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इस बड़े न्यूज चैनल के तीन पत्रकारों को हुई सजा
<strong>समाचार4मीडिया ब्यूरो</strong> मिस्र की एक अदालत ने शनिवार को ‘अल-जजीरा’ के तीन पत्रकारों को कथित तौर पर गलत खबर देने के आरोप में तीन साल की सजा सुनाई है। अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, एक 'आतंकवादी संगठन' की मदद करने के लिए साल 2014 में मिस्र के बाहेर मोहम्मद, कनाडा के मोहम्मद फाहमे और आस्ट्रेलिया के पीटर ग्रेस्टे को दोषी पाया गया थ
समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो मिस्र की एक अदालत ने शनिवार को ‘अल-जजीरा’ के तीन पत्रकारों को कथित तौर पर गलत खबर देने के आरोप में तीन साल की सजा सुनाई है। अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, एक 'आतंकवादी संगठन' की मदद करने के लिए साल 2014 में मिस्र के बाहेर मोहम्मद, कनाडा के मोहम्मद फाहमे और आस्ट्रेलिया के पीटर ग्रेस्टे को दोषी पाया गया था। ये फैसला तब आया जब दुनिया भर में इन पत्रकारों की रिहाई को लेकर अभियान छिड़ा हुआ है। खबरों के मुताबिक, जिस वक्त ये सजा सुनाई गई तब कनाडा के मोहम्मद फाहमी और मिस्र के पत्रकार बाहेर मोहम्मद अदालत में ही मौजूद थे। वहीं ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार पीटर ग्रेस्टे को फरवरी में उनके देश वापस भेज दिया गया था। अल-जजीरा मीडिया नेटवर्क की कार्यवाहक महानिदेशक मोस्तिफा सोआग ने कहा कि यह फैसला तर्क और सामान्य समझ को खारिज करता है। हमारे सहयोगियों बाहेर मोहम्मद और मोहम्मद फाहमे को जेल जाना होगा और पीटर ग्रेस्टे को अनुपस्थिति में सजा सुनाई गई है। इस पूरे मामले में राजनीतिकरण किया गया है और इसे स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं किया गया। सजा सुनाए जाने के बाद पत्रकार पीटर ग्रेस्ट ने कहा है कि वे फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम सभी कानूनी रास्ते खोज रहे हैं। यह अनैतिक है। फैसले को यूं ही नहीं स्वीकारा जाएगा। हम चरमपंथी नहीं, हमने किसी प्रतिबंधित संगठन के साथ मिलकर काम नहीं किया। हमने कोई गलत खबर प्रसारित नहीं की।’ अल-जजीरा और पत्रकार सुनवाई के दौरान आरोपों से सख्ती से इनकार करते रहे। अदालत में पिछले सभी 10 सत्र स्थगित कर दिए गए। इन तीनों पत्रकारों को दुनिया भर से सरकारों, मीडिया संगठनों और मानवाधिकार समूहों से समर्थन मिला। इन तीनों पत्रकारों पर प्रतिबंधित गुट मुस्लिम ब्रदरहुड की सहायता करने के आरोप लगे थे। जुलाई 2014 में दिए गए फैसले में मोहम्मद फाहमी और पीटर ग्रेस्टे को सात साल और बाहेर मोहम्मद को 10 साल की सजा दी गई थी। इस साल जनवरी में आए एक और फैसले में अदालत ने तीनों पत्रकारों पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए दोबारा मुकदमा चलाए जाने का आदेश दिया था। शनिवार को अपने फैसले में जज हसन फ़रीद ने कहा की ये तीनों पत्रकार बिना लाइसेंस लिए क़ाहिरा के एक होटल से काम कर रहे थे। अदालत ने मोहम्मद फाहमी और पीटर ग्रेस्टे को तीन तीन साल और बाहेर मोहम्मद को तीन साल छह महीनों की सजा सुनाई है। समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।
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