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क्या किसान चैनल के रिपोर्टर बनाने के नाम पर हो रही है मोटी वसूली?
समाचार4मीडिया ब्यूरो मोदी सरकार ने आते ही किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया, किसानों के लिए 24 घंटे चैनल की और शुरू कर दिया एक साल के अंदर ही डीडी किसान। देश भर के किसानों को बहुत जल्द टीवी और अखबार के विज्ञापनों और खबरों से पता भी चल गया, लेकिन उसी का फायदा उठाने में कुछ लोग जुट गए हैं। पता चला है कि डीडी किस
समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो
मोदी सरकार ने आते ही किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया, किसानों के लिए 24 घंटे चैनल की और शुरू कर दिया एक साल के अंदर ही डीडी किसान। देश भर के किसानों को बहुत जल्द टीवी और अखबार के विज्ञापनों और खबरों से पता भी चल गया, लेकिन उसी का फायदा उठाने में कुछ लोग जुट गए हैं। पता चला है कि डीडी किसान चैनल का रिपोर्टर बनाने के नाम पर देश भर में लोगों से हजारों रुपए वसूल कर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र थमाए जा रहे हैं।
ऐसे एक केस के खुलासा का दावा किसानों से जुड़ी खबरें देने वाली एक वेबसाइट ने किया है।
इस वेबसाइट kisankhabar.com के मुताबिक औरंगाबाद (महाराष्ट्र) के एक युवा ने उनसे संपर्क किया और बताया कि कैसे उन्हें महिलाओं के एक गैंग ने फोन पर डीडी किसान चैनल का रिपोर्टर बनाने का वायदा किया और दूरसंचार विभाग के लैटर हैड पर एक नियुक्ति पत्र उनके वॉट्स ऐप पर ही भेज दिया। कुछ दिनों के बाद उनसे एक बैंक एकाउंट में कुछ पैसे जमा करने को भी कहा। उसे कुछ शक हुआ, उसके भाई ने एक्शन लिया और अधिकारियों से कहकर उसका एकाउंट सीज कर दिया। हिमाचल के एक और व्यक्ति ने चालीस हजार रुपए दे दिए, सख्ती दिखाने पर उसके बीस हजार तो वापस हो गए हैं।
आप देख सकते हैं कि ये नियुक्त पत्र जो दूरसंचार विभाग का लैटर हैड है लेकिन डीडी किसान का भी लोगो बना हुआ है। इसमें से एक अभ्यर्थी ने तो उस लड़की की आवाज भी रिकॉर्ड कर ली है। लेकिन अभी भी किसी पर एक्शन नहीं हुआहै।
डीडी किसान पर पहले ही प्रोग्राम पास करवाने को लेकर कमीशन लेने के आरोप लग रहे हैं, ऐसे में एक पूरा गैंग अगर फर्जी जॉइनिंग करवाकर लोगों से पैसे वसूल रहा है तो इसके अधिकारियों को फौरन एक्शन में आने की जरूरत है।
ये भी हो सकता है कि इस फर्जीवाड़े में कोई अंदर का आदमी जुड़ा हो, माना जा रहा है किसान टीवी से ज्यादातर वो लोग जुड़े हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के तमाम चैनलों में काम कर चुके हैं और मार्केट में जिनके पास अच्छी नौकरी नहीं थी। इसलिए चैनल या सरकार की इमेज से ज्यादा उन्हें अपनी नौकरी की चिंता है बस, लेकिन सरकार को तो अपने ड्रीम प्रोजेक्ट की छवि की चिंता करनी चाहिए।
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