सूचना:
एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप की एक मात्र हिंदी वेबसाइट 'samachar4media.com' है और इससे मिलती जुलती वेबसाइट्स से 'समाचार4मीडिया' का कोई संबंध नही है। कुछ वेबसाइट्स 'समाचार4मीडिया' के कंटेंट का हू-ब-हू इस्तेमाल कर रही हैं, जिसे लेकर अब कानूनी सलाह ली जा रही है।

पत्रकारिता का इतिहास-भूगोल पढ़ें या नहीं, पर इसका अर्थशास्त्र जरूर पढ़ें: उदय सिन्‍हा, अमर उजाला

'अमर उजाला' के समूह संपादक उदय सिन्‍हा का कहना है कि पत्रकारिता...

Last Modified:
Monday, 27 August, 2018
uday sinha


समाचार4मीडिया ब्‍यूरो ।।

'अमर उजाला' के समूह संपादक उदय सिन्‍हा का कहना है कि पत्रकारिता करना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है और यह बहुत बड़ी बात है कि यह सब जानने के बावजूद बड़ी संख्‍या में विद्यार्थियों ने इस कोर्स का चुनाव किया है और इस पेशे में आना चाहते हैं।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता विश्‍वविद्यालय के नोएडा सेक्‍टर 62 स्थित स्‍थानीय परिसर में हुए नवागत विद्यार्थियों के प्रबोधन कार्यक्रम में विशिष्‍ट अतिथि उदय सिन्‍हा ने कहा कि काफी नए छात्र पत्रकारिता में आ रहे हैं। यह काफी गर्व की बात है कि हमारा 'समुदाय' और बड़ा होने वाला है और वे नए छात्रों का इस पेशे में स्‍वागत करते हैं। इसके अलावा उन्‍होंने छात्रों को पत्रकारिता जीवन में सफल होने के गुर भी सिखाए।

तय कीजिए कि क्‍यों बनना चाहते हैं पत्रकार : आप सबने यदि तय किया है कि आपको पत्रकार बनना है तो इसके लिए आपने कुछ न कुछ जरूर सोचा होगा कि आखिर आप क्‍यों इस पेशे में आना चाहते हैं। हालांकि कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि यह सोचने की बात नहीं है। जीवन में कुछ नहीं बने तो पत्रकार बन जाएंगे। लेकिन ऐसी बात नहीं है। आज यदि आप पत्रकारिता संस्‍थान में दाखिला लेकर पढ़ाई करते हैं तो यह तय बात है कि आपने कुछ न कुछ जरूर सोचा होगा कि हम पत्रकार क्‍यों बन रहे हैं। यदि नहीं सोचा है तो अब भी समय है और इस बारे में जरूर सोच लीजिए कि आखिर आप पत्रकार क्‍यूं बनना चाहते हैं।

बहुत बड़ी जिम्‍मेदारी है पत्रकारिता : आपमें से बहुत सारे विद्यार्थियों ने विज्ञान अथवा कॉमर्स से पढ़ाई की है और अब मॉस कम्‍युनिकेशन में दाखिला लिया है। हालांकि मॉस कम्‍युनिकेशन में दाखिला लेना सिर्फ पत्रकारिता नहीं है लेकिन शुरुआती तौर पर पत्रकारिता ही है, भले ही आप आगे जाकर कुछ करें। हो सकता है कि आपमें से कुछ विद्यार्थी डॉक्‍टर अथवा इंजीनियर बनना चाहते होंगे, लेकिन आखिर आप सोचिए कि क्‍यों आप डॉक्‍टर अथवा इंजीनियर बनना चाहते हैं। जरा सोचिए कि कोई भी व्‍यक्ति डॉक्‍टर अथवा इंजीनियर बनता क्‍यों है? दरअसल, डॉक्‍टर बनकर किसी व्‍यक्ति का उद्देश्‍य पैसा कमाना नहीं होता है। हालांकि कुछ लोग ऐसा सोचते भी होंगे, लेकिन अधिकतर लोग जब इस पेशे में आ जाते हैं और देखते हैं कि उनके सामने सबसे पहले मरीज की जिंदगी है तो डॉक्‍टर का पूरा ध्‍यान सब बातों को छोड़कर सिर्फ उस मरीज की जिंदगी बचाने पर होता है। आज बहुत सारे विद्यार्थी इंजीनियरिंग करके जब नौकरी करते हैं तो उनका उद्देश्‍य भी सिर्फ पैसा कमाना नहीं होता है। वे जानते हैं कि यदि वे कोई पुल बना रहे हैं तो इस पर से लाखों लोग गुजरेंगे और वे यह भी जानते हैं कि उनके ऊपर लाखों लोगों के जीवन की जिम्‍मेदारी है। जब ऐसी भावना उनके मन में आती है तो वे सही इंजीनियर बनते हैं। कहने का मतलब ये है कि इसी तरह एक पत्रकार के ऊपर भी बहुत बड़ी जिम्‍मेदारी होती है। आप यदि इस पेशे में आ रहे हैं तो आपको ऊपर भी एक बड़ी जिम्‍मेदारी आने वाली है कि आपको देखते हुए और सबको समझते हुए अपना काम करना है। इसके अलावा आपको सबकुछ सामने लाना है कि कहां क्‍या हो रहा है।

