सूचना:
एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप की एक मात्र हिंदी वेबसाइट 'samachar4media.com' है और इससे मिलती जुलती वेबसाइट्स से 'समाचार4मीडिया' का कोई संबंध नही है। कुछ वेबसाइट्स 'समाचार4मीडिया' के कंटेंट का हू-ब-हू इस्तेमाल कर रही हैं, जिसे लेकर अब कानूनी सलाह ली जा रही है।

लाइव एंकरिंग के दौरान महिला एंकर निगल गई मक्खी, वीडियो वायरल

एंकरिंग के दौरान कई बार ऐसी घटनाएं कैमरे में कैद हो जाती हैं, जोकि काफी अजीबोगरीब होती है।

Last Modified:
Friday, 31 May, 2024
anchor87451


एंकरिंग के दौरान कई बार ऐसी घटनाएं कैमरे में कैद हो जाती हैं, जोकि काफी अजीबोगरीब होती है। ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक न्यूज एंकर को एंकरिंग के दौरान कुछ ऐसी ही घटना का सामना करना पड़ता है। दरअसल, वीडियो में दिखाया गया है कि महिला एंकर को न्यूज पढ़ते वक्त एक मक्खी खूब परेशान कर रही थी, जिसके बाद एंकर गलती से लाइव टेलीकास्ट के दौरान मक्खी निगल जाती है।

यह वीडियो  बॉस्टन 25 न्यूज की एंकर का है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला एंकर वैनेसा वेल्च पिछले हफ्ते न्यूजकास्ट को होस्ट कर रही थीं। इस दौरान उनकी आंख के पास एक मक्खी बैठ गई। मक्खी पहले एंकर की आंखों पर बैठी, लेकिन एंकर ने भगाने का प्रयास नहीं किया। इसके कुछ ही देर बाद मक्खी आंखों से उड़ी और सीधे एंकर की मुंह में घुस गई। इसके बावजूद एंकर ने तो एंकरिंग को रोका और ना किसी तरह की रुकावट होने दी। उन्होंने मक्खी को निगल लिया। यह पूरी घटना वीडियो में कैद हो जाती है।

सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और इस पर लोगों की खूब प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ यूजर्स ने एंकरिंग को बीच में न रोकने के चलते एंकर की तारीफ भी की ।

एक यूजर ने कमेंट किया, 'महिला काफी प्रोफेशनल है। उसने कोई भी गलत रिएक्शन नहीं दिया और न ही उसके चेहरे पर कोई डर दिखाई दिया। अगर कोई और होता तो शायद ऐसा नहीं कर पाता, जो महिला ने किया।”

एक अन्य यूजर ने लिखा कि बेचारी महिला। यही है इस प्रोफेशन की नैतिकता। अच्छी और बुरी दोनों एक साथ होती हैं। एक और शख्स ने कहा कि इस महिला की सैलरी में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। उसने तो अपनी आंख भी एक बार नहीं झपकाई। बहुत ही ज्यादा प्रोफेशनलिज्म दिखाया है।

यहां देखें वीडियो:

 

 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

'लॉस एंजेलिस टाइम्स' की एडिटोरियल एडिटर मारियल गार्जा का इस्तीफा, चुनावी समर्थन पर बवाल

यह निर्णय अखबार के मालिक पैट्रिक सून-शियोंग के आगामी चुनावों में किसी भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का समर्थन न करने के विवादास्पद फैसले के बाद सामने आया।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 24 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 24 October, 2024
MarielGarza787414

'लॉस एंजेलिस टाइम्स' की एडिटोरियल एडिटर (संपादकीय पेज संपादक) मारियल गार्जा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह निर्णय अखबार के मालिक पैट्रिक सून-शियोंग के आगामी चुनावों में किसी भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का समर्थन न करने के विवादास्पद फैसले के बाद सामने आया। इस फैसले की आलोचना न सिर्फ अखबार के कर्मचारियों, बल्कि पाठकों ने भी की है।

