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इंटरनेट पर सरकारी हथकड़ी

पिछले दिनों बुडापेस्ट में हुये इंटरनेट प्रशासन को लेकर एक साईबर स्पेश कान्फरेंस सम्पन्न हुआ जिसमें दुनिया भर के देशों के साथ भारत ने भी शिरकत की थी। इंटरनेट प्रशासन और नियंत्रण को लेकर पूरी दुनिया दो हिस्सों मे बंटी हुई है लेकिन इस वैचारिक मतभेदों के बीच ताकतवर देशों ने अपने अनुकूल कानून बनायें है और उसे बहुसंख्यक देशों पर थोपा है। इस दिशा में भारत

Last Modified:
Friday, 19 October, 2012
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पिछले दिनों बुडापेस्ट में हुये इंटरनेट प्रशासन को लेकर एक साईबर स्पेश कान्फरेंस सम्पन्न हुआ जिसमें दुनिया भर के देशों के साथ भारत ने भी शिरकत की थी। इंटरनेट प्रशासन और नियंत्रण को लेकर पूरी दुनिया दो हिस्सों मे बंटी हुई है लेकिन इस वैचारिक मतभेदों के बीच ताकतवर देशों ने अपने अनुकूल कानून बनायें है और उसे बहुसंख्यक देशों पर थोपा है। इस दिशा में भारत नें एक नई पहल की है। भारत सरकार नें इंटरनेट नियमन तथा प्रशासन से सम्बन्धित नीतियों को आपसी सहयोग द्वारा बनाने पर बल दिया है। टेलीकॉम के राज्यमंत्री का कार्यभार संभाल रहे सचिन पायलट नें कहा है कि आईसीएएनएन के मुखिया से उनकी बात विस्तार से हुई है और उन्होनें तीसरी दुनिया के देशों को आईसीएएनएन में बेहतर तथा मजबूत उपस्थिति की बात की है। गौरतलब है कि मौजूदा संस्थान में तीसरी दुनिया के देशों की कोई आवाज नहीं हैं और इस संस्थान द्वारा इंटरनेट नियंत्रण होके कारण अमेरीका की नजर हमारे ईमेल तक पर रहती है। अमेरिका स्थित आईसीएएनएन एक बहुत व्यापक इंटरनेट नियमन कमेटी है जिसके कई स्तर हैं। इसमें एट लार्ज एडवाईजरी कमेटी(ए.एल.ए.सी),गवर्नमेन्टल एडवाइजरी कमेटी (गएच या गैक),रूट सर्वर सिस्टम एडवाजरी कमेटी (आरएसएसएसी) और दी सेक्यूरिटी एण्ड स्टेबिलीटी एडवाजरी कमेटी(एसएसएसी) सम्मिलित हैं। वर्तमान में आईसीएएनएन ही प्रमुख पुलिस है जिसका कार्यालय कैलिफोर्निया में है। क्लिंटन के समय से इंनटरनेट का नियंत्रण अमेरिका के हाथों में है क्योकि आईसीएएनएन को अमेरीकी सरकार देखती है। जेनेवा में इंटरनेट नियंत्रण पर हुई बैठक में रूस, चीन, उजबेकिस्तान और तजाकिस्तान जैसे देश उस प्रशासनिक मॉडल को ही बेहतर बता रहे हैं जो इंटरनेट को यूएन के नियंत्रण में रखे जबकि यूरोपीय देश वर्तमान यूएन नियंत्रित आईसीएएनएन नियंत्रण को विसंरचित करने के पक्षधर हैं। रूस पहले से ही एक अलग संस्था के पक्ष मे है। उसका कहना है कि एक टेलीकॉम यूनियन के द्वारा इंटरनेट पर अन्तर्राष्ट्रीय नियमन किया जाये। यह समझौते से बना संस्थान होगा जिसपर यूनाईटेड नेशन्स का नियंत्रण होगा। दूसरी तरफ कम्यूनिस्ट चीन भी यूएन के नियंत्रण के पक्ष में है। भारत में मध्यमार्ग अपनाया है जिसमें यूएन-सीआईआरपी नियंत्रण को तरजीह दी गई है। भारत नें यूनाईटेड नेशन्स जनरल एसेम्बली में इंटरनेट पर सरकारी नियंत्रण के बावत जिस प्रस्ताव पर सहमति जताई है वह उसके वर्तमान एकरेखिय नियंत्रण से अलग अनेक सस्थाओ, स्टेक होल्डर्स, प्राईवेट बॉडिज इत्यादि द्वारा जनतांत्रिक ठंग से नियंत्रित किया जायेगा। भारत इंटरनेट संबन्धित पॉलिसी के लिये यूएन कमेटी(यून-सीआईआरपी) को ज्यादा तवज्जो देगी। यह इंटरनेट से सम्बन्धित नीतिगत संस्थानों, इंटरनेट से सम्बंधित समझौतों, तथा विवादों को समग्रता में देखेगी। सीआईआरपी वास्तव में यूएन द्वारा ही स्थापित किया गया था और यूएन के ही कान्फरेन्स ऑन ट्रेड एण्ड डेवलपमेन्ट आर्म के कर्मचारियों द्वारा ही चलाया जाता है। गौरतलब है कि वे अपनी गतिविधियों की जानकारी सीधे यूएन जनरल एसेम्बली को देते हैं। इसका अर्थ है मूलभुत रूप से यह यूनाईटेड नेशन्स की निगरानी मे है भले ही उसमें अमेरिका अपनी मनमानी अन्य संस्थानो की तरह करता है। सचिन पायलट का कहना है कि  देशों की इस मुद्दे पर दृष्टि अतिवादी है जो इंटरनेट प्रशासन को एक बाल्कनीकरण की तरफ ले जा सकता है, हम ऐसी किसी नीति के खिलाफ हैं। हम अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा या सरकारों द्वारा भी नियंत्रण के पक्ष में नहीं है। हम इस मुद्दे पर एक विस्तृत सम्वाद के पक्ष में हैं। यून-सीआईआरपी पहले ही अमेरीकी नियंत्रण वाले आईसीएएनएन से अलग होने की तरफ है। यह एक नये बदलाव का संकेत है। भारत एक नये मसौदे के साथ पुनः उपस्थित होने वाले जबकि वर्तमान इंटरनेट नियमन में बदलावों के लिये भारत ने अपना पक्ष मजबूती से रखा है। कहा जा रहा है कि जेनेवा में हुये इंटरनेट साईबर स्पेश कान्फरेंस के बाद भारतीय इंटरनेट कानून आईटी रूल्स-2011 का प्रभाव सीमित हो जायेगा। जो भी हो यह एक अच्छी खबर है, कम से कम नेटीजन को सीआईए नियंत्रित आईसीएएनएन से मुक्ति मिलेगी। समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।
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रिलायंस-डिज्नी मर्जर में शामिल नहीं होंगे स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल 