दरअसल, पत्रकारिता यही होती है। जब आप पत्रकार होते हैं तो आपका फर्ज होता है कि एक नागरिक को उसकी नागरिकता के बारे में सही ढंग से बता सकें कि उसकी भूमिका क्‍या है और सरकार के निर्णयों में उसकी कैसे भागीदारी होगी। दूसरी बात ये कि लोकतंत्र के रूप में आप जनता की आवाज बनते हैं और उसकी आवाज को सरकार तक पहुंचाते हैं। तभी आप एक अच्‍छे पत्रकार बनते हैं और यही पत्रकारिता है।

बहुत चुनौतियां हैं इस पेशे में : पत्रकारिता के पेशे में तमाम समस्‍याएं और चुनौतियां भी हैं। इसे मैं एक उदाहरण से बताऊं कि जब हम लोकतंत्र अथवा पत्रकारिता की बात करते हैं तो हम अमेरिका का जिक्र जरूर करते हैं। वहां हमारे देश की तरह मजबूत लोकतंत्र है। यह आज से 45-46 साल पुरानी बात है। उस समय अमेरिका में वाटरगेट कांड हुआ था। आज भी यह कांड पत्रकारिता के क्षेत्र में मील का पत्‍थर है। इस कांड का खुलासा दो युवा पत्रकारों वुडवर्ड और कार्ल बर्नस्टीन ने 1972 में किया था। तब दोनों काफी युवा पत्रकार थे और कुछ समय पूर्व ही उन्‍होंने 'वॉशिंगटन पोस्‍ट' अखबार में पत्रकारिता शुरू की थी। इस कांड ने तत्‍कालीन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को इस्‍तीफा देने पर मजबूर कर दिया था। जबकि उस समय निक्‍सन की तूती बोलती थी और वह काफी मजबूत राष्‍ट्रपति थे।

यह घटना पत्रकारिता का ऐसा आयाम है, ऐसी चीज है जो प्रेरणा देती है कि यदि हम चाहें तो कुछ भी कर सकते हैं। यह घटना इसलिए भी खास हो जाती है कि उस समय नए जमाने की मीडिया यानी वॉट्सऐप और ट्विटर की दुनिया नहीं थी। यदि ऐसा होता तो एक बड़ा वर्ग उन पत्रकारों के सामने खडा हो जाता और इसे फेक न्‍यूज बताते हुए कहता कि दोनों पत्रकार झूठ बोल रहे हैं। ऐसा नहीं है कि उन दोनों पत्रकारों के सामने चुनौतियां नहीं थीं अथवा उनको धमकाया नहीं गया था। राष्‍ट्रपति रिचर्ड निक्‍सन और उनकी पार्टी ने दोनों पत्रकारों को परेशान करने में किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ी थी। लेकिन गमीनत रही कि वह लड़ाई लड़ी गई और उसे अंजाम तक पहुंचाया गया। आज की जमाने में यह थोड़ा मुश्किल है। क्‍योंकि आज जब आप जनता को सच बताएंगे तो उसे साबित करना आज के समय में बड़ा कठिन काम होगा। जो सच को सही ढंग से साबित कर सकते हैं, वे समझ सकते हैं कि हम बेहतर पत्रकारिता कर सकते हैं और लोकतंत्र को मजबूत बना सकते हैं।


निष्‍पक्ष दिखना क्यों है जरूरी : दोस्‍तों, लोकतंत्र को मजबूत करने का यह मतलब कतई नहीं है कि आप सिर्फ खोजी पत्रकारिता करें। जब आप किसी लोकतांत्रिक देश की सभ्‍यता और संस्‍कृति को मजबूत करते हैं तो भी लोकतंत्र मजबूत होता है। आपके देश में कुछ भी यदि अच्‍छा होता है और उसे सामने लेकर आते हैं, तो भी लोकतंत्र मजबूत होता है। आजकल का जो समय है, उसमें आप चाहे खुद कितने ही निष्‍पक्ष क्‍यों न हों, लेकिन आपको अपनी निष्‍पक्षता साबित खुद करनी होगी। आज आप अपने कर्म, अपने व्‍यवहार यानी हर तरफ से निष्‍पक्ष दिखिए, तो विश्‍वास रखिए कि तब आप लोकतंत्र को मजबूत कर सकेंगे और तब सही अर्थों में आप पत्रकारिता कर सकेंगे।

देश को सुलझे हुए पत्रकारों की जरूरत : मुझे लगता है कि आज के समय में अच्‍छे और सुलझे हुए पत्रकारों की देश को काफी जरूरत है। आज हम लोग कैंपस इंटरव्‍यू करते हैं। लेकिन यह देखकर बड़ी कोफ्त होती है कि इनमें से मात्र कुछ छात्र ही सफल होते हैं और कई छात्र तो सामान्‍य सवालों के जवाब भी नहीं दे पाते। तब लगता है कि आखिर आप लोगों ने दो साल पत्रकारिता की क्‍या पढ़ाई की और संस्‍थान ने आपको कितना तैयार किया। हालांकि माखन लाल चतुर्वेदी विश्‍वविद्यालय जैसे कई संस्‍थान काफी बेहतर काम कर रहे हैं और इसके लिए ये बधाई के पात्र हैं।

