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प्रो कबड्डी लीग को लेकर स्टार इंडिया के कॉन्सेप्ट को यूं समझाया सीईओ उदय शंकर ने...

समाचार4मीडिया ब्यूरो प्रो कबड्डी लीग (PKL) में सबसे ज्‍यादा शेयर धारक स्‍टार इंडिया (Star India) सीजन दो के लिए टाइटल स्‍पॉन्‍सर के नवीनीकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है। स्‍टार इंडिया के सीईओ उदय शंकर ने कहा कि वह अगले साल टाइटल स्‍पॉन्‍सरशिप को बेच देंगे लेकिन यह उसी को दिया जाएगा, जो कबड्डी के भविष्‍य को ले

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago

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प्रो कबड्डी लीग (PKL) में सबसे ज्‍यादा शेयर धारक स्‍टार इंडिया (Star India) सीजन दो के लिए टाइटल स्‍पॉन्‍सर के नवीनीकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है। स्‍टार इंडिया के सीईओ उदय शंकर ने कहा कि वह अगले साल टाइटल स्‍पॉन्‍सरशिप को बेच देंगे लेकिन यह उसी को दिया जाएगा, जो कबड्डी के भविष्‍य को लेकर उतना ही वचनबद्ध होगा, जितने कि हम हैं। एक्‍सचेंज4मीडिया (exchange4media) से बातचीत में उदय शंकर ने कहा, ‘हमें ज्‍यादा लंबी पार्टनरशिप से कोई ऐतराज नहीं है। यह निर्णय मार्केटिंग और कॉमर्शियल के आधार पर लिया जाएगा। हम टाइटल स्‍पॉन्‍सरशिप सिर्फ ऐसे व्‍यक्ति को बेचेंगे जो हमारी तरह ही कबड्डी के भविष्‍य को लेकर प्रतिबद्ध (committed) हो। लेकिन हम जल्‍दबाजी में 20-30 करोड़ रुपये के लिए शॉर्ट टर्म पार्टनरशिप नहीं करने जा रहे हैं।’ पीकेएल के सीजन दो में एसोसिएट स्‍पॉन्‍सर (associate sponsors) के लिए विभिन्‍न कैटेगरी में आठ बड़े ब्रैंड सामने आए हैं। इन ब्रैंड्स में Bajaj Electricals, Department of Atomic Energy, Flipkart, Mahindra & Mahindra, State Bank of India, Thums Up, TVS Motorsऔर VIP Frenchie शामिल हैं। 18 जुलाई को शुरू हुए सीजन दो की व्‍यूअरशिप (viewership) पिछले साल के मुकाबले 60 प्रतिशत बढ़ चुकी है। यह भी है खास (THE NEXT BIG THING) उदय शंकर का मानना है कि कबड्डी का भविष्‍य काफी अच्‍छा है और यह तीन-चार साल में काफी आगे निकल जाएगा। उदय शंकर ने कहा, ‘जब हमने स्‍पोर्ट्स के क्षेत्र में उतरने का फैसला किया तो हमारे दिमाग में एक चीज बिल्‍कुल साफ थी कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्रिकेट कितना लोकप्रिय है। हमारा मानना था कि विविधताओं वाले इतने बड़े देश भारत में क्रिकेट के अलावा विभिन्‍न खेलों की जरूरत है और लोगों को इसे स्‍पोर्टिंग नेशन (sporting nation) बनाने की कोशिश करनी चाहिए। आपस में सलाह-मशविरा करने के बाद हमने कबड्डी को चुना।’ विभिन्‍न उम्र, जाति व धर्मों के लोग भेदभाव को भुलाकर इस खेल को खेलते हैं लेकिन इसे इतनी लोकप्रियता या बढ़ावा नहीं मिला, जितना क्रिकेट को मिला। हमने सोचा कि हमें कबड्डी मे ही हाथ आजमाना चाहिए क्‍योंकि इसमें काफी संभावनाएं हैं। काफी सोच विचार के बाद हमने इस पर काम शुरू कर दिया। अभी तक माना जाता रहा है कि कबड्डी ग्रामीण इलाके का और गरीबों का खेल है, इसलिए इस धारणा को तोड़ने के लिए हमने इसे नए तरीके से पैकेज किया। हमने इसमें इस बात का भी ध्‍यान रखा कि यह शहरी वर्ग के युवाओं को भी पसंद आए और लोग इसे टाइमपास खेल न समझकर गंभीरता से लें। इसके लिए हमने इसमें काफी बदलाव किए और इसे आज के जमाने के खेलों के अनुसार लुक दिया गया। प्रोडक्‍शन तकनीक में इजाफा कर स्‍टार इंडिया का प्रयास PKL सीजन दो को बड़ा और बेहतर बनाना है। एयर ग्राफिक्‍स और विश्‍लेषण दर्शकों