यह जानकारी पत्रकारिता पेशे से जुड़े एक प्रकाशन ने बुधवार को दी। ‘कोलंबिया जर्नलिज्म रिव्यू’ के साथ एक इंटरव्यू में मारियल गार्जा ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि लॉस एंजिल्स टाइम्स ने संकट के समय में इस मुकाबले पर चुप रहने का फैसला किया। 

मारियल गार्जा ने कहा, "मैं इस्तीफा दे रही हूं क्योंकि मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैं चुप रहने के पक्ष में नहीं हूं। खतरनाक समय में, ईमानदार लोगों को खड़े होने की जरूरत है। मैं इसलिए खड़ी हूं।’’

'लॉस एंजिल्स टाइम्स' के मालिक पैट्रिक सून-शियॉन्ग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि बोर्ड को हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में उनके कार्यकाल के दौरान की नीतियों का तथ्यात्मक विश्लेषण करने के लिए कहा गया था। इसके अतिरिक्त, ‘‘बोर्ड से प्रचार अभियान के दौरान उम्मीदवारों द्वारा घोषित नीतियों और योजनाओं तथा अगले चार वर्षों में राष्ट्र पर इसके संभावित प्रभाव के बारे में अपने विचार साझा करने के लिए कहा गया था। इस स्पष्ट और गैर-पक्षपातपूर्ण जानकारी के साथ, हमारे पाठक यह तय कर सकते हैं कि अगले चार वर्षों के लिए राष्ट्रपति बनने के योग्य कौन होगा।’’ वर्ष 2018 में अखबार खरीदने वाले सून-शियॉन्ग ने कहा कि बोर्ड ने ‘‘कोई टिप्पणी नहीं करने का फैसला किया और मैंने उनके फैसले को स्वीकार कर लिया।’’ 

आंतरिक प्रतिक्रिया  

वहीं न्यूजवेबसाइट TheWrap को मिले आंतरिक दस्तावेजों के अनुसार, कर्मचारियों ने गार्जा के इस्तीफे को लेकर गहरी चिंता जताई। एक कर्मचारी ने Slack पर कहा कि 'लॉस एंजिल्स टाइम्स' ने राजनीतिक समर्थन देने की अपनी जिम्मेदारी छोड़ दी है, जो अखबार की परंपरा रही है। एक अन्य कर्मचारी ने बताया कि संपादकीय बोर्ड स्वतंत्र है, लेकिन सार्वजनिक रूप से अखबार का प्रतिनिधित्व रिपोर्टर ही करते हैं, जो इस फैसले से प्रभावित हो सकते हैं। 

खबरों के अनुसार, संपादकीय बोर्ड कमला हैरिस का समर्थन करने की योजना बना रहा था, जो कि अखबार के लंबे समय से डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों को समर्थन देने की परंपरा का हिस्सा रहा है। 2008 में बराक ओबामा के चुनाव अभियान के बाद से एलए टाइम्स ने हर चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार का समर्थन किया है। लेकिन इस बार डोनाल्ड ट्रंप या कमला हैरिस का समर्थन न करने का निर्णय अखबार के रुख में एक बड़ा बदलाव दर्शाता है।

पाठकों की प्रतिक्रिया और सदस्यता रद्द करने की चिंताएं

कई पाठकों ने सोशल मीडिया पर इस फैसले पर नाराजगी जताई और कुछ ने अपनी सदस्यता रद्द करने की धमकी दी। कुछ पाठक इस कदम को "अस्वीकार्य" मान रहे हैं और इसके चलते अखबार से दूर जा रहे हैं। TheWrap की रिपोर्ट के मुताबिक, एक कर्मचारी ने पूछा, "इस गैर-समर्थन के कारण कितने पाठकों ने अपनी सदस्यता रद्द की है?"