खुद जानने व समझने की होनी चाहिए ललक : आज जब मैं पत्रकारिता के कई विद्यार्थियों से पूछता हूं कि वे क्‍या बनना चाहते हैं तो इनमें से अधिकांश का जवाब होता है कि वे पॉलिटिकल रिपोर्टर बनना चाहते हैं। मैं जब उनसे पूछता हूं कि आखिर ये पॉलिटिकल रिपोर्टिंग क्‍या होती है लेकिन किसी ने भी सही जवाब नहीं दिया। कोई कहता है कि प्रधानमंत्री, मुख्‍यमंत्री समेत जो बड़े नेता भाषण देंगे, उसे कवर करना पॉलिटिकल रिपोर्टिंग है तो कोई कहता है कि जो काम ठीक से नहीं हो रहे हैं, मैं उन्‍हें लिखूंगा। कहने का मतलब है कि इस बारे में आपको कोई शिक्षक नहीं सिखाएगा बल्कि विद्यार्थियों को यह सब खुद जानना और सीखना होगा। आपके अंदर जानने की उत्‍सुकता होनी चाहिए, नहीं तो दो साल पढ़ाई के बाद भी आप कहेंगे कि हमें कुछ बताया नहीं।


पत्रकारिता का अर्थशास्‍त्र समझें : आप पत्रकारिता का इतिहास अथवा भूगोल पढ़ें अथवा नहीं, इससे मतलब नहीं है। मैं चाहता हूं कि आप सबसे पहले पत्रकारिता का अर्थशास्‍त्र जरूर पढ़ लें कि आखिर आप कैसे एक प्रतिष्ठित संस्‍थान में नौकरी पा सकते हैं। आप खुद से भी यह जानने का प्रयास करें कि मैं ऐसा क्‍या पढ़ूं जिससे नौकरी पा सकूं और सफल हो सकूं। आपको यह समझना होगा कि पत्रकारिता के क्‍या-क्‍या आयाम हैं। मॉस कम्‍युनिकेशन दरअसल है क्‍या और क्‍युनिकेशन व मॉस में कैसे संबंध स्‍थापित करेंगे। आप इस बारे में अपने शिक्षकों की भी राय ले सकते हैं, लेकिन उत्‍सुकता आपके अंदर होनी चाहिए। आपको सभी चीजों की जानकारी होनी चाहिए, क्‍योंकि इसमें शॉर्टकट की कोई गुंजाइश नहीं है।

 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

ट्राई परामर्श पत्र: ऑडिट रिपोर्ट को लेकर ब्रॉडकास्टर्स व DPOs में टकराव

ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री ने पिछले चार सालों से डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (DPOs) द्वारा ऑडिट न किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 10 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 10 October, 2024
TV78955

ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री ने पिछले चार सालों से डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (DPOs) द्वारा ऑडिट न किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। यह आपत्तियां भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा जारी इंटरकनेक्शन रेगुलेशंस, 2017 और डिजिटल एड्रेसेबल सिस्टम्स ऑडिट मैनुअल पर मिले 55 सुझावों का हिस्सा हैं।

ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि DPOs द्वारा सब्सक्राइबर संख्या की गलत रिपोर्टिंग से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। इसलिए, उन्होंने ऑडिट करने का प्राथमिक अधिकार अपने पास रखने की मांग की है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रॉडकास्टर्स ने डीपीओ द्वारा ऑडिट रिपोर्ट न मिलने और नियमों के अनुपालन में कमी की भी शिकायत की है। उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) से अनुरोध किया है कि वह TRAI से उस धारा को हटाने के लिए कहे, जिससे नियमों के दुरुपयोग की संभावना बढ़ सकती है।

ब्रॉडकास्ट संस्थाएं जैसे इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) और ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (AIDCF) ने इस परामर्श पत्र का जवाब दिया है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

जियो होम डिजिटल से जुड़े अनिल जयराज, निभाएंगे ये महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

अनिल जयराज ने जून में वायकॉम18 स्पोर्ट्स के सीईओ पद से इस्तीफा दिया था।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 10 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 10 October, 2024
Anil78545

अनिल जयराज ने जियो होम डिजिटल सर्विसेज में बतौर अध्यक्ष (प्रेजिडेंट) पदभार संभाल लिया है। वह रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के डायरेक्टर पंकज पवार को रिपोर्ट करेंगे।

अनिल जयराज ने जून में वायकॉम18 स्पोर्ट्स के सीईओ पद से इस्तीफा दिया था। वायकॉम18 में उन्होंने स्पोर्ट्स संपत्तियों के अधिग्रहण, प्रसारण और मोनेटाइजेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

जयराज इससे पहले स्टार स्पोर्ट्स में कार्यरत थे, जहां वे एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट के पद पर थे। इसके अलावा, उन्होंने पिडिलाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड में चीफ मार्केटिंग ऑफिसर के रूप में भी काम किया है। पिडिलाइट से पहले, जयराज ने बीपी/कैस्ट्रॉल (BP/Castrol) में 16 साल तक यूके और भारत में सेल्स और मार्केटिंग के विभिन्न पदों पर सेवाएं दी थीं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

ZEE की स्वतंत्र जांच समिति ने सौंपी रिपोर्ट, नहीं मिली कोई गंभीर अनियमितता

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा गठित स्वतंत्र जांच समिति (IIC) ने अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौंप दी है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 10 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 10 October, 2024
ZEEL4587

