होम / इंडस्ट्री ब्रीफिंग / क्या ग्रोथ के लिए एक्वीजिशन सही रास्ता है ?

क्या ग्रोथ के लिए एक्वीजिशन सही रास्ता है ?

पिछले पांच वर्षों में, सबसे बड़ी एजेंसियों के खरीदने और बिकने की कुछ घटनायें हुई हैं। चाहे वह वैश्विक स्तर पर, पब्लिसिस समूह का बीबीएच या डेन्ट्सू का एजिस मीडिया से खरीदना हो जिसका प्रभाव भारतीय मार्केट पर पड़ने के साथ ही इंडिया में कार्यरत हंगामा डिजिटल, कम्युनिकेट2,इंडिगो, रीजलटीक्स या टैपरूट का कुछ कंपियों का डेन्ट्सू को बेचना, ने 2012 में काफी

समाचार4मीडिया ब्यूरो 12 years ago

पिछले पांच वर्षों में, सबसे बड़ी एजेंसियों के खरीदने और बिकने की कुछ घटनायें हुई हैं। चाहे वह वैश्विक स्तर पर, पब्लिसिस समूह का बीबीएच या डेन्ट्सू का एजिस मीडिया से खरीदना हो जिसका प्रभाव भारतीय मार्केट पर पड़ने के साथ ही इंडिया में कार्यरत हंगामा डिजिटल, कम्युनिकेट2,इंडिगो, रीजलटीक्स या टैपरूट का कुछ कंपियों का डेन्ट्सू को बेचना, ने 2012 में काफी हलचल मचा दिया। लेकिन क्या अधिग्रहण कंपनियों के खरीद और बिक्री के लिए सही मार्ग है। जागरण के द्वारा प्रस्तुत एक्सचेंज4मीडिया के वार्षिक कॉन्क्लेव में इस प्रश्न पर विचार किया जाएगा। हालांकि, एक्सचेंज4मीडिया कॉन्क्लेव 2012 में बिजनेस पर तकनीक, डाटा, मार्केटिंग, अधिग्रहण के भविष्य में पड़ने वाले प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इस सत्र के चेयरपर्सन, डब्ल्यूपीपी के कंट्री हेड, रंजन कपूर होंगे। इस चर्चा में क्रिएटिव एजेंसी, डिजिटल एजेंसी के अधिग्रहण का क्या प्रभाव पड़ेगा इस पर भी चर्चा की जाएगा। इस पैनल चर्चा में शामिल अन्य सदस्यों में एजनेलो डायल, चेयरमैन एंड चीफ क्रिएटिव ऑफिसर, टैपरूट इंडिया, अरविंद शर्मा, चेयरमैन,लियो बर्नेट इंडिया और आशीष भषीन, चेयरमैन इंडिया और सीईओ साउथ एशिया, एजिस मीडिया शामिल हैं। 23 अक्टूबर 2012 को मुंबई में एक्सचेंज4मीडिया कॉन्क्लेव में यह सत्र होगा। जागरण समूह एक्सचेंज4मीडिया कॉन्क्लेव का प्रायोजक है । समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।


टैग्स
सम्बंधित खबरें

रिलायंस-डिज्नी मर्जर में शामिल नहीं होंगे स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल 

डिज्नी इंडिया में स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल ने रिलायंस और डिज्नी के मर्जर के बाद बनी नई इकाई का हिस्सा न बनने का फैसला किया है

13 minutes from now

Dentsu India व IWMBuzz Media ने मिलाया हाथ, 'इंडिया गेमिंग अवॉर्ड्स' का करेगा आयोजन

'डेंट्सु इंडिया' (Dentsu India) ने IWMBuzz Media के साथ मिलकर 'इंडिया गेमिंग अवॉर्ड्स' के तीसरे संस्करण की घोषणा की है, जो 7 दिसंबर 2024 को मुंबई में आयोजित किया जाएगा।

15 hours ago

फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब की गवर्निंग कमेटी का पुनर्गठन, ये वरिष्ठ पत्रकार बने सदस्य

फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब (FCC) ने अपनी गवर्निंग कमेटी का पुनर्गठन किया है, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।

17 hours ago

विनियमित संस्थाओं को SEBI का अल्टीमेटम, फिनफ्लुएंसर्स से रहें दूर

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारत के वित्तीय प्रभावशाली व्यक्तित्वों, जिन्हें 'फिनफ्लुएंसर' कहा जाता है, पर कड़ी पकड़ बनाते हुए एक आदेश जारी किया है।

1 day ago

NCLT ने खारिज की ZEE-सोनी विलय को लेकर फैंटम स्टूडियोज इंडिया की ये याचिका

फैंटम स्टूडियोज ZEEL का एक अल्प शेयरधारक है, जिसके पास कंपनी के करीब 1.3 मिलियन शेयर हैं, जिनकी कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये बताई जाती है।

1 day ago


बड़ी खबरें

'जागरण न्यू मीडिया' में रोजगार का सुनहरा अवसर

जॉब की तलाश कर रहे पत्रकारों के लिए नोएडा, सेक्टर 16 स्थित जागरण न्यू मीडिया के साथ जुड़ने का सुनहरा अवसर है।

1 hour from now

‘Goa Chronicle’ को चलाए रखना हो रहा मुश्किल: सावियो रोड्रिग्स

इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म पर केंद्रित ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ‘गोवा क्रॉनिकल’ के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ सावियो रोड्रिग्स का कहना है कि आने वाले समय में इस दिशा में कुछ कठोर फैसले लेने पड़ सकते हैं।

4 hours from now

रिलायंस-डिज्नी मर्जर में शामिल नहीं होंगे स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल 

डिज्नी इंडिया में स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल ने रिलायंस और डिज्नी के मर्जर के बाद बनी नई इकाई का हिस्सा न बनने का फैसला किया है

13 minutes from now

फ्लिपकार्ट ने विज्ञापनों से की 2023-24 में जबरदस्त कमाई

फ्लिपकार्ट इंटरनेट ने 2023-24 में विज्ञापन से लगभग 5000 करोड़ रुपये कमाए, जो पिछले साल के 3324.7 करोड़ रुपये से अधिक है।

23 hours ago

क्या ब्रॉडकास्टिंग बिल में देरी का मुख्य कारण OTT प्लेटफॉर्म्स की असहमति है?

विवादित 'ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल' को लेकर देरी होती दिख रही है, क्योंकि सूचना-प्रसारण मंत्रालय को हितधारकों के बीच सहमति की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 

23 hours ago