डिज्नी इंडिया में स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल ने रिलायंस और डिज्नी के मर्जर के बाद बनी नई इकाई का हिस्सा न बनने का फैसला किया है

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 30 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 30 October, 2024
BikramDuggal74

डिज्नी इंडिया में स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल ने रिलायंस और डिज्नी के मर्जर के बाद बनी नई इकाई का हिस्सा न बनने का फैसला किया है, लेकिन वह डिज्नी के साथ जुड़े रहेंगे।

स्टार में विक्रम दुग्गल ने डिज्नी, पिक्सर, मार्वल, लुकासफिल्म, 20th सेंचुरी स्टूडियोज और सर्चलाइट पिक्चर्स जैसे प्रतिष्ठित ब्रैंड्स की वैश्विक फिल्मों और फॉक्स स्टार स्टूडियोज के तहत स्थानीय प्रोडक्शंस का जिम्मा संभाला है। उन्होंने देश में इन ग्लोबल फिल्मों की मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के अलावा, स्थानीय प्रोडक्शंस के लिए क्रिएटिव, मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन स्ट्रैटजी का नेतृत्व किया है। 

उनके नेतृत्व में स्टूडियो का कारोबार उपभोक्ता, रचनात्मकता और स्थानीयकरण पर केंद्रित रहकर तेजी से बढ़ा है। उनके मार्गदर्शन में 'एवेंजर्स: एंडगेम' (2019 में भारत में नंबर 1 फिल्म), 'एवेंजर्स: इनफिनिटी वॉर', 'थॉर रग्नारोक', 'ब्लैक पैंथर', 'द लॉयन किंग' और 'फ्रोजन 2' जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर नए रिकॉर्ड बनाए। 

