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मीडिया रिपोर्टिंग से नाराज सुप्रीम कोर्ट, दी ये सख्त नसीहत
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में मीडिया और जांच एजेंसियों को फटकार लगाई...
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो।।
सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िताओं की पहचान उजागर किए जाने को लेकर मीडिया और जांच एजेंसियों को फटकार लगाई है। अपने एक अहम फैसले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया और जांच एजेंसियों को ये बात ध्यान रखनी चाहिए कि किसी भी सूरत में रेप पीड़िता की पहचान को उजागर नहीं किया जाए।
अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ज्यादा ध्यान मीडिया पर दिया है। कोर्ट ने मीडिया को नसीहत देते हुए कहा कि किसी अपराध की घटना को न केवल रिपोर्ट करने का अधिकार मीडिया का होता है, बल्कि उसकी ड्यूटी भी है, लेकिन रेप के मामलों को बिना सनसनी फैलाए, संज़ीदगी के साथ कवर किया जाना चाहिए। मीडियाकर्मियों को रेप पीड़िता के इंटरव्यू से बचना चाहिए।
कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी साफ किया है कि भले ही पीड़िता की मौत हो चुकी हो, फिर भी उसकी पहचान को उजागर नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने कहा है कि कोई भी रेप पीड़िता चाहे उसकी मौत हो गई हो या वो मानसिक रूप से कमजोर हो, उसकी पहचान को किसी भी रूप में सार्वजनिक नहीं किया जाएगा, भले उसके घरवालों ने इसकी इजाजत दे दी हो।
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस से कहा है कि रेप और पॉक्सो एक्ट के मामलों में पुलिस एफआइआर वेबसाइट पर अपलोड न करें। फोरेंसिक लैब भी सीलबंद कवर में ही रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करें।
अपने फैसले में अदालत ने कहा कि ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में रेप पीड़ितों को ऐसे पेश किया जाता है कि जैसे उनकी ही ग़लती हो और उल्टे उन्हें ही प्रताड़ना झेलनी पड़ती है। इस मानसिकता को बदलने की ज़रूरत है। कोर्ट ने राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वो एक साल में जिले में ऐसे केंद्र स्थापित करे कि जो रेप पीड़ितों के पुर्नवास और उनसे जुड़े दूसरे मसलों को डील करें।'
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