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मीडिया की कवरेज पर शिवसेना ने उठाया ये सवाल...
याकूब मेमन की फांसी के दौरान मीडिया में की गई जरूरत से अधिक कवरेज की आलोचना करने के बाद अब एक बार फिर शिवसेना ने मीडिया पर निशाना साधा है। अपने मुखपत्र ‘सामना' के संपादकीय के जरिए इस बार शिवसेना ने महवत्पूर्ण विषयों पर खबरों की अनदेखी करने को लेकर मीडिया की आलोचना की है। शिवसेना ने शीना बोरा हत्या मामले पर ध्यान केंद्रित करने को लेकर मीडिया की
समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago
याकूब मेमन की फांसी के दौरान मीडिया में की गई जरूरत से अधिक कवरेज की आलोचना करने के बाद अब एक बार फिर शिवसेना ने मीडिया पर निशाना साधा है। अपने मुखपत्र ‘सामना' के संपादकीय के जरिए इस बार शिवसेना ने महवत्पूर्ण विषयों पर खबरों की अनदेखी करने को लेकर मीडिया की आलोचना की है। शिवसेना ने शीना बोरा हत्या मामले पर ध्यान केंद्रित करने को लेकर मीडिया की साख पर सवाल उठाया कि क्या लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की यह भूमिका जायज है? पार्टी ने कई महत्वपूर्ण विषयों को ‘अनसुना' करने पर मीडिया की खिंचाई की। संपादकीय में कहा गया, ‘इंद्राणी मामले को कवर करने के दौरान मीडिया ने घटित अन्य खबरों की अनदेखी की। 1965 में लड़े गए भारत-पाक युद्ध की भी अनदेखी की गई। अगर मीडिया किसी युद्ध को जीतने के लिए किए गए हमारे जवानों के बलिदान की अनदेखी करता है तो क्या इसे ही समाज की मनोवृत्ति का आईना कहेंगे?' संपादकीय के मुताबिक, ‘इंद्राणी ने पुलिस हिरासत में क्या खाया, क्या पिया और वह सोई या नहीं, मीडिया ने उनसे संबंधित पल पल की सूचना विस्तार से दी। मीडिया घरानों में इसे लेकर प्रतिस्पर्धा थी। उसी समय विदर्भ और मराठवाडा सूखे की चपेट में हैं और लोग तथा मवेशी मर रहे हैं, लेकिन किसी को इनकी चीख पुकार सुनाई नहीं दी।' मीडिया पर तंज कसते हुए शिवसेना ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे आतंकवाद का संकट खत्म हो गया है, जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों ने भारत के खिलाफ अपनी लडाई छोड दी है और पाकिस्तान ने संघर्षविराम उल्लंघन करना बंद कर दिया है। शिवसेना ने मीडिया का मजाक उड़ाते हुए कहा, ‘ऐसा लगता है कि पाकिस्तानियों द्वारा कोई जवान मारा नहीं जा रहा है और कोई नागरिक घायल नहीं हो रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि मुंबई में स्कूली छात्रों और शिक्षकों की सारी समस्याएं सुलझा ली गई हैं और रोटी-कपडा-मकान का सारा संकट खत्म हो गया है और इंद्राणी मामला ही एकमात्र मनोरंजन रह गया है।' मीडिया की इस तरह की रिपोर्टिंग पर सवाल खड़े करते हुए पार्टी ने पूछा, ‘ऐसी स्थिति में क्या एक भ्रमित और बहरी मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाना चाहिए...?' समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।
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