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#MeToo: एमजे अकबर ने महिला पत्रकार के खिलाफ लिया ये एक्शन

सोशल मीडिया चल रहे कैंपेन #MeToo के तहत यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे...

समाचार4मीडिया ब्यूरो 6 years ago

समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।

सोशल मीडिया चल रहे कैंपेन #MeToo के तहत यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने  अपनी सफाई देने के बाद कानूनी रास्ता अपनाया है। उन्होंने आरोप लगाने वाली एक पत्रकार प्रिया रमानी पर मानहानि का केस किया है। अकबर ने अपने वकील कंजरवाला एंड कंपनी के माध्यम से दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में रमाणी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। इसके साथ ही उन्होंने मानहानि के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की मांग की है। 

बता दें कि एमजे अकबर पर 10 से ज्यादा महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर चल रहे #MeToo कैंपेन के तहत यौन शोषण के आरोप लगाए हैं, जिनमें से प्रिया रमाणी भी एक हैं।

रविवार सुबह अपनी नाइजीरिया यात्रा से लौटे एमजे अकबर ने दोपहर बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दी और सभी आरोपों का बेबुनियाद और झूठा बताया।

कई मीडिया घरानों में संपादक रह चुके विदेश राज्य मंत्री ने न सिर्फ महिला पत्रकारों के आरोपों को खारिज किया, तब उन्होंने आरोप लगाने वाली महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि इन आरोपों से मेरी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।

20 साल बाद आरोप लगाने पर भी उन्होंने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कई महिलाओं ने तो 20 साल पुरानी बातों का जिक्र किया है वो महिलाएं अब तक चुप क्यों थीं, जिस वक्त उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं उसके बाद भी मैंने कई महिलाओं के साथ काम किया है, तब भी किसी ने क्यों कुछ नहीं बोला। किसी ने अब तक शिकायत क्यों नहीं कराई, उसकी एक ही वजह है कि मैंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है।

अपने खिलाफ चलाए गए अभियान के पीछे बड़ी साजिश का संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि ये सभी आरोप 2019 के चुनाव से पहले ही क्यों लगाए जा रहे हैं। इस अभियान के पीछे क्या कोई एजेंडा है?  आप ही फैसला करें। इन आरोपों के जरिए चुनाव से पहले मेरी छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि दौरे से लौटने के बाद खुद अकबर आरोपों पर स्थिति साफ करेंगे।

उन्होंने कहा कि कुछ हिस्सों में बिना सबूतों वाले आरोप वायरल फीवर की तरह फैल रहे हैं। ये झूठे और बेबुनियाद हैं। दुर्भावना के चलते आरोपों में तड़का लगाया जा रहा है। मैं आधिकारिक यात्रा पर बाहर गया था और इसीलिए आरोपों का जवाब नहीं दे पाया। इन आरोपों से मेरी छवि को ऐसा नुकसान पहुंचा है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। 

बता दें कि एमजे अकबर पर करीब 10 महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर चल रहे #MeToo कैंपेन के तहत यौन शोषण के आरोप लगाए हैं और ये घटना तबकि है जब एमजे अकबर मीडिया संस्थानों में ऊंचे ओहदे पर थे। आरोप लगाने वालों में प्रिया रमानी, गजाला वहाब, शुमा राहा, अंजु भारती, शुतापा पॉल आदि महिला पत्रकार शामिल है।

विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि रमानी ने एक साल पहले एक पत्रिका में लेख लिखकर उनके खिलाफ अभियान छेड़ा था। अकबर ने कहा, ‘हालांकि उन्होंने मेरा नाम नहीं लिया था क्योंकि वह जानती थीं कि यह गलत खबर है। लेकिन हाल ही में जब पूछा गया था कि उन्होंने मेरा नाम क्यों नहीं लिया तो उन्होंने एक ट्वीट में जवाब दिया कि कभी नाम नहीं लिया क्योंकि उन्होंने कुछ नहीं किया था।’

उन्होंने कहा, ‘अगर मैंने कुछ नहीं किया, तो इसमें खबर कहां है और क्या है? कोई खबर नहीं है, यह तो शुरुआत में कबूल कर लिया गया था, लेकिन कुछ नहीं होने के बाद भी उसके इर्दगिर्द बेसिर-पैर की कहानियां गढ़ दी गई।’ अकबर ने कहा कि ऐसे ही पॉल ने भी कहा, ‘उस आदमी ने कभी मुझ पर हाथ नहीं रखा’, वहीं शुमा राहा ने भी साफ कर दिया कि ‘वाकई उन्होंने कुछ नहीं किया।’