इससे पहले, विक्रम ने स्टूडियोज बिजनेस के लिए मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का नेतृत्व किया था और डिज्नी इंडिया में कॉर्पोरेट रणनीति और बिजनेस ग्रोथ की जिम्मेदारियां भी संभाली थीं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने मीडिया नेटवर्क्स बिजनेस के लिए मार्केटिंग और डिजिटल इनीशिएटिव्स का नेतृत्व किया और भारत में डिज्नी के टीवी बिजनेस के निर्माण में रचनात्मक सहयोग किया। 

रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज्नी कंपनी के स्टार इंडिया के बीच मर्जर नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। इससे पहले डिज्नी  स्टार के कंट्री मैनेजर और प्रेसिडेंट के. माधवन और डिज्नी + हॉटस्टार के प्रमुख सजीत सिवानंदन भी अपने पदों से इस्तीफा दे चुके हैं।

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Dentsu India व IWMBuzz Media ने मिलाया हाथ, 'इंडिया गेमिंग अवॉर्ड्स' का करेगा आयोजन

'डेंट्सु इंडिया' (Dentsu India) ने IWMBuzz Media के साथ मिलकर 'इंडिया गेमिंग अवॉर्ड्स' के तीसरे संस्करण की घोषणा की है, जो 7 दिसंबर 2024 को मुंबई में आयोजित किया जाएगा।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 29 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 29 October, 2024
IndiaGamingAwards784512

'डेंट्सु इंडिया' (Dentsu India) ने IWMBuzz Media के साथ मिलकर 'इंडिया गेमिंग अवॉर्ड्स' के तीसरे संस्करण की घोषणा की है, जो 7 दिसंबर 2024 को मुंबई में आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन भारत के गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स क्षेत्र में नई ऊंचाईयों को छूने और इंडस्ट्री में बेहतरीन प्रतिभा, नवाचार और उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए तैयार है।

भारत गेमिंग अवॉर्ड्स का उद्देश्य गेमिंग जगत के अहम लोगों को एक साथ लाना है, जिसमें शीर्ष गेमर्स, बड़े फैन समुदाय, पब्लिशर्स, ब्रैंड्स और प्लेटफॉर्म्स शामिल होंगे। यह कार्यक्रम भारत में गेमिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने और उन लोगों को पहचान देने पर केंद्रित है, जो भारत में गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स का भविष्य बना रहे हैं।

'डेंट्सु इंडिया' इस इवेंट में 'Dentsu Gaming Report' का भी अनावरण करेगा, जो भारत के गेमिंग परिदृश्य का पहली बार व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करेगा। इस रिपोर्ट में गेमर्स, डेवलपर्स, इंफ्लुएंसर्स, प्रोफेशनल प्लेयर्स, पब्लिशर्स, कंटेंट क्रिएटर्स और इंडस्ट्री के लीडर्स की चुनौतियों और महत्वाकांक्षाओं का गहराई से अध्ययन किया जाएगा। रिपोर्ट में भारत के गेमिंग क्षेत्र में विकास की संभावनाओं पर भी रोशनी डाली जाएगी।

डेंट्सू साउथ एशिया के सीईओ हर्ष राजदान ने कहा, “भारत का गेमिंग परिदृश्य एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, और इसके विकास की संभावनाएं बहुत बड़ी हैं। हम इस बदलाव के निर्माता बनकर इसे वैश्विक स्तर पर पहुंचाने की दिशा में कार्यरत हैं। इस पहल से हमारा लक्ष्य केवल भारत में गेमिंग के भविष्य को आकार देना नहीं है, बल्कि इसे वैश्विक मानचित्र पर अग्रणी बनाना है।”

डेंट्सू साउथ एशिया के प्रेजिडेंट व चीफ स्ट्रैटजी ऑफिसर नारायण देवनाथन ने कहा कि यह साझेदारी गेमिंग में ब्रैंड्स के लिए नई संभावनाओं को खोलने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने कहा, "हम 'डेंट्सु गेमिंग रिपोर्ट' (Dentsu Gaming Report) के माध्यम से भारत में गेमिंग का एक गाइड बना रहे हैं, जो ब्रैंड्स को इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा।”