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा गठित स्वतंत्र जांच समिति (IIC) ने अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौंप दी है। इस समिति की अध्यक्षता इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जज, जस्टिस डॉ. सतीश चंद्र कर रहे थे। उनके साथ जी के दो स्वतंत्र निदेशक - ऑडिट कमेटी के चेयरमैन और इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष उत्तम प्रकाश अग्रवाल और नामांकन एवं पारिश्रमिक समिति के चेयरमैन पी.वी. रामना मूर्ति शामिल थे। पी.वी. मूर्ति को मानव संसाधन और संगठन विकास में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है।

कंपनी द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, समिति ने नियामक एजेंसियों द्वारा उठाए गए सभी आरोपों की गहन समीक्षा की। समिति ने कंपनी द्वारा SEBI को दी गई सभी जानकारी और दस्तावेजों की विस्तृत जांच की।

जांच समिति ने आरोपों के तथ्यों की गहराई से जांच करने के लिए बाहरी ऑडिट फर्म्स और टैक्स एक्सपर्ट्स से सलाह ली। समिति की रिपोर्ट में कुछ प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया गया:

1. कंपनी के रिकॉर्ड और SEBI को दी गई प्रतिक्रियाओं की समीक्षा के बाद, समिति ने पाया कि कंपनी ने पूरी तरह सहयोग किया और नियामक प्राधिकरण के साथ विस्तृत उत्तर साझा किए।

2. पिछले मुद्दों पर SEBI द्वारा की गई समीक्षा के अनुसार, कंपनी ने आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए।

3. SEBI द्वारा उठाए गई दिक्कतों को दूर करने के लिए कंपनी और बोर्ड ने समय पर उचित कार्रवाई की है।

4. जांच के तहत लेन-देन कंपनी या उसके शेयरधारकों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालते पाए गए। ये लेन-देन सामान्य व्यवसाय का हिस्सा थे और इनमें कोई गंभीर अनियमितता नहीं पाई गई।

5. समिति ने यह भी कहा कि इस मामले में और कोई कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है, और कंपनी को कोई अतिरिक्त कानूनी या नीति बदलाव की जरूरत नहीं है।

रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए, समिति के अध्यक्ष डॉ. सतीश चंद्र ने कहा, "हमने सभी आरोपों की विस्तृत समीक्षा की है और बोर्ड को आवश्यक रिपोर्ट सौंप दी है। कंपनी के प्रबंधन और प्रमोटरों से मांगे गए दस्तावेजों और जानकारी को सत्यापित करने के बाद, हमने पाया कि कंपनी के संचालन में कोई नकारात्मक या अनुचित गतिविधि नहीं है।"

बोर्ड ने कंपनी को सलाह दी है कि SEBI के साथ लंबित सभी मुद्दों को समयबद्ध तरीके से निपटाया जाए ताकि कंपनी के शेयरधारकों और हितधारकों के हितों की सुरक्षा हो सके। इसके साथ ही, कंपनी से कहा गया है कि वह अपनी रणनीतिक विकास योजना के तहत प्रदर्शन और लाभप्रदता पर ध्यान केंद्रित करे।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

क्या 'धर्मा प्रोडक्शंस' का मूल्यांकन 600 करोड़ रुपये कर रहा 'सारेगामा'?

RP संजीव गोयनका समूह की कंपनी 'सारेगामा' करण जौहर की 'धर्मा प्रोडक्शंस' में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीदने के करीब है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 09 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 09 October, 2024
SaregamaDharma89565

RP संजीव गोयनका समूह की कंपनी 'सारेगामा' करण जौहर की 'धर्मा प्रोडक्शंस' में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीदने के करीब है। सूत्रों के अनुसार, इस डील में धर्मा प्रोडक्शंस का मूल्यांकन लगभग 600 करोड़ रुपये किया जा रहा है।

हालांकि, इस अधिग्रहण से जुड़ी विस्तृत जानकारी फिलहाल नहीं है, लेकिन इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि भविष्य में सारेगामा धर्मा प्रोडक्शंस में और हिस्सेदारी खरीद सकता है। यह अधिग्रहण सारेगामा की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिससे कंपनी अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर सके और मनोरंजन क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सके।

इस संभावित अधिग्रहण पर सारेगामा और धर्मा प्रोडक्शंस दोनों से हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' ने संपर्क किया, लेकिन अभी तक किसी भी पक्ष से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है।  

7 अक्टूबर को 'एक्सचेंज4मीडिया' ने रिपोर्ट दी थी कि धर्मा प्रोडक्शंस नए निवेशकों की तलाश कर रहा है और इस संदर्भ में सारेगामा से संपर्क किया है। इसी दिन, करण जौहर ने घोषणा की कि धर्मा प्रोडक्शंस की फिल्मों की प्री-रिलीज स्क्रीनिंग बंद की जाएगी, जो इस अधिग्रहण की चर्चाओं के बीच एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

इससे पहले, 10 अगस्त को एक्सचेंज4मीडिया ने ही सबसे पहले यह रिपोर्ट दी थी कि धर्मा प्रोडक्शंस निवेशकों की तलाश कर रहा है।

