होम / इंडस्ट्री ब्रीफिंग / ‘द हिंदू’ के जी कस्तूरी का निधन
‘द हिंदू’ के जी कस्तूरी का निधन
द हिंदू के पूर्व संपादक और द हिंदू समूह प्रकाशन के मालिक कस्तूरी एंड संस लिमिटेड के पूर्व मैनेजिंग एडिटर, जी. कस्तूरी का निधन हो गया है। उनके नेतृत्व में, द हिंदू ने तेजी से अपना विस्तार किया और आधुनिक रूप ग्हण किया तथा 1960 से लेकर 1990 में उनके नेतृत्व में संपादकीय और तकनीक के क्षेत्र में द हिंदू ने जबरदस्त प्रगति की। आज, 21 सितंबर, 2012 को सु
समाचार4मीडिया ब्यूरो 12 years ago
द हिंदू के पूर्व संपादक और द हिंदू समूह प्रकाशन के मालिक कस्तूरी एंड संस लिमिटेड के पूर्व मैनेजिंग एडिटर, जी. कस्तूरी का निधन हो गया है। उनके नेतृत्व में, द हिंदू ने तेजी से अपना विस्तार किया और आधुनिक रूप ग्हण किया तथा 1960 से लेकर 1990 में उनके नेतृत्व में संपादकीय और तकनीक के क्षेत्र में द हिंदू ने जबरदस्त प्रगति की। आज, 21 सितंबर, 2012 को सुबह 2 बजे उन्होंने कस्तूरी रंगा रोड पर अंतिम सांसें ली। वे 87 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी, कमला कस्तूरी, पुत्र, के. बालाजी और के. वेणुगोपाल, पुत्री, लक्ष्मी श्रीनाथ, पांच पौत्री और दो पौत्र हैं। बालाजी, वेणुगोपाल और श्रीनाथ कस्तूरी एंड संस लिमिटेड के आजीवन निदेशक हैं। उनकी मुत्यु की खबर जंगल की आग की तरह फैली और द हिंदू के कार्यालय में हर कोई उनके निधन की खबर सुनकर दुखी था। जी. कस्तूरी 1965 से लेकर 1991 तक 25 वर्षों से अधिक समय तक, द हिंदू के संपादक रहे। उनके नाम, द हिंदू के सबसे लंबे समय समाचारपत्र का संपादक रहने का रिकॉर्ड है। गौरतलब है कि 20 सितंबर, 2012 को द हिंदू ने 134 साल पूरा किया है। इससे पहले कस्तूरी श्रीनिवासन 1934 से लेकर 1959 तक संपादक रह चुके हैं। कस्तूरी का जन्म 17 दिसंबर, 1924 को हुआ। उन्होंने अपनी स्कूल औऱ कॉलेज की पढ़ाई मद्रास विश्वविद्यालय से पूरी की। मद्रास विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री लेने के बाद वे 1944 में संगठन से जुड़ गए। 1959 में उन्हें कंपनी का संयुक्त संपादक बनाया गया था। द हिंदू के ही पूर्व मुख्य संपादक कस्तूरी एंड सन्स लिमिटेड समूह के अन्य प्रकाशनों के डायरेक्टर, एन. राम के अनुसार, द हिंदू उनका जीवन था। उन्होंने कहा, मेरे चाचा श्री जी. कस्तूरी श्रीनिवासन आजादी के बाद भारतीय पत्रकारिता और समाचारपत्र उद्योग की एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। वे द हिंदू के सबसे धिक समय तक संपादक रहे थे। अपने समकालीन मीडिया और साथी संपादकों की तुलना में उन्होंने बहुत पहले तकनीक के महत्व को पहचान लिया था और पत्रकारिता के बुनियादी मूल्यों को संरक्षित करते हुए उन्होंने तकनीक को अपनाया। इसमें ऑफसेट प्रिंट, कलर स्कैनिंग से लेकर फुल पेज पेजिनेशन शामिल था। समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।
टैग्स