कर्मचारी भी इस फैसले के दीर्घकालिक प्रभावों को लेकर चिंतित हैं, यह मानते हुए कि इसके आर्थिक परिणाम सबसे ज्यादा उन पर ही पड़ेंगे। कुछ कर्मचारियों ने अनुमान लगाया कि सून-शियोंग के फैसले का उद्देश्य व्यावसायिक हितों से जुड़ा हो सकता है, जो एलए टाइम्स से परे हैं।

कंपनी पर प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं 

गार्जा के इस्तीफे ने 'लॉस एंजेलिस टाइम्स' के भविष्य और उसकी संपादकीय स्वतंत्रता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चुनावी समर्थन न करने का निर्णय अखबार की प्रतिष्ठा को खतरे में डालता है, क्योंकि राजनीतिक समर्थन पत्रकारिता के नैतिक सिद्धांतों का एक प्रमुख हिस्सा माना जाता है। TheWrap के अनुसार, उद्योग विश्लेषक इस ऐतिहासिक निर्णय के प्रभावों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। 

यह स्थिति पत्रकारिता में व्यापक प्रवृत्तियों की ओर इशारा करती है, जहां संपादकीय सामग्री पर मालिकों के दबाव का असर बढ़ता जा रहा है। जैसे-जैसे मीडिया संस्थान दर्शकों और प्रायोजकों की मांगों से जूझ रहे हैं, व्यावसायिक हित और पत्रकारिता की नैतिकता के बीच की रेखा धुंधली होती जा रही है। 

'लॉस एंजिल्स टाइम्स' के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और यह देखना बाकी है कि यह फैसला अखबार के पाठकों, कर्मचारियों और भविष्य की दिशा को कैसे प्रभावित करेगा।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

जानें, सऊदी अरब के टीवी चैनल ने ऐसा क्या कहा कि इराक में हुआ बंद

इराक़ी नियामक प्राधिकरण ने सऊदी अरब के स्वामित्व वाले एक प्रमुख टीवी चैनल का लाइसेंस निलंबित कर दिया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 22 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 22 October, 2024
MBC8978

इराक़ी नियामक प्राधिकरण ने सऊदी अरब के स्वामित्व वाले एक प्रमुख टीवी चैनल का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। यह कदम चैनल द्वारा प्रसारित की गई एक रिपोर्ट के बाद उठाया गया, जिसमें हमास, हिज़्बुल्लाह और ईरान के क़ुद्स बलों को आतंकवाद का चेहरा बताया गया था। इस रिपोर्ट के चलते इराक़ में ईरान समर्थित समूहों की नाराजगी बढ़ गई थी।

इराक़ के कम्युनिकेशन एंड मीडिया कमीशन ने शनिवार को एमबीसी मीडिया ग्रुप का लाइसेंस रद्द कर दिया। एमबीसी द्वारा प्रसारित की गई इस रिपोर्ट में हमास नेता याह्या सिनवार, ईरानी क़ुद्स फोर्स के जनरल क़ासिम सुलेमानी और हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को आतंकवादी बताया गया था, जिसके बाद बग़दाद में चैनल के दफ़्तर पर हमला हुआ और कार्यालय में तोड़फोड़ की गई।

इस विवादित रिपोर्ट के बाद सऊदी अरब को भी सफाई देनी पड़ी। सऊदी अरब ने कहा कि एमबीसी की रिपोर्ट उसकी मीडिया नीति का उल्लंघन करती है और इस मुद्दे पर कार्रवाई के विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, एमबीसी ने अपनी विवादित रिपोर्ट को हटा लिया है, लेकिन इराक में इसका असर अभी भी बना हुआ है।

यह घटना ऐसे समय में आई है जब पूरे मध्य-पूर्व में इजरायल और हमास के बीच तनाव अपने चरम पर है। ईरान खुलकर हमास और हिज़्बुल्लाह का समर्थन करता है, जबकि सऊदी अरब एक जटिल स्थिति में फंसा हुआ है। सऊदी अरब इजरायल के हमलों की आलोचना कर रहा है, लेकिन उसे ईरान के बढ़ते प्रभाव का भी डर है। 

इराक़ी नियामक का कहना है कि एमबीसी ने "शहीदों का अपमान" किया है, जिसके चलते उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इराक़ की वर्तमान सरकार पर ईरान का गहरा प्रभाव है, और जिन लोगों को एमबीसी ने आतंकवादी बताया, उन्हें इराक़ में नायकों और शहीदों के रूप में देखा जाता है।