उन्होंने कहा कि अंजू भारती का यह दावा पूरी तरह बेतुका है कि वह स्वीमिंग पूल में पार्टी कर रहे थे क्योंकि मुझे तैरना ही नहीं आता। अकबर ने इन सभी आरोपों के जवाब में गजाला वहाब के आरोपों का विस्तार से जवाब देते हुए उन्हें झूठा, मनगढ़ंत और बेबुनियाद बताया।

अकबर ने गजाला वहाब नाम की महिला के आरोपों को भी झूठ का पुलिंदा बताया। उन्होंने कहा कि बहाव ने उनके साथ केवल ‘द एशियन एज’ अखबार में काम किया था, जिसकी संपादकीय टीम उन दिनों एक छोटे से हॉल में काम करती थी और वह खुद पूरी तरह से खुले एक छोटे से केबिन में बैठते थे। कांच और प्लाइवुड से घिरे खुले केबिन के चारों ओर मुश्किल से दो फुट की दूरी पर दूसरे लोग काम कर रहे होते थे। अकबर ने कहा, ‘इस बात पर भरोसा करना भी अजीब लगता है कि उस छोटी सी जगह में कुछ हो सकता था और तिस पर भी पास में बैठे किसी सहकर्मी को पता नहीं चलेगा। ये आरोप झूठे, मनगढ़ंत और बेबुनियाद हैं।'

उन्होंने कहा कि जिस वीनू सान्याल से सारी बातें बताने का गजाला वहाब दावा कर रही हैं, उसने भी उसे खारिज कर दिया। अकबर के अनुसार वीनू सान्याल ने वहाब के आरोपों का बकवास बताया है। आरोपों के समय पर सवाल उठाते हुए एमजे अकबर ने कहा कि आखिरकार लोकसभा चुनाव के पहले ही आरोपों की आंधी क्यों चली है। इसके पीछे कोई एजेंडा तो नहीं है?

अकबर ने कहा, ‘कुछ हिस्सों में मेरे खिलाफ बिना साक्ष्यों के आरोप वायरल फीवर की तरह फैल रहे हैं। जो भी मामला हो, अब मैं लौट आया हूं, मेरे वकील इन बेबुनियाद आरोपों पर कानूनी कदम उठाएंगे।’

वहीं दूसरी तरफ, मोदी सरकार के मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि अगर आरोप साबित होने पर एमजे अकबर को इस्तीफा दे देना चाहिए। विपक्षी दल कांग्रेस, माकपा और एआईएमआईएम भी अकबर से इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं।

उधर, दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने एमजे अकबर को उनके पद से हटाए जाने के लिए प्रधानमंत्री को लेटर भी लिख चुकी हैं। एमजे अकबर की सफाई पर रविवार को तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि क्या उनके खिलाफ आरोप लगाने वाली सभी महिलाएं झूठ बोल रही हैं?

मालीवाल ने ट्वीट किया, ‘सभी महिलाएं झूठे आरोप लगा रही हैं? वे संसद में आपकी सीट के बाद हैं? अगर भारतीय जनता पार्टी को आज कोई नुकसान पहुंचा रहा है तो वह है एमजे अकबर का खराब और भ्रष्ट व्यवहार और प्रधानमंत्री मोदी की अविश्वसनीय चुप्पी और मामले में कोई कदम नहीं उठाना।’

हालांकि दिल्ली महिला आयोग ने यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराने के लिए एक अलग ई-मेल की सुविधा दी है। आयोग ने कहा कि इस संबंध में कोई भी शिकायत metoodcw@gmail.com पर की जा सकती है। इसके अलावा 181 पर फोन करके भी सहायता प्राप्त की जा सकती है। ऐसा करने से आरोपियों को सजा दिलाने का रास्ता मजबूत होगा।

वहीं इससे पहले केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा था केंद्र सरकार #MeToo कैम्पेन के तहत सामने आ रहे मामलों की जनसुनवाई के लिए चार रिटायर्ड जजों की कमेटी बनाएगी।

 

 

 

 

 

 


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