वैसे यह डील सारेगामा के लिए दूसरी बड़ी डील हो सकती है। इसके पहले FY24 में कंपनी ने डिजिटल एंटरटेनमेंट स्टार्टअप 'Pocket Aces' का अधिग्रहण किया था। नवंबर 2023 में, सारेगामा ने Pocket Aces में 51.8% हिस्सेदारी 175 करोड़ रुपये में खरीदी थी और फिर अगस्त 2024 में शेष 48.2% हिस्सेदारी 209 करोड़ रुपये से अधिक में खरीदी, जिससे कुल अधिग्रहण लागत लगभग 385 करोड़ रुपये हो गई।

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि सारेगामा की धर्मा प्रोडक्शंस में रुचि इस फिल्म प्रोडक्शन हाउस के मजबूत ब्रैंड और बॉलीवुड में इसकी समृद्ध विरासत के कारण है। धर्मा प्रोडक्शंस ने हाल के वर्षों में डिजिटल कंटेंट और टैलेंट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में भी कदम रखा है। यह अधिग्रहण सारेगामा को धर्मा के अनुभव और प्रतिष्ठा का लाभ उठाने का अवसर देगा, जिससे म्यूजिक और फिल्म प्रोडक्शन के बीच तालमेल स्थापित कर दर्शकों के लिए नया और रोमांचक कंटेंट तैयार किया जा सकेगा।

यह खबर तब सामने आई है जब FY23 में धर्मा प्रोडक्शंस का टैक्स के बाद मुनाफा घटकर 10.7 करोड़ रुपये हो गया, जो FY22 में 27.1 करोड़ रुपये था।

दूसरी ओर, FY24 में सारेगामा ने 866 करोड़ रुपये का राजस्व और 197 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया। कंपनी के बेहतर प्रदर्शन का मुख्य कारण संगीत लाइसेंसिंग में वृद्धि है, जो विज्ञापन राजस्व और नए संगीत में किए गए निवेश से प्रेरित है। इसके अलावा, आर्टिस्ट मैनेजमेंट वर्टिकल से होने वाली कमाई ने भी योगदान दिया है।

गौरतलब है कि 1976 में करण जौहर के दिवंगत पिता यश जौहर द्वारा स्थापित धर्मा प्रोडक्शंस भारत के प्रमुख फिल्म प्रोडक्शन हाउस में से एक है। इसने अपनी यात्रा की शुरुआत अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म 'दोस्ताना' से की थी। 2004 में, यश जौहर के निधन के बाद, करण जौहर ने कंपनी की बागडोर संभाली और इसे विज्ञापन, टैलेंट मैनेजमेंट, कंटेंट प्रोडक्शन और लाइव एंटरटेनमेंट जैसे क्षेत्रों में विस्तारित किया। धर्मा 2.0, कॉर्नरस्टोन एजेंसी, धर्मेटिक एंटरटेनमेंट और धर्मा शो लाइव टीवी एवं मूवीज जैसी पहलों के जरिए धर्मा ने अपनी पहुंच बढ़ाई।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

टाइम्स नेटवर्क से अनूप विश्वनाथन ने ली विदाई

टाइम्स नेटवर्क के नेटवर्क ब्रैंड स्ट्रैटेजी के एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट अनूप विश्वनाथन ने तीन साल के कार्यकाल के बाद ऑर्गनाइजेशन से विदाई ले ली है

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 09 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 09 October, 2024
Anup784544

टाइम्स नेटवर्क के नेटवर्क ब्रैंड स्ट्रैटेजी के एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट अनूप विश्वनाथन ने तीन साल के कार्यकाल के बाद ऑर्गनाइजेशन से विदाई ले ली है। वह अक्टूबर 2021 में इस ऑर्गनाइजेशन में शामिल हुए थे। 

हालांकि उनकी अगली भूमिका की जानकारी अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, वह जल्द ही एक बड़े ऑर्गनाइजेशन में रणनीतिक और नेतृत्वकारी भूमिका निभाने वाले हैं।

इसके पहले, अनूप क्रिएटिवलैंड एशिया से जुड़े थे, जहां वह दो साल से ज्यादा समय तक सीईओ रहे। उन्होंने वहां फाउंडर और क्रिएटिव चेयरमैन सजन राज कुरुप के साथ मिलकर काम किया।

2015 में उन्होंने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया में मार्केटिंग हेड के रूप में शामिल होकर सोनी के प्रमुख जनरल एंटरटेनमेंट चैनल (GEC) की मार्केटिंग का नेतृत्व किया था। इससे पहले, 2014 में वह टाइम्स टेलीविजन नेटवर्क के इंग्लिश एंटरटेनमेंट क्लस्टर के मार्केटिंग हेड भी रह चुके हैं।

2006 में अनूप ने लियो बर्नेट के साथ भी काम किया, जहां उन्होंने एचडीएफसी लाइफ, टाटा कैपिटल, मैकडॉनल्ड्स और सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन जैसे प्रमुख ब्रैंड्स को संभाला। 

अनूप से इस बारे में हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' की ओर से संपर्क किया गया, लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

वरिष्ठ पत्रकार यतेन्द्र शर्मा ने फिर अपनी सटीक राजनीतिक समझ का दिया 'सबूत'

'न्यूज18 इंडिया' के एसोसिएट एडिटर यतेन्द्र शर्मा ने एक बार फिर अपनी सटीक राजनीतिक समझ का सबूत दिया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 08 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 08 October, 2024
Yatendra Sharma