IWMBuzz Media के फाउंडर व एडिटर-इन-चीफ सिद्धार्थ लाइक ने कहा, “IWMBuzz Media ने भारत गेमिंग अवॉर्ड्स जैसे कई महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। Dentsu के साथ यह साझेदारी इस आइडिया को नई ऊंचाईयों तक ले जाएगी और 'डेंट्सु गेमिंग रिपोर्ट' का लॉन्च भारत के गेमिंग इंडस्ट्री में एक ऐतिहासिक क्षण होगा।”

यह आयोजन गेमिंग इंडस्ट्री के प्रमुख खिलाड़ियों, टॉप गेमर्स, फैन समुदायों, पब्लिशर्स, ब्रैंड्स, और प्लेटफॉर्म्स को एक मंच पर लाएगा। इसका उद्देश्य भारत के गेमिंग इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों पर ले जाना और उन लोगों का सम्मान करना है जो भारतीय गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स के भविष्य को आकार दे रहे हैं।

इस इवेंट में डेंट्सु इंडिया द्वारा 'डेंट्सु गेमिंग रिपोर्ट' का भी अनावरण किया जाएगा, जो भारत के गेमिंग पारिस्थितिकी तंत्र का एक व्यापक विश्लेषण पेश करेगा। इस रिपोर्ट में गेमर्स, डेवलपर्स, इन्फ्लुएंसर्स, प्रोफेशनल एथलीट्स, पब्लिशर्स और कंटेंट क्रिएटर्स की महत्वाकांक्षाओं और चुनौतियों पर गहराई से प्रकाश डाला जाएगा। 

डेंट्सु साउथ एशिया के CEO हर्षा रजदान ने कहा, "भारत की गेमिंग इंडस्ट्री एक अहम मोड़ पर है। हमारी प्रतिबद्धता इस उद्योग को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने की है। डेंट्सु गेमिंग रिपोर्ट और इंडिया गेमिंग अवॉर्ड्स जैसी पहल के माध्यम से हम भारतीय गेमिंग उद्योग को विश्व स्तर पर एक सशक्त ताकत बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं।"

डेंट्सु साउथ एशिया के प्रेसिडेंट और चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर नारायण देवनाथन ने बताया कि यह साझेदारी भारत में ब्रैंड्स के लिए गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स में संभावनाओं को खोलने का एक अवसर है। 

IWMBuzz मीडिया के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ सिद्धार्थ लैके ने कहा, "IWMBuzz ने गेमिंग एंटरटेनमेंट में हमेशा से नवीन पहल की है। डेंट्सु के साथ हमारी यह साझेदारी भारत में गेमिंग के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी।" 

इस आयोजन के माध्यम से भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री को प्रोत्साहित किया जाएगा और इसे वैश्विक पहचान दिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

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फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब की गवर्निंग कमेटी का पुनर्गठन, ये वरिष्ठ पत्रकार बने सदस्य

फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब (FCC) ने अपनी गवर्निंग कमेटी का पुनर्गठन किया है, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 29 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 29 October, 2024
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नई दिल्ली स्थित फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब (FCC) ने अपनी गवर्निंग कमेटी का पुनर्गठन किया है, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। इस पुनर्गठित कमेटी में भारतीय मीडिया के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। बता दें कि FCC के अध्यक्ष एस. वेंकट नारायण ने इस पुनर्गठन की घोषणा की।

इन प्रमुख व्यक्तियों ने FCC की गवर्निंग कमेटी में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार किया है:

  • केपी नायर – विदेशी संवाददाता, रणनीतिक विश्लेषक, टीवी कमेंटेटर और कूटनीति के विशेषज्ञ
  • मोसेस मनोहरन- प्रधान संपादक, एशियन अफेयर्स, लंदन

इसके अलावा, इन वरिष्ठ पत्रकारों ने विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार किया है: 

-  राजा मोहन, स्तंभकार, दि इंडियन एक्सप्रेस

-  प्रणब ढल समंता, कार्यकारी संपादक, दि इकोनॉमिक टाइम्स

- दीपांजन रॉय चौधरी, विदेश मामलों के संपादक, दि इकोनॉमिक टाइम्स

- रुद्रनील घोष, वरिष्ठ सहायक संपादक, संपादकीय पृष्ठ संपादक, दि टाइम्स ऑफ इंडिया

FCC गवर्निंग कमेटी के प्रमुख पदाधिकारी: 

-  अध्यक्ष: एस. वेंकट नारायण, स्तंभकार, द आइलैंड, श्रीलंका

-  उपाध्यक्ष: वाइल एस. एच. अव्वाद, सीरियन अरब न्यूज एजेंसी (SANA) 