सऊदी अरब और ईरान के बीच संबंध हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं, विशेषकर 1979 की ईरानी क्रांति के बाद से। हालांकि, हाल के वर्षों में दोनों देशों ने अपने राजनयिक संबंधों को फिर से बहाल करने की कोशिश की है, लेकिन ईरान समर्थित समूहों के प्रति सऊदी अरब की चिंता अभी भी बनी हुई है। 

मध्य-पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच चल रही तनातनी के बीच सऊदी अरब को अपनी रणनीति को लेकर दुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

BBC ने 30 साल पुराने शो HARDtalk को किया बंद, छंटनी का भी किया ऐलान

'बीबीसी' (BBC) ने लगभग 30 साल पुराने अपने मशहूर इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म प्रोग्राम 'हार्डटॉक' (HARDtalk) को बंद करने का फैसला किया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 19 October, 2024
Last Modified:
Saturday, 19 October, 2024
bbc

'बीबीसी' (BBC) ने लगभग 30 साल पुराने अपने मशहूर इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म प्रोग्राम 'हार्डटॉक' (HARDtalk) को बंद करने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह फैसला कंपनी की 130 न्यूज एम्प्लॉयीज में कटौती की योजना का हिस्सा है। 

यह छंटनी ऐसे समय में की गई है जब कंपनी चुनौतीपूर्ण आर्थिक स्थितियों के कारण £500 मिलियन ($654 मिलियन) के घाटे से जूझ रही है।

BBC के प्रमुख टिम डेवी ने इस फैसले पर कहा कि अंतरराष्ट्रीय खबरों के लिए सरकार से और अधिक समर्थन की आवश्यकता है। वहीं, न्यूज हेड डेबोरा टर्नेस ने कहा कि HARDtalk को बंद करना कंपनी के ताजादौर की छंटनियों में मदद करेगा, जिससे BBC की न्यूज़ टीमों पर पड़ा दबाव कम हो सकेगा। 

HARDtalk के अलावा, BBC ने अपनी इन-हाउस एशियन नेटवर्क न्यूज सर्विस को भी बंद करने की घोषणा की है। इसकी जगह अब स्टेशन पर 'न्यूजबीट बुलेटिन' प्रसारित किए जाएंगे और एक नया स्थानीय करंट अफेयर्स प्रोग्राम लॉन्च किया जाएगा।

इसके अलावा, 'रेडियो 5 लाइव' और 'रेडियो 2' की न्यूज बुलेटिन्स का निर्माण सिंक्रनाइज किया जाएगा और घरेलू रेडियो अपनी स्वयं की न्यूज सर्विस संचालित करने के बजाय रातों-रात BBC वर्ल्ड सर्विस समरी स्वीकार करना शुरू कर देंगी। 

कंपनी ने कुल 55 नई भूमिकाएं स्थापित करने और 185 मौजूदा पदों को समाप्त करने का फैसला किया है। BBC की न्यूज टीम £24 मिलियन यानी अपने बजट का करीब 4% बचाने की योजना बना रही है। डेबोरा टर्नेस ने बताया कि इन बचतों का 40% से अधिक हिस्सा गैर-कर्मचारी पहलों से आएगा, जिसमें ठेके, सप्लायर्स, वितरण, और भौतिक सुविधाओं पर खर्च में कटौती शामिल है।

टर्नेस ने कहा कि नॉन-स्टॉफ इनीशिएटिव्स जैसे कि कॉन्ट्रैक्ट्स, सप्लायर्स, डिस्ट्रीब्यूशंस और फिजिकल फैसिलिटीज पर खर्च में कटौती, इन बचतों का 40% से अधिक हिस्सा होगा।  

 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

इजरायली हमले में सीरिया की टीवी एंकर सफा अहमद की मौत 

सीरिया की राजधानी दमिश्क के मेज़ेह इलाके में मंगलवार सुबह इजरायल के हवाई हमले में सीरिया टीवी की एंकर सफा अहमद की मौत हो गई।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 02 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 02 October, 2024
SafaaAhmad78451

सीरिया की राजधानी दमिश्क के मेज़ेह इलाके में मंगलवार सुबह इजरायल के हवाई हमले में सीरिया टीवी की एंकर सफा अहमद की मौत हो गई। सरकारी एजेंसी सना (SANA) के अनुसार, इस हमले में तीन नागरिक मारे गए, जिनमें अहमद भी शामिल थीं, और नौ अन्य लोग घायल हुए।

