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इलना के लगातार तीसरी बार अध्यक्ष बने परेश नाथ
इंडियन लैंग्वेज न्यूज़पेपर्स एसोसिएशन (इलना) की 6 अक्टूबर, 2012 को हुई वार्षिक आम बैठक में परेश नाथ को फिर से एसोसिएशन का प्रेसीडेंट चुना गया है। इलना की वार्षिक बैठक के संचालन का काम उपाध्यक्ष रवि कुमार विश्नोई ने किया। और इसी बीच इलना के वरिष्ठ सदस्य अशोक नवरत्न ने एक प्रस्ताव तैयार किया, जिसमें इलना के वर्तमान अध्यक्ष परेश नाथ को फिर से एसोसिएशन
समाचार4मीडिया ब्यूरो 12 years ago
इंडियन लैंग्वेज न्यूज़पेपर्स एसोसिएशन (इलना) की 6 अक्टूबर, 2012 को हुई वार्षिक आम बैठक में परेश नाथ को फिर से एसोसिएशन का प्रेसीडेंट चुना गया है। इलना की वार्षिक बैठक के संचालन का काम उपाध्यक्ष रवि कुमार विश्नोई ने किया। और इसी बीच इलना के वरिष्ठ सदस्य अशोक नवरत्न ने एक प्रस्ताव तैयार किया, जिसमें इलना के वर्तमान अध्यक्ष परेश नाथ को फिर से एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया। अध्यक्ष परेशनाथ ने इस प्रस्ताव का धन्यवाद दिया और कहा कि चुनाव इलना की संवैधानिक प्रक्रिया के तहत ही होगा। इस के बाद आमसभा की बैठक का काम शुरू हुआ और विजय ब्रौंद्रिया को चुनाव अधिकारी बनाया गया। परेश नाथ ने इलना प्रकाशकों के हित मे अपने पिछले कार्यकाल में किये गये कामों पर विस्तार से बातचीत की और आने वाली चुनौतियों के संबंधं अपनी राय पेश की। उन्होंने कहा कि, हम ने अपने पिछले कार्यकाल में सरकार क गलत नीतियों का विरोध किया। इसमें सबसे खास पत्रिकाओं की रेलवे बुकिंग पर लिये जाना वाल रेलभाड़ा था। सरकार ने यह रेलभाड़ा कई गुना बढ़ी दिया था। हमने अपने संगठन की ओर से इसका कड़ा विरोध किया। जिसके फलस्वरूप रेल विभाग को हमारी बात माननी पड़ी और बढ़ा हुआ रेलभाड़ा कम करना पड़ा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अगर हम संगठित होकर अपनी बात को सरकार के सामने रखते हैं तो सरकार हमारी बात सुनने को मजबूर होती है। डीएवीपी का भेदभाव भी अब सहन नहीं किया जायेगा। डीएवीपी को अपने यहां रजिस्टर्ड सभी अखभारों को समान भाव से विज्ञापन देने चाहिए। परेश नाथ ने कुछ आंकड़े पेश किये, जिन में दिखाय गया था कि सरकार अपने विज्ञापनों की बड़ी रकम अंग्रेजी अखबारों को दे रही है, जो हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाओं के प्रकाशकों के शोषण की जड़ है। डीएवीपी या दूसरी एजेंसी के भेदभाव को किसी भी कीमत पर बरदाश्त नहीं किया जायेगा। परेश नाथ ने रिकॉगनाइज्ड एजेंसियों के बारे में प्रगति का ब्योरा दिया और आग्रह किया कि सभी विज्ञापन एजेंसियों को इनके दायरे में लाया जाये। ताकि ये राज्य सरकारों, जिला परिषदों, स्थानीय निकायों व व्यापारियों के विज्ञापनों का काम अधिकारिक तौर पर कर सके। परेश नाथ ने यह भी कहा कि प्रेस रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट1867 में जो संशोधन का प्रस्ताव है वो नितांत लोकतंत्र विरोधी है और उस संशोधन कानून तुरंत वापस लिया जाना चिहे। उन्होंने मांग की कि डिक्लेरेशन केवल प्रेस रजिस्ट्रार और उस के राज्यों की राजधानियों में नियुक्त उप प्रेस रजिस्ट्रों के सम्मुख फाइल करने का प्रावधान हो। रवि कुमार विश्नोई को उपाध्यक्ष, राजशेखर कोटी को उपाध्यक्ष(दक्षिण), और दीनबंधु चौधरी को उपाध्यक्ष(पश्चिम) घोषित किया गाय। चंद्रकांत भावे को दोबारा कोषाध्यक्ष चुना गया। जबकि विवेक गुप्ता(सांसद), प्रकाश पोहरे और अंकित बिश्नोई को महासचिव बनाया गया। अशोकन, एचएम शंकर, आईपी उन्याल और कुमार विजय सो सहसचिव नियुक्त किया गया। परेश नाथ ने इलना को विस्तार दोते हुए क्षेत्रिय कमेटियों की घोषणा की, जिसमें ललित भारद्वाज को उत्तरप्रदेश, विजय शंकर मिश्रा को भोपाल, एसएन अप्पादुरई को कोयंबटूह, रवि चमड़िया को पश्चिमी राजस्थान और विजय शर्मा को आगरा का संयोजक बनाया गया है। समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।
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