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TRAI के साथ विवाद में सुप्रीम कोर्ट से Star India को मिली शिकस्त
'स्टार इंडिया' (Star India) और 'टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया' (TRAI) के बीच लंबे समय से चल रहे...
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो।।
'स्टार इंडिया' (Star India) और 'टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया' (TRAI) के बीच लंबे समय से चल रहे टैरिफ ऑर्डर विवाद का मंगलवार को पटाक्षेप हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्टार इंडिया की याचिका को खारिज करते हुए ट्राई के टैरिफ ऑर्डर को बरकरार रखा है। इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 11 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इस मामले में मद्रास हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के बाद ट्राई ने तीन जुलाई को टेलिकम्युनिकेशन (ब्रॉडकास्टिंग और केबल) इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम्स) रेगुलेशंस 2017 को लागू कर दिया था। आदेश को अमल में लाने के लिए ट्राई ने शेयरधारकों के लिए समय सीमा भी तय की थी। इस आदेश को लागू करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त रखी गई थी।
31 अगस्त की समय सीमा को देखते हुए कई प्रमुख ब्रॉडकास्टर्स ने इंटरकनेक्शन एग्रीमेंट के साथ पहले ही अपना रिफरेंस इंटरकनेक्ट ऑफर (RIO) प्रकाशित कर चुके हैं।
'ZEE' ही सबसे पहला ब्रॉडकास्टर था, जिसने समय सीमा समाप्त होने से पहले ही अपना रिफरेंस इंटरकनेक्ट ऑफर घोषित कर दिया था। इसके बाद अन्य बॉडकास्टर्स जैसे- सोनी पिक्चर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, टीवी18 ब्रॉडकास्ट लिमिटेड, डिज्नी इंडिया, टर्नर इंटरनेशनल और सन नेटवर्क ने भी अपने RIO घोषित कर दिए थे।
इस टैरिफ ऑर्डर के तहत 'ZEE' ने देशभर में विभिन्न भाषाओं के उपभोक्ताओं के लिए कई बुके (bouquets) की घोषणा की थी। चैनल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि 'ZEE' के सभी चैनल ‘a-la-carte’ (अलग-अलग) आधार पर उपलब्ध होंगे। हालांकि ट्राई के टैरिफ और इंटरकनेक्ट ऑर्डर के खिलाफ याचिका दायर करने वाले ‘स्टार इंडिया’ ने अभी तक अपने RIO की घोषणा नहीं की है।
गौरतलब है कि इस टैरिफ ऑर्डर के अनुसार, ब्रॉडकास्टर्स को अपने पे चैनल्स को अलग-अलग अथवा ‘a-la-carte’ आधार पर बेचना होगा। उन्हें चैनल का मासिक अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) भी इस शर्त के साथ घोषित करना पड़ेगा कि पैकेज में शामिल किसी भी किसी भी पे चैनल का मूल्य 19 रुपये से अधिक नहीं होगा। इस टैरिफ में ट्राई ने ब्रॉडकास्टर्स को यह मंजूरी दी है कि वे उपभोक्ताओं को चैनलों का पैकेज इस शर्त पर ऑफर कर सकते हैं कि इन पे चैनल्स का अधिकतम मूल्य अलग-अलग चैनल लेने पर भी पे चैनल्स के कुल मूल्य के 85 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए।
उदाहरण के लिए 10 विभिन्न चैनल्स अलग-अलग यदि 100 रुपये में लिए जाएंगे तो उन्हें पैकेज में बेचने पर यह राशि 85 रुपये से कम नहीं होनी चाहिए अर्थात सिर्फ 15 प्रतिशत की छूट दी जा सकती है।
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