-  सचिव: प्रकाश नंदा, दि यूरेशियन टाइम्स, कनाडा

-  कोषाध्यक्ष: पीएम नारायणन, मुख्य निर्माता, *जर्मन टीवी*

गवर्निंग कमेटी के अन्य मौजूदा सदस्य: 

- ताकुरो इवाहाशी, ब्यूरो प्रमुख, क्योदो न्यूज, जापान

- अयंजित सेन, विशेष संवाददाता, श्रीलंका गार्जियन

- सिद्धार्थ श्रीवास्तव, चैनल न्यूजएशिया इंटरनेशनल 

- आगा जीलानी, ब्रिक्स जर्नल, दक्षिण अफ्रीका

- एमडी अमीनुल इस्लाम, संवाददाता, संगबाद संघ 

- राजेश कुमार मिश्रा, ब्यूरो प्रमुख, कांतिपुर मीडिया ग्रुप, नेपाल

FCC साउथ एशिया का परिचय:

साउथ एशिया के फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब (FCC) में 500 से अधिक पत्रकार और फोटोग्राफर शामिल हैं, जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल, मालदीव, अफगानिस्तान और तिब्बत को कवर करते हैं। FCC का उद्देश्य पत्रकारों को एक मंच प्रदान करना है, जहां वे संवाद और सहयोग कर सकें। 

इस क्लब में विदेशी संवाददाताओं के साथ-साथ स्थानीय पत्रकारों का भी स्वागत है। क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस, स्पोर्ट्स स्क्रीनिंग, बुक लॉन्च और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिससे पत्रकारों को संवाद का एक सशक्त माध्यम मिलता है।

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विनियमित संस्थाओं को SEBI का अल्टीमेटम, फिनफ्लुएंसर्स से रहें दूर

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारत के वित्तीय प्रभावशाली व्यक्तित्वों, जिन्हें 'फिनफ्लुएंसर' कहा जाता है, पर कड़ी पकड़ बनाते हुए एक आदेश जारी किया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 29 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 29 October, 2024
SEBI

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारत के वित्तीय प्रभावशाली व्यक्तित्वों, जिन्हें 'फिनफ्लुएंसर' कहा जाता है, पर कड़ी पकड़ बनाते हुए एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत सेबी ने सभी पंजीकृत संस्थाओं, जैसे स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटरीज को निर्देश दिया है कि वे अगले तीन महीनों में सभी बिना पंजीकृत वित्तीय सलाहकारों के साथ किसी भी तरह का जुड़ाव समाप्त कर दें। सेबी का यह कदम निवेशकों को उन जोखिमों से बचाने के लिए उठाया गया है जो बिना पंजीकरण वाले फिनफ्लुएंसर्स द्वारा शेयर बाजार की सलाह देने के कारण उत्पन्न हो सकते हैं। इन सलाहों में अक्सर भ्रामक दावे किए जाते हैं और पारदर्शिता का अभाव होता है।

सेबी के ताजा सर्कुलर में यह साफ किया गया है कि उसके द्वारा पंजीकृत सभी संस्थाओं और उनके एजेंट्स को ऐसे किसी व्यक्ति के साथ अनुबंध खत्म करना होगा, जो शेयर से संबंधित सलाह दे रहे हैं या निवेश रिटर्न का दावा कर रहे हैं। कई फिनफ्लुएंसर्स बिना सेबी की अनुमति के बड़े फॉलोअर बेस को प्रभावित कर रहे हैं और अपने वित्तीय संबंधों का खुलासा किए बिना मुनाफा कमा रहे हैं। 

इससे पहले, जून 2024 में सेबी ने इन फिनफ्लुएंसर्स को नियामक दायरे में लाने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए थे। हालांकि, कई फिनफ्लुएंसर्स ने इन नियमों का पालन करने से बचते हुए सेबी-पंजीकृत संस्थाओं के साथ अप्रत्यक्ष संबंधों के माध्यम से काम करना जारी रखा, जिससे निवेशकों के निर्णय पर इसका असर पड़ा है। 

