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नए MIB सचिव के सामने होंगी ये पांच चुनौतियां
समाचार4मीडिया ब्यूरो : सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुनील अरोड़ा को सचिव बनाया गया है। वह बिमल जुल्का की जगह संभालेंगे, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त 2015 को पूरा हो गया है। अरोड़ा की इस पद पर नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब सूचना और प्रसारण मंत्रालय में काफी महत्वूपर्ण बदलाव हो रहे हैं। इनमें एफएम रेडियो के तीसरे फेज की
समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो : सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुनील अरोड़ा को सचिव बनाया गया है। वह बिमल जुल्का की जगह संभालेंगे, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त 2015 को पूरा हो गया है। अरोड़ा की इस पद पर नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब सूचना और प्रसारण मंत्रालय में काफी महत्वूपर्ण बदलाव हो रहे हैं। इनमें एफएम रेडियो के तीसरे फेज की नीलामी और फेज तीन व चार का डिजिटाइजेशन आदि शामिल है। आइए जानते हैं कि नए सचिव को पद संभालने के बाद किन-किन प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। एफडीआई प्रत्यक्ष विदेश निवेश (FDI) काफी महत्वपूर्ण कारक है, जिसका नए सचिव को सामना करना पड़ेगा। इस मुद्दे पर काफी बहस हो चुकी है जो अब भी जारी है। पिछले साल जुलाई में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने न्यूज मीडिया में एफडीआई की सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने को हरी झंडी प्रदान कर दी थी। ब्रॉडकास्टर्स और पब्लिशर्स ने इस कदम का स्वागत किया था लेकिन अब तक इसका क्रियान्वयन नहीं हो सका है। हालांकि सरकार ने मीडिया में एफडीआई के लिए दो प्रस्तावों पर मुहर लगा दी है, इस साल मई में टुडे मैगजीन और स्टार इंडिया के लिए चार प्रस्ताव रखे गए थे। जबकि न्यूज मीडिया को ज्यों का त्यों छोड़ दिया गया है। 10+2 AD CAP यह मामला भी काफी समय से अटका हुआ है। जनरल ऐंटरटेनमेंट चैनल्स (GECs) ऐड कैप नियम (ad cap rule) का काफी हद तक पालन कर रहे हैं लेकिन न्यूज चैनल पहले ही कर चुके हैं जब तक सबस्क्रिप्शन मॉडल नहीं आ जाता, जब तक ऐड कैप नियम का पालन करना उनके लिए संभव नहीं है। यह मामला अभी हाईकोर्ट में चल रहा है। हाईकोर्ट ने सभी ब्रॉडकास्टर्स को अपने ऐड ब्रेक का रिकार्ड तैयार करने और उसे ट्राई (TRAI) को भेजने को कहा है। प्रसार भारती की कार्यप्रणाली हालांकि इस पब्लिक ब्रॉडकास्टर को स्वायत्ता संबंधी काफी अधिकार दिए गए हैं, लेकिन कई मामलों में इसमें सरकार का दखल भी देखा गया है। पहले भी हमने देखा है कि सरकार ने इसके कई मामलों में दखअंदाजी की है। हाल के मामले भी सबके सामने ही है, जिनमें डीजी पद पर वीना जैन की नियुक्ति, डीडी किसान चैनल के कैंपेन के लिए महानायक अमिताभ बच्चन को जिम्मेदारी सौंपना और प्रसार भारती को फंड आवंटित करने का मामला आदि शामिल हैं। DAS Phase III वर्ष 2012 में सरकार ने एनॉलाग सिस्टम की जगह डिजिटाइजेशन का निर्णय लिया था। शुरुआत में इसे मेट्रो सिटीज में लागू किया गया था लेकिन दुर्भाग्य से सरकार DAS phase III में पिछड़ती जा रही है। सरकार द्वारा इसकी अंतिम समय सीमा बढ़ाई जा चुकी है। इस निर्णय से ब्रॉडकास्टर्स को बड़ा झटका लगा है। अब नए सचिव को DAS Phase III को बिना इसकी समय सीमा को बढ़ाए तय समय में पूरा करना चुनौती है। यह समय सीमा दिसंबर 2015 में समाप्त हो रही है। एफएम रेडियो के तीसरे फेज की नीलामी काफी लंबे इंतजार के बाद सरकार ने रेडियो के तीसरे फेज की नीलामी प्रक्रिया शुरू की। यह प्रक्रिया अभी जारी है। नीलामी के 25वें दिन की समाप्ति पर 56 शहरों में 94 चैनल अस्थायी विजेता बन गए हैं। इन चैनलों का अस्थायी विजेता मूल्य 1147 करोड़ रुपये रहा है, जबकि आरक्षित मूल्य 459 करोड़ रुपये था। इस प्रक्रिया को धरातल पर लाना और टू टीयर (tier 2) शहरों में इसको लागू करवाना नए सचिव के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। समाचार4मीडियादेश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमेंmail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।
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