'न्यूज18 इंडिया' के एसोसिएट एडिटर यतेन्द्र शर्मा ने एक बार फिर अपनी सटीक राजनीतिक समझ का सबूत दिया है। उन्हें पॉलिटिकल खबरों में बीजेपी और सरकार की बड़ी खबरें ब्रेक करने के लिए जाना जाता है। इस बार उन्होंने हरियाणा चुनाव के रिजल्ट से दो दिन पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि बीजेपी को 35 से 47 सीटों पर जीत मिल सकती है, जबकि कुछ अन्य पत्रकारों का दावा था कि कांग्रेस के पक्ष में लहर चलेगी।

यतेन्द्र शर्मा की यह भविष्यवाणी आज हरियाणा चुनाव के नतीजों के बाद सच साबित हुई और 'न्यूज18 इंडिया' की वरिष्ठ एंकर रुबिका लियाकत को उनके साथ हुई उस बातचीत की याद आई, जिसमें उन्होंने इस संभावना का जिक्र किया था।

पहले भी साबित की है सटीकता

यतेन्द्र शर्मा सिर्फ हरियाणा चुनाव ही नहीं, बल्कि बीजेपी, आरएसएस और कई मंत्रालयों पर अपनी गहरी पकड़ के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने पहले भी कई बड़ी खबरें ब्रेक की हैं। 31 अगस्त 2023 को संसद के विशेष सत्र के दौरान जब ज्यादातर न्यूज चैनल्स वन नेशन, वन इलेक्शन और इंडिया-भारत पर चर्चा की उम्मीद जता रहे थे, तब यतेन्द्र ने सही जानकारी दी थी कि यह सत्र मुख्य रूप से पुरानी से नई संसद में शिफ्ट होने के लिए आयोजित किया जा रहा है और जी-20 सम्मेलन की सफलता पर चर्चा होगी। उनका हर एक पॉइंट सही साबित हुआ।

ब्रेक की कई बड़ी खबरें

यतेन्द्र शर्मा ने नेता विपक्ष लालकृष्ण आडवाणी के इस्तीफे की तारीख से लेकर उमा भारती की बीजेपी में वापसी की खबर सबसे पहले ब्रेक की थी। इसके अलावा जब बाकी मीडिया नितिन गडकरी के दूसरे कार्यकाल की खबर चला रहे थे, तब यतेन्द्र ने राजनाथ सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की खबर ब्रेक की और सही साबित हुए। उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की नियुक्ति की भविष्यवाणी भी सबसे पहले की थी।

2022 यूपी चुनाव और अनुच्छेद 370 पर सही दावे

यतेन्द्र शर्मा ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी की बड़ी जीत की भविष्यवाणी भी बहुत पहले ही कर दी थी, जो पूरी तरह सही साबित हुई। इसके अलावा, 2019 में भी उन्होंने सबसे पहले यह बताया था कि मोदी सरकार अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए संसद में बिल ला सकती है, और यह बात भी सही निकली।

हरियाणा चुनाव को लेकर उनकी ताजा भविष्यवाणी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यतेन्द्र शर्मा की राजनीतिक खबरों पर पकड़ और विश्लेषण अद्वितीय है। उनकी सटीक जानकारी और सही समय पर ब्रेक की गई खबरें उन्हें मीडिया के सबसे भरोसेमंद और सटीक पत्रकारों में से एक बनाती हैं।

 

 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

सन टीवी नेटवर्क ने की तीन नए स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति, बोर्ड समितियों का पुनर्गठन

सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड (SUN TV Network Ltd.) ने 7 अक्टूबर 2024 को अपनी बोर्ड बैठक के दौरान तीन नए स्वतंत्र गैर-कार्यकारी निदेशकों की नियुक्ति की घोषणा की है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 08 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 08 October, 2024
SunTV78952

सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड (SUN TV Network Ltd.) ने 7 अक्टूबर 2024 को अपनी बोर्ड बैठक के दौरान तीन नए स्वतंत्र गैर-कार्यकारी निदेशकों की नियुक्ति की घोषणा की है। इन नियुक्तियों का कार्यकाल 5 साल का होगा, जो शेयरधारकों की मंजूरी पर आधारित है।

नए निदेशकों की नियुक्ति :

1.  मंडलापु हरिनारायणन हर्षवर्धन  -  मंडलापु हर्षवर्धन को 7 अक्टूबर 2024 से अतिरिक्त स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। उनकी उम्र 34 वर्ष है और उन्होंने यूनाइटेड किंगडम की कैंटरबरी क्राइस्ट चर्च यूनिवर्सिटी (Canterbury Christ Church University) से फिल्म, रेडियो, टेलीविजन और मीडिया स्टडीज में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की है। वह अपने पारिवारिक व्यवसाय में निर्माण सामग्री, जैसे रेडी मिक्स कंक्रीट और वैकल्पिक ईंटों का उत्पादन करते हैं और साथ ही कॉर्पोरेट हॉस्पिटैलिटी बिजनेस को भी मैनेज करते हैं। 