सर्कुलर में सेबी ने स्पष्ट किया है कि उसके पंजीकृत संस्थानों को बिना सेबी की मंजूरी के ऐसे व्यक्तियों के साथ किसी प्रकार का वित्तीय लेन-देन, तकनीकी संपर्क, या ग्राहक रेफरल नहीं करना चाहिए जो बिना पंजीकरण के निवेश सलाह दे रहे हैं। यह प्रतिबंध उन संस्थानों पर लागू नहीं होगा जो केवल निवेश शिक्षा में लगे हैं और जो रिटर्न या प्रदर्शन का दावा नहीं करते।

भारत में फिनफ्लुएंसर्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। शीर्ष नाम जैसे शरण हेगड़े (2.6 मिलियन फॉलोअर्स), दिनेश किरौला (879K फॉलोअर्स) और केतन माली (572K फॉलोअर्स) करोड़ों लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। सेबी का यह कदम निवेशकों की सुरक्षा और वित्तीय सलाह में पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जिससे गलत सलाह से होने वाले वित्तीय नुकसान से बचा जा सके।

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NCLT ने खारिज की ZEE-सोनी विलय को लेकर फैंटम स्टूडियोज इंडिया की ये याचिका

फैंटम स्टूडियोज ZEEL का एक अल्प शेयरधारक है, जिसके पास कंपनी के करीब 1.3 मिलियन शेयर हैं, जिनकी कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये बताई जाती है।

Last Modified:
Monday, 28 October, 2024
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नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने फैंटम स्टूडियोज इंडिया द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है, जो जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) और सोनी ग्रुप की कंपनियों, बंगला एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (BEPL) और कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (CMEPL) के बीच प्रस्तावित विलय को लागू करने के लिए दायर की गई थी।

फैंटम स्टूडियोज ZEEL का एक अल्प शेयरधारक है, जिसके पास कंपनी के करीब 1.3 मिलियन शेयर हैं, जिनकी कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये बताई जाती है। मुंबई बेंच ने निर्णय दिया कि यह याचिका अब अप्रासंगिक हो गई है क्योंकि दोनों कंपनियों के बोर्ड ने पहले ही विलय की योजना को वापस ले लिया है।

सितंबर में, NCLT ने ZEEL को CMEPL और BEPL के साथ अपने संयुक्त विलय योजना को वापस लेने की अनुमति दी थी, क्योंकि कंपनियों ने आपसी समझौता कर लिया था। इसके बाद ट्रिब्यूनल ने 10 अगस्त 2023 को दी गई अपनी मंजूरी को भी रद्द कर दिया।

अगस्त 2024 में ZEEL और सोनी ने विवादों को सुलझाते हुए एक गैर-नकद समझौते की घोषणा की, जिसमें उन्होंने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में चल रहे मध्यस्थता और अन्य कानूनी मामलों को वापस लेने पर सहमति जताई।

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महेश लांगा के समर्थन में बोले 'द हिंदू' के संपादक, ऐसे तो खत्म हो जाएगी 'खोजी पत्रकारिता'

गुजरात में अंग्रेजी दैनिक 'द हिंदू' के वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा के खिलाफ गोपनीय दस्तावेजों के कथित कब्जे के आरोप में दूसरी एफआईआर दर्ज होने के बाद पत्रकारिता जगत में रोष है।

Last Modified:
Monday, 28 October, 2024
MaheshLanga7845

गुजरात में अंग्रेजी दैनिक 'द हिंदू' के वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा के खिलाफ गोपनीय दस्तावेजों के कथित कब्जे के आरोप में दूसरी एफआईआर दर्ज होने के बाद पत्रकारिता जगत में रोष है। 'द हिंदू' के संपादक सुरेश नंबथ ने इस मामले पर गहरी चिंता जताते हुए गुजरात पुलिस से एफआईआर वापस लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों का काम उन्हें गोपनीय और संवेदनशील दस्तावेजों तक पहुंचने की मांग करता है, ताकि वे जनहित में जानकारी प्रकाशित कर सकें। 

लांगा के खिलाफ पहली एफआईआर GST धोखाधड़ी मामले से जुड़ी थी, जिसमें उन्हें पहले ही हिरासत में रखा गया है। वहीं, दूसरी एफआईआर 22 अक्टूबर को गांधीनगर के सेक्टर-7 पुलिस थाने में दर्ज की गई, जिसमें गुजरात मैरीटाइम बोर्ड के गोपनीय दस्तावेजों के कब्जे का आरोप लगाया गया है। 