को गेम के और ज्‍यादा करीब लेकर आते हैं। आठ चैनलों और हॉट स्‍टार के over-the-top (OTT)प्‍लेटफार्म पर पीकेएल सीजन दो का प्रसारण पांच भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी,कन्‍नड़, तेलुगू और मराठी) में किया जा रहा है। इसके अलावा यूनाइटेड स्‍टेट्स, यूनाइटेड किंगडम, मिडल ईस्‍ट और लैटिन अमेरिका समेत 100 देशों में भी इसका प्रसारण हो रहा है। मैच वाले दिन किसी मशहूर हस्‍ती द्वारा राष्‍ट्रगान गाया जाता है। रास्‍ते में आने वाली चुनौतियां उदय शंकर इस बात से चिंतित दिखे कि लोग स्‍पोर्टिंग कल्‍चर के अभाव के बारे में बात करते हैं लेकिन कई लोग इसके लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। उन्‍होंने कहा, ‘कारपोरेट घराने ऐंटरटेनमेंट में तो काफी खर्च कर देते हैं लेकिन स्‍पोर्ट्स में वह कुछ करोड़ रुपये भी खर्च नहीं करना चाहते हैं। यहां तक कि जिम्‍मेदार नागरिक भी घर से बाहर निकलकर न तो खेलना चाहते हैं और न ही बाहर मैदान में हो रहे खेल को देखना चाहते हैं।’ इसके अलावा दूसरी चीज उन्‍हें यह परेशान करती है कि क्रिकेट को छोड़कर अन्‍य खेलों के सुविधाओं की काफी कमी है। सरकार और निगम अधिकारियों के साथ ही बिजनेस मैन भी इस तरह के खेलों को बढ़ावा देने के लिए निवेश नहीं करना चाहते हैं। ऐसे में आम आदमी कहां खेले और प्रोफेशनल खिलाड़ी फुटबॉल व कबड्डी की प्रैक्टिस कहां करें, यह सबसे बड़ी चुनौती है। यदि देश में स्‍पोर्टिंग कल्‍चर (sporting culture) को बढ़ावा देना है तो यहां के कल्चर आदि में भी बदलाव करने होंगे। स्‍पोर्ट्स और उनका सामाजिक प्रभाव उदय शंकर का कहना है कि स्‍टार के लिए सभी मीडिया कंटेंट का उद्देश्‍य खेलों के प्रति समाज में सकारात्‍मक सोच पैदा करना है। उन्‍होंने कहा, ‘हम लोगों की सोच को बदलने और खेलों को आगे बढ़ाने के लिए काफी काम कर रहे हैं। कबड्डी की बात करें तो हमें अपने आप पर गर्व है कि हमने काफी कम समय में ही इसमें इतना कुछ कर लिया है। हालांकि अभी यह शुरुआती दौर में है लेकिन हमारे लिए यह काफी महत्‍वपूर्ण है। हमारा सपना है कि हम अगले पांच-दस सालों में देश भर में 30 हजार से 50 हजार कबड्डी खिलाड़ी तैयार कर लें जो इस खेल को नई ऊंचाई दे सकें। यदि हमने ऐसा कर दिखाया तो यह आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र के लिहाज से काफी महत्‍वपूर्ण होगा। पीकेएल का सीजन दो स्‍वच्‍छ भारत अभियान से जुड़कर सामाजिक सरोकारों को भी पूरा कर रहा है। इसके द्वारा दर्शकों, फ्रेंचाइजी क्‍लब्‍स, कबड्डी खिलाडि़यों और टेलिविजन दर्शकों से भी अपने आसपास सफाई रखने की अपील की जा रही है। इसके अलावा उदय शंकर ने फुटबाल के खेल का भी उदाहरण दिया जिसने लैटिन अमेरिका और अफ्रीका में काफी सकारात्‍मक भूमिका निभाई है और वेस्‍ट इंडीज में कुछ दूसरे खेलों में भी परिवर्तन हो रहा है। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि भारत में भी कबड्डी जैसे खेल के साथ भी ऐसा ही होगा। इस बीच इंडिया स्‍पोर्ट्स स्‍पॉन्‍सर रिपोर्ट 2015 (India Sports Sponsorship Report 2015), ग्रुप एम (GroupM) और स्‍पोर्ट्स पावर (SportzPower) का मानना है कि नई स्‍पोर्ट्स लीग के उदय के कारण क्रिकेट की ऑन ग्राउंड और टीम स्‍पॉन्‍सशिप में गिरावट हुई है। इनका अनुमान है कि नॉन क्रिकेट स्‍पोर्ट्स से स्‍पोर्ट्स बिजनेस का विस्‍तार होगा। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि प्रो कबड्डी लीग के दर्शकों की संख्‍या और बढ़ेगी और यह घर-घर में देखा जाएगा।

 

 

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