2. रविवेंकटेश प्रगदीश कार्तिक -  रविवेंकटेश कार्तिक को भी 7 अक्टूबर 2024 से अतिरिक्त स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। 30 वर्षीय कार्तिक ने भारत के SSN कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर की डिग्री और यूएसए की यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग (University of Pittsburgh, USA) से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री प्राप्त की है। वह पहले 'प्रोटेरा इंक', 'टेस्ला इंक' और अमेरिका की 'यूएसए एंड लूसिड मोटर्स' जैसी प्रमुख कंपनियों में काम कर चुके हैं। वर्तमान में वे 'Premier Polymers & Pipes Private Limited' में निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।

3. जगदीशन गायत्री  - 50 वर्षीय जगदीशन गायत्री को 7 अक्टूबर 2024 से अतिरिक्त स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। वह पेशे से एक वकील हैं और उनके पास बैचलर ऑफ आर्ट्स एंड बैचलर ऑफ लॉ (BABL) की डिग्री है।

बोर्ड समितियों का पुनर्गठन:

इन नए निदेशकों की नियुक्ति के साथ, बोर्ड ने अपनी विभिन्न समितियों का पुनर्गठन भी किया है। इस पुनर्गठन के बाद, समितियों की नई संरचना को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इन समितियों की विस्तृत जानकारी आप नीचे देख सकते हैं।

सन ग्रुप ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन तीनों निदेशकों को SEBI या किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा निदेशक पद पर रहने से रोका नहीं गया है, जिससे उनकी नियुक्ति कानूनी रूप से सही है। 

इस नियुक्ति से ग्रुप को नई दृष्टिकोण और विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा, जिससे कंपनी के संचालन में सुधार होगा और इसकी विकास यात्रा को और गति मिलेगी।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

Amazon ने 'MX प्लेयर' के कुछ चुनिंदा एसेट्स का किया अधिग्रहण

ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी 'एमेजॉन' ने आखिरकार सोमवार को पुष्टि की कि उसने 'MX प्लेयर' के कुछ चुनिंदा एसेट्स का अधिग्रहण कर लिया है 

Last Modified:
Monday, 07 October, 2024
Amazon MX Player

ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी 'एमेजॉन' ने आखिरकार सोमवार को पुष्टि की कि उसने 'MX प्लेयर' के कुछ चुनिंदा एसेट्स का अधिग्रहण कर लिया है और इसे अपनी मौजूदा सर्विस 'एमेजॉन मिनी टीवी' (Amazon miniTV) के साथ मर्ज करने की योजना बनाई है। यह नया प्लेटफॉर्म अब 'एमेजॉन MX प्लेयर' के रूप में सामने आएगा। 

'एमेजॉन' ने एक बयान में कहा, “यह स्ट्रैटजी भारत के दो सबसे लोकप्रिय मुफ्त विज्ञापन-समर्थित वीडियो-ऑन-डिमांड (AVOD) सेवाओं को एक एकीकृत ब्रैंड के तहत लाती है।” 

भारत में सबसे बड़ा मुफ्त स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म

नए ऐप के लॉन्च के साथ ही एमेजॉन अब भारत में सबसे बड़े मुफ्त स्ट्रीमिंग सेवाओं में से एक बन गया है। एमेजॉन के अनुसार, 'सितंबर में 25 करोड़ से अधिक यूजर्स ने इस कम्बाइंड  सर्विस पर हजारों ओरिजिनल शो, लोकप्रिय फिल्मों और स्थानीय भाषाओं में डब किए गए अंतरराष्ट्रीय कंटेंट का आनंद लिया।'

हालांकि यह डील कितने की हुई, इसकी सटीक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह डील $30-40 मिलियन के बीच हो सकती है। यह मूल्य 2018 में टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड द्वारा 'MX प्लेयर' की खरीद के एक चौथाई के करीब है।

एमेजॉन और MX प्लेयर की डील का सफर

गौरतलब है कि 20 मार्च, 2023 को सबसे पहले 'एक्सचेंज4मीडिया' ने यह रिपोर्ट दी थी कि 'एमेजॉन MX प्लेयर' को खरीदने की योजना बना रहा है, ताकि वह भारत के विशाल उपभोक्ता बाजार में अपने एंटरटेनमेंट बिजनेस का विस्तार कर सके।

MX प्लेयर और एमेजॉन ने तब इस डील की पुष्टि नहीं की थी, लेकिन कई दौर की बातचीत और चर्चाओं के बाद भी यह डील सफल नहीं हुई थी। इस चर्चा को मई 2023 में फिर से पुनर्जीवित किया गया और 29 मई को 'एक्सचेंज4मीडिया' ने रिपोर्ट किया कि एमेजॉन और MX प्लेयर के बीच बातचीत एक महत्वपूर्ण चरण में है।

एमेजॉन के अधिकारियों ने जून 2023 में 'एक्सचेंज4मीडिया' से बात की और कहा, 'एमेजॉन ने MX प्लेयर से कुछ एसेट्स खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।'

उपभोक्ता और विज्ञापनदाता को होगा फायदा

एमेजॉन ऐडवरटाइजिंग इंडिया के प्रमुख गिरीश प्रभु ने कहा कि इस मर्जर से MX प्लेयर की व्यापक पहुंच और एमेजॉन की उन्नत विज्ञापन तकनीक, जो अरबों ग्राहक सिग्नल्स पर आधारित है, एक साथ आएंगे।

