होम / इंडस्ट्री ब्रीफिंग / ऑनलाइन कंटेंट को रेगुलेट करने के मामले में दिल्ली HC ने लिया बड़ा फैसला
ऑनलाइन कंटेंट को रेगुलेट करने के मामले में दिल्ली HC ने लिया बड़ा फैसला
ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद कंटेंट (न्यूज-व्यूज) को रेगुलेट करने के लिए अलग से...
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो।।
ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद कंटेंट (न्यूज-व्यूज) को रेगुलेट करने के लिए अलग से गाइडलाइन जारी नहीं होंगी। इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने ‘जस्टिस फॉर राइट्स फाउंडेशन’ (Justice for Rights Foundation) नामक एनजीओ की ओर से दायर की गई जनहित याचिका (PIL) खारिज कर दी है।
‘इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस याचिका में अश्लीलत फैलाने और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर ‘सेक्रेड गेम्स’ (Sacred Games) और ‘गेम्स ऑफ थ्रोन्स’ (Game of Thrones) जैसे शो का हवाला भी दिया गया था।
बताया जाता है कि इस मामले में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वी. कामेश्वर राव की डिवीजन बेंच ने इस जनहित याचिका को रद्द करने का फैसला सुनाया। रिपोर्ट के अनुसार, हाई कोर्ट ने यह फैसला ‘सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) और ‘इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय’ (MEITY) की ओर से दिए जवाब के बाद दिया है। दरअसल, दोनों मंत्रालय का कहना था कि इस बारे में पहले से ही सख्त प्रावधान हैं, इसलिए और गाइडलाइंस की जरूरत नहीं है।
‘इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन’ की रिपोर्ट के अनुसार, हाई कोर्ट के आदेश में कहा गया है, ‘हालांकि ऑनलाइन कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं है। सूचना-प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के सेक्शन 69 में अवैध कंटेंट को ब्लॉक करने के पर्याप्त उपाय हैं।’ कोर्ट का यह भी कहना था कि यदि याचिकाकर्ता को कुछ प्लेटफॉर्म्स पर इस तरह का कंटेंट मिलता है तो उसे संबंधित अधिकारियों/विभाग के समक्ष ये मामला उठाना चाहिए।
टैग्स दिल्ली हाई कोर्ट ऑनलाइन कंटेंट इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन रेगुलेशन