मेज़ेह इलाका पश्चिमी दमिश्क में स्थित है, जहां कई आवासीय भवन, स्थानीय व्यवसाय और राजनयिक कार्यालय हैं, जिनमें ईरानी दूतावास भी शामिल है। सीरिया के सरकारी टेलीविज़न ने अहमद के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, "टीवी एंकर सफा अहमद की शहादत हुई, जो दमिश्क पर इजरायली हमले का शिकार बनीं।"

सीरियाई सेना ने सना को बताया कि इजरायल ने मंगलवार सुबह कब्जे वाले सीरियाई गोलान की दिशा से सैन्य विमानों और ड्रोन के साथ कई स्थानों पर हवाई हमला किया, जिसका लक्ष्य दमिश्क और उसके आसपास के इलाके थे। 

सीरिया के वायु रक्षा बलों ने दावा किया कि उन्होंने राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों को निशाना बनाने वाले ज्यादातर इजरायली मिसाइलों को मार गिराया। 

सफा अहमद, जो होम्स की रहने वाली थीं, 2002 में सीरिया टीवी से जुड़ी थीं और उन्होंने कई सांस्कृतिक टॉक शो और कार्यक्रमों की मेजबानी की थी, जिनमें लोकप्रिय मॉर्निंग शो "सबह अल-खैर" शामिल था।

इस बीच, इजरायल ने पड़ोसी देश लेबनान में भी जमीनी हमले किए हैं, जो हिज्बुल्लाह समूह को निशाना बनाने का प्रयास का हिस्सा माना जा रहा है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

'यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश' के नए संपादक बने महफूजुर रहमान, फारिद हुसैन का प्रमोशन

महफूजुर रहमान ने मंगलवार को यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश (UNB) के संपादक के रूप में कार्यभार संभाला

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 01 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 01 October, 2024
FaridHossain54124

महफूजुर रहमान ने मंगलवार को यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश (UNB) के संपादक के रूप में कार्यभार संभाला, जबकि मौजूदा संपादक और अनुभवी पत्रकार फारिद हुसैन को सलाहकार संपादक के पद पर प्रमोट किया गया।

महफूज, जो पहले 'सोमोय टीवी' में वेब संपादक के रूप में कार्यरत थे, अब UNB में शामिल हो गए हैं। UNB के प्रधान संपादक इनायतुल्लाह खान ने कहा, "हमें महफूज का फिर से स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। उनके पास एजेंसी पत्रकारिता का बड़ा अनुभव है, जो UNB की संपादकीय गुणवत्ता को और बेहतर बनाएगा।"

महफूज की विशेषज्ञता UNB की डिजिटल यात्रा को आगे बढ़ाने में मदद करेगी, क्योंकि पत्रकारिता के क्षेत्र में बड़े बदलाव हुए हैं। महफूज इससे पहले UNB के कार्यकारी संपादक और संपादक के रूप में भी काम कर चुके हैं और उन्होंने डेली सन (Daily Sun) और bdnews24.com में भी विभिन्न भूमिकाओं में सेवाएं दी हैं।

वहीं, फारिद हुसैन, जो पहले एसोसिएटेड प्रेस (AP) के ढाका ब्यूरो प्रमुख और UNB के संस्थापक सदस्यों में से एक थे, अब सलाहकार संपादक की भूमिका निभाएंगे। फारिद ने अपना अधिकांश करियर अंतरराष्ट्रीय मीडिया के लिए काम करते हुए बिताया, जिसमें Time मैगजीन और The Telegraph कोलकाता शामिल हैं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

BBC के पत्रकार को फ्लाइट में रेंगकर जाना पड़ा शौचालय, लगाया भेदभाव का आरोप

2004 में युद्ध रिपोर्टिंग के दौरान अपने दोनों पैर खो देने वाले ब्रिटिश पत्रकार फ्रैंक गार्डनर को LOT पोलिश एयरलाइंस की फ्लाइट में अपमानजनक और भेदभावपूर्ण अनुभव का सामना करना पड़ा।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 01