संपादक नंबथ ने सोशल मीडिया पर कहा कि "पत्रकारों का दायित्व है कि वे व्यापक जनहित को ध्यान में रखकर अपने काम में ऐसे दस्तावेजों का विश्लेषण करें। यदि उन्हें इस तरह के दस्तावेज रखने के लिए दंडित किया जाएगा, तो खोजी पत्रकारिता खत्म हो जाएगी।" उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इस एफआईआर को ऑनलाइन "संवेदनशील" श्रेणी में रखा गया है, जो कि एक खुली और पारदर्शी प्रक्रिया के खिलाफ है।

गांधीनगर के एसपी रवि तेजा वसमसेट्टी ने 'इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि यह शिकायत गुजरात मैरीटाइम बोर्ड द्वारा दर्ज कराई गई है और पुलिस अपने कर्तव्यों का पालन कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी तक लांगा के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है और मामले की जांच जारी है।

 वहीं इस मामले में द हिंदू पब्लिशिंग ग्रुप के डायरेक्टर व वरिष्ठ पत्रकार  एन. राम ने भी इस कार्रवाई की आलोचना की। साथ ही गोपनीय दस्तावेज हासिल करने के “पत्रकार के अधिकार” के लिए समर्थन की अपील की। उन्होंने कहा कि “यदि पत्रकारों को ऐसे दस्तावेजों को हासिल करने और उनका विश्लेषण करने के लिए जेल में डाल दिया जाता है या अन्यथा दंडित किया जाता है, तो खोजी रिपोर्टिंग का अधिकांश हिस्सा खत्म हो जाएगा! 

 

 

वहीं कई पत्रकार संगठनों ने भी इस मामले में लांगा के समर्थन में आवाज उठाई है और कहा कि पत्रकारों का काम जनहित में सच्चाई सामने लाना है, जिसके लिए गोपनीय दस्तावेजों का अध्ययन भी आवश्यक होता है।

इस मुद्दे पर पत्रकारों के अधिकार और जनहित को ध्यान में रखते हुए पत्रकार संगठन और अन्य लोग गुजरात पुलिस से इस एफआईआर को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

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ZMCL की बोर्ड मीटिंग में डॉ. विकास गर्ग को अतिरिक्त निदेशक किया गया नियुक्त

ZMCL ने बोर्ड मीटिंग के दौरान डॉ. विकास गर्ग को स्वतंत्र निदेशक की कैटेगरी में अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 26 October, 2024
Last Modified:
Saturday, 26 October, 2024
ZeeMedia784512

ZMCL ने बोर्ड मीटिंग के दौरान डॉ. विकास गर्ग को स्वतंत्र निदेशक की कैटेगरी में अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति का कार्यकाल 26 अक्टूबर 2024 से 25 अक्टूबर 2029 तक रहेगा।

डॉ. विकास गर्ग एक अनुभवी उद्यमी हैं और उनके पास केमिकल, प्लास्टिक, टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर, एग्रीबिजनेस, वेस्ट मैनेजमेंट, फिनटेक, हॉस्पिटैलिटी और एंटरटेनमेंट जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने कई संघर्षरत व्यवसायों को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है और स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कई कंपनियों की ग्रोथ में योगदान दिया है।

ZMCL की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, "डॉ. गर्ग ने Ebix Inc. का अधिग्रहण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे समूह की क्षमताओं में सॉफ्टवेयर और ई-कॉमर्स समाधान में वृद्धि हुई।" इसके अलावा, डॉ. गर्ग के पास वेस्ट प्लास्टिक मैनेजमेंट और बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक्स में तीन भारतीय पेटेंट हैं, जो उनके सतत विकास और नवाचार के प्रति समर्पण को दर्शाते हैं। 

डॉ. गर्ग के पास ब्रिटिश नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ क्वीन मैरी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मानद डॉक्टरेट और दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री है।

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Zee मीडिया के वित्तीय नतीजे जारी, जानिए क्या रही कंपनी की आय

जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ZMCL) ने 30 सितंबर 2024 को समाप्त तिमाही के लिए अपने वित्तीय नतीजे जारी किए।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 26 October, 2024
Last Modified:
Saturday, 26 October, 2024
ZeeMedia5984

जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ZMCL) ने 30 सितंबर 2024 को समाप्त तिमाही के लिए अपने वित्तीय नतीजे जारी किए। इस तिमाही में कंपनी की आय 133 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.43% कम है। पिछले साल इसी अवधि में कंपनी की आय 153.7 करोड़ रुपये थी।

वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में कंपनी की कुल आय 310.4 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 297.9 करोड़ रुपये थी। इस प्रकार, सालाना आधार पर इसमें 4.19% की वृद्धि हुई है।

 

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पत्रकारों के हित में CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने लिया ये बड़ा फैसला

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर को समाप्त होने जा रहा है, लेकिन इससे पहले उन्होंने पत्रकारों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है।

Last Modified:
Friday, 25 October, 2024
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर को समाप्त होने जा रहा है, लेकिन इससे पहले उन्होंने पत्रकारों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को कवर करने वाले पत्रकारों के लिए कानून की डिग्री होना जरूरी नहीं होगा। CJI चंद्रचूड़ ने यह सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें यह समझ नहीं आता कि पहले संवाददाताओं के लिए सुप्रीम कोर्ट कवर करने के लिए लॉ की डिग्री की आवश्यकता क्यों थी।

पत्रकारों के लिए राहत भरा कदम 

CJI चंद्रचूड़ के इस निर्णय से सुप्रीम कोर्ट कवर करने वाले पत्रकारों को बड़ी राहत मिलेगी। अब बिना कानून की डिग्री के भी पत्रकार सुप्रीम कोर्ट को कवर करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही पत्रकारों को कोर्ट परिसर में पार्किंग की सुविधा भी दी जाएगी। यह घोषणा 24 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में आयोजित ‘प्री दिवाली समारोह’ के दौरान की गई।

10 नवंबर को रिटायर होंगे CJI चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में कानूनी संवाददाताओं की मान्यता के लिए नियम लागू किया था, जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट को कवर करने वाले पत्रकारों के पास कानून की डिग्री होनी चाहिए। लेकिन CJI चंद्रचूड़ ने इस शर्त को अब पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। 9 नवंबर 2022 को पदभार संभालने वाले CJI चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को अपने पद से सेवानिवृत्त होंगे। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए आराम करने की इच्छा जताई है।

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'हिन्दी ख़बर' के प्रधान संपादक अतुल अग्रवाल पर हमला, चार आरोपी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के नोएडा में हिन्दी ख़बर न्यूज चैनल के प्रधान संपादक अतुल अग्रवाल पर कुछ बदमाशों ने हमला कर दिया।

Last Modified:
Friday, 25 October, 2024
AtulAgralwal74514

उत्तर प्रदेश के नोएडा में हिन्दी ख़बर न्यूज चैनल के प्रधान संपादक अतुल अग्रवाल पर कुछ बदमाशों ने हमला कर दिया। इस हमले में आरोपियों ने उनके साथ हाथापाई की और डंडों से उनकी कार को भी नुकसान पहुंचाया। घटना के बाद अतुल अग्रवाल ने पुलिस को शिकायत दी, जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने चारों आरोपियों को उनकी कार सहित गिरफ्तार कर लिया है।

बीच सड़क पर कार हटाने की बात पर हुआ विवाद

गुरुवार सुबह जब अतुल अग्रवाल अपने घर से ऑफिस के लिए निकले तो परथला फ्लाईओवर के पास कुछ लोगों ने बीच सड़क पर अपनी कार खड़ी कर रखी थी। जब उन्होंने रास्ता साफ करने को कहा, तो चारों आरोपी अभद्रता पर उतर आए और अचानक उन पर जानलेवा हमला कर दिया। आरोपियों के पास लाठी-डंडे थे, जिससे उन्होंने अतुल अग्रवाल की कार पर भी वार किया, जिससे कार क्षतिग्रस्त हो गई। इस दौरान अतुल अग्रवाल ने किसी तरह हमलावरों की तस्वीरें अपने मोबाइल में कैद कर लीं।

आरोपियों की कार पर बीजेपी का लगा था झंडा

मामले की जानकारी मिलते ही नोएडा सेक्टर 113 पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए चारों आरोपियों को उनकी कार के साथ गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की कार पर बीजेपी का झंडा लगा हुआ था, जिससे इस मामले में और सवाल खड़े हो रहे हैं।

पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है, जबकि बीजेपी से भी अपेक्षा है कि वह इस पर ध्यान दें। हालांकि, अभी तक आरोपियों का बीजेपी से कोई सीधा संबंध सामने नहीं आया है।

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