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उठी आवाज- ‘सामान्य’ घटनाक्रम न बने पत्रकारों की हत्या
दुनियाभर में पत्रकारों की उनके काम करने की वजह से हत्या...
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
‘दुनियाभर में पत्रकारों की उनके काम करने की वजह से हत्या करने के मामले ‘घृणित’ हैं और इसे ‘सामान्य’ घटनाक्रम नहीं बनने देना चाहिए।’ यह कहना है संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने का। उन्होंने धमकी और भय के बावजूद हर रोज अपनी नौकरियां करने वाले संवाददाताओं को शुक्रिया अदा करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि पत्रकारों की रक्षा की जाए और उनके काम करने की आवश्यक शर्तों का निर्माण हो।
गुतारेस ने ‘द इंटरनेशनल डे टू ऐंड इम्प्यूनिटी फॉर क्राइम्स अगेंस्ट जर्नलिस्ट्स’ के सालाना जलसे के मौके पर दिये जारी विडियो संदेश में कहा, ‘हजारों लोगों को हमले का शिकार, उत्पीड़ित या फर्जी आरोप लगाकर बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए हिरासत या जेल में डाल दिया गया है।’ बता दें कि यह दिवस दो नवंबर को मनाया जाता है।
गौरतलब है कि बीते एक दशक से अधिक समय में, खबरें देने का काम करते समय लगभग 1,010 पत्रकार मारे गए हैं, और 10 मामलों में से नौ मामलों में, अपराधियों को कभी न्याय के कटघरे में नहीं लाया जा सका है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अकेले साल 2018 में ही कम से कम 88 पत्रकार मारे गए हैं।
इस अंतरराष्ट्रीय दिवस पर अवसर, संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) नौकरी के दौरान पत्रकारों के मारे जाने के मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने के लिए एक पहल शुरू कर रहा है। इस पहला का नाम ‘सच कभी मरता नहीं’ दिया गया है।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, ‘सच्चाई कभी नहीं मरती और न ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता भी।’ वह इस बात पर प्रकाश डाल रहे थे कि जब पत्रकारों पर हमला किया जाता है तो पूरा समाज इसकी कीमत चुकाता है।
2017 में मीडिया में वैश्विक रुझानों संबंधी यूनेस्को के प्रकाशित एक अध्ययन में यह जानकारी दी गई है कि पत्रकारों के खिलाफ अपराधों के लिए दोषियों को दंड नहीं मिलना ही मानदंड बना हुआ है और अपहरण, गायब हो जाने और यातना देने की घटनाओं में 2012 से काफी बढ़ोतरी हुई है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने सितंबर में एक प्रस्ताव अपनाते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया था कि ऐसी रणनीतियों को बढ़ावा दिया जाए जो पत्रकारों की रक्षा करती हैं और मीडिया के खिलाफ हिंसा करने वाले अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करती हैं।
पत्रकारों के प्रति हिंसक घटनाओं में ताजा मामला पिछले महीने सऊदी मूल के असंतुष्ट पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या का है। खाशोगी की तुर्की के इस्तांबुल में बने सऊदी वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी।
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