गिरीश प्रभु ने कहा, 'यह मर्जर सभी ब्रैंड्स को बड़े पैमाने पर भारत भर में एक बहुत ही संलग्नक बेस तक पहुंचने और प्रासंगिक विज्ञापन देने का अवसर प्रदान करेगा।'

दर्शकों को मिलेगा बेहतर अनुभव

एमेजॉन MX प्लेयर के प्रमुख करन बेदी ने कहा, 'एमेजॉन का हिस्सा बनकर हम पूरे देश में लाखों दर्शकों को शानदार अनुभव प्रदान कर सकते हैं। हम उच्च गुणवत्ता वाली मनोरंजन सामग्री को पहले से कहीं तेजी से उपलब्ध करवा पाएंगे और सेवा को मुफ्त रखना जारी रखेंगे।'

इस मर्जर से MX प्लेयर के दर्शकों, विज्ञापनदाताओं और कंटेंट पार्टनर्स को बड़ा फायदा होगा और इससे सेवा को और भी अधिक लोगों तक पहुंचाने का अवसर मिलेगा।

एमेजॉन ने यह भी कहा कि वह ओरिजिनल्स और लोकप्रिय शो के नए सीजन में निवेश जारी रखेगा, जिससे विज्ञापनदाताओं को दर्शकों के साथ अपने संबंधों को और गहरा करने का मौका मिलेगा।

इस मर्जर के बाद, एमेजॉन ने भारत के मुफ्त स्ट्रीमिंग मार्केट में एक मजबूत उपस्थिति स्थापित कर ली है और आगे भी इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की योजना बनाई है। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

टाइम्स नेटवर्क में इस बड़े पद पर जुड़ीं आंचल जौहर, विशेष प्रोजेक्ट्स का संभालेंगी जिम्मा

इससे पहले, आंचल जौहर 'जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड' में असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट के रूप में कार्यरत थीं।

Last Modified:
Monday, 07 October, 2024
AnchalJohar78741

आंचल जौहर को 'टाइम्स नेटवर्क' में एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट के पद पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने इस करियर अपडेट की जानकारी लिंक्डइन पर दी है, जहां उन्होंने बताया कि इस नई भूमिका में वह पूरे भारत में ब्रैंड्स के साथ कंटेंट पार्टनरशिप, नेटवर्क IPs (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) और विशेष प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी संभालेंगी। यह आंचल का 'टाइम्स नेटवर्क' में दूसरा कार्यकाल है।

लिंक्डइन पोस्ट में जौहर ने कहा, "मैं यह बताते हुए बेहद उत्साहित हूं कि मैंने 'टाइम्स टेलीविजन नेटवर्क' में एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट के रूप में जॉइन किया है, जहां मैं पूरे भारत में ब्रैंड्स के साथ कंटेंट पार्टनरशिप, नेटवर्क IPs और विशेष प्रोजेक्ट्स को लीड करूंगी। आइए मिलकर 'टाइम्स नेटवर्क' पर ब्रैंडेड कंटेंट के असीमित अवसरों की खोज करें।"

इससे पहले, आंचल जौहर 'जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड' में असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट के रूप में कार्यरत थीं, जहां उन्होंने 'जी न्यूज', 'जी बिजनेस' और 'वियॉन' के लिए स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप और ब्रैंडेड कंटेंट को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आंचल जौहर के पास मीडिया इंडस्ट्री में 17 वर्षों का अनुभव है, जिसमें उन्होंने सेल्स, ब्रैंडेड कंटेंट और IPs, मार्केटिंग, ऑपरेशंस और बिजनेस डेवलपमेंट जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम किया है। 

अपने पिछले कार्यकालों में आंचल ने 'इंडिया टुडे', '9X मीडिया' और 'द वॉल्ट डिज़्नी' जैसी प्रमुख कंपनियों में भी काम किया है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

नेटवर्क18 ग्रुप ने शेयरधारकों की मंजूरी से किए ये तीन बड़े फैसले

नेटवर्क18 मीडिया एंड इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड ने शेयर बाजार को सूचित किया कि कंपनी के तीन महत्वपूर्ण नियुक्ति प्रस्तावों को शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 05 October, 2024
Last Modified:
Saturday, 05 October, 2024
Network18

नेटवर्क18 मीडिया एंड इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड ने शेयर बाजार को सूचित किया कि कंपनी के तीन महत्वपूर्ण नियुक्ति प्रस्तावों को शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है। यह मंजूरी ई-वोटिंग के जरिए प्राप्त की गई थी। 

नियुक्ति और पुनर्नियुक्ति के फैसले: 

1. आदिल जैनुलभाई को नॉन-एग्जिक्यूटिव नॉन-इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है।  
2. रेणुका रामनाथ को इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है।  
3. राहुल जोशी को कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में पुनर्नियुक्त किया गया है। 

ये तीनों प्रस्ताव भारी बहुमत से पारित किए गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कंपनी के शेयरधारक इन नियुक्तियों को लेकर काफी सकारात्मक हैं।

ई-वोटिंग और परिणाम: 

ई-वोटिंग का आखिरी दिन 2 अक्टूबर 2024 था और यह सभी प्रस्ताव आवश्यक बहुमत के साथ पारित हो गए। वोटिंग परिणामों को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियम 44(3) के तहत तय प्रारूप में जारी किया गया है। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए