है। ताज्जुब की बात तो यह है कि ज़िम्मेदार सरकारी संस्थाएं भी इस बारे में ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। वहीं, टाटा स्काई सहित अन्य डीटीएच ऑपरेटरों को भी समझ नहीं आ रहा है कि कहना क्या है।
हाल ही में टाटा स्काई से जब एक ग्राहक ने इस बाबत पूछा तो जवाब मिला, ‘नमो टीवी एक हिंदी न्यूज सर्विस है, जो राष्ट्रीय राजनीति पर ब्रेकिंग न्यूज दिखाती है।’ हालांकि, इसके कुछ ही घंटे बाद ‘टाटा स्काई’ के सीईओ ने बयान जारी कर कहा कि ‘नमो टीवी’ एक विशेष सेवा है। विशेष सेवाओं के लिए लाइसेंस नहीं चाहिए। ‘नमो टीवी’ हिंदी समाचार सेवा नहीं है। अगर ‘टाटा स्काई’ में किसी ने समाचार सेवा बताया है तो यह गलती है। सामग्री से जुड़े सवाल भाजपा से पूछिए। ‘नमो टीवी’ की सामग्री भाजपा से आ रही है।’
इस जवाब के बाद सवाल लौट घूमकर वहीं आ जाता है कि आचार संहिता में यह कैसे मुमकिन है? ख़ैर, असलियत जो भी हो, फ़िलहाल तो ‘नमो टीवी’ विपक्ष सहित कुछ मीडिया संस्थानों की चिंता का विषय बन गया और उनकी इस चिंता को लेकर सोशल मीडिया यूजर तंज कसने में लगे हैं।
इस कार्टून को आप यहां देख सकते हैं-
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