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हिजाब विरोध प्रदर्शन को कवर करने वाले पत्रकारों को नहीं मिली राहत, 30 अभी भी बंद
ईरान में हिजाब विरोध प्रदर्शन अब ठंडा पड़ता दिखाई दे रहा है। चार माह से ज्यादा चले इस प्रदर्शन से हताश होकर लोग अब अपने घरों की ओर लौटना शुरू कर चुके हैं
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
ईरान में हिजाब विरोध प्रदर्शन अब ठंडा पड़ता दिखाई दे रहा है। चार माह से ज्यादा चले इस प्रदर्शन से हताश होकर लोग अब अपने घरों की ओर लौटना शुरू कर चुके हैं। दरअसल, ऐसा तर्क दिया जा रहा है कि इस विरोध प्रदर्शनों का सरकार पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा। उल्टा सरकार और भी ज्यादा सख्त रवैया अपना रही है। वैसे बता दें कि ईरान में यह प्रदर्शन मेहसा अमिनी की मौत के बाद से शुरू हुए। इस विरोध प्रदर्शनों के सिलसिले में कई लोगों की गिरफ्तारियां हुईं। बताया जा रहा है कि कम से कम 30 ईरानी पत्रकार अभी भी जेल में बंद हैं। तेहरान में पत्रकारों के संघ ने हाल ही में यह जानकारी दी है।
एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने एक बयान में कहा कि सितंबर के मध्य से लगभग 70 पत्रकार को हिरासत में लिया गया, जिनमें से कुछ को जमानत पर रिहा कर दिया गय, जबकि कम से कम 30 पत्रकार अभी भी जेल में बंद हैं, जिन्हें पूछताछ के लिए रखा गया है।
पत्रकारों के इस ग्रुप ने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप चैनल पर जेल में बंद पत्रकारों की सूची भी प्रकाशित की है। इस लिस्ट में ईरानी पत्रकार नीलोफर हमीदी और इलाहा मोहम्मदी भी शामिल हैं, जिनकी रिपोर्टिंग ने मेहसा अमिनी के मामले को उजागर करने में मदद की।
गौरतलब है कि 13 सितंबर को 22 साल की महसा अमिनी अपने परिवार से मिलने तेहरान आई थी। उसने हिजाब नहीं पहना था। पुलिस ने तुरंत महसा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के 3 दिन बाद यानी 16 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इसके बाद मामला सुर्खियों में आया। 22 वर्षीय कुर्द-ईरानी मेहसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से लगभग चार महीने तक ईरान में विरोध प्रदर्शन जारी रहा, जो अब लगभग ठंडा पड़ चुका है।
तेहरान में पत्रकारों के संगठन ने बताया कि विरोध शुरू होने के बाद से अधिकारियों ने बड़ी तादाद में पत्रकारों को भी तलब किया है। एक ने बीते बुधवार को रिपोर्ट में कहा कि ताजा सजा स्पोर्ट्स रिपोर्टिंग पत्रकार एहसान पीरबरनाश को दी गई है। उनके खिलाफ आरोपों का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन कहा जाता है कि उन्हें 18 साल की सजा सुनाई गई है, जिनमें से 10 जेल में काटे जाएंगे।
अक्टूबर के आखिर में, 300 से ज्यादा ईरानी पत्रकारों और फोटो पत्रकारों ने अपने हस्ताक्षर के तहत एक बयान जारी कर अफसरों की उनके साथी पत्रकारों को गिरफ्तार करने और कैद करने व उनके नागरिक अधिकारों को छीनने की आलोचना की। ईरानी अफसरों का कहना है कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों के सदस्यों समेत सैकड़ों लोग मारे गए हैं, जबकि हजारों प्रदर्शनकारियों को बर्बरता और हिंसा समेत अलग-अलग आरोपों में गिरफ्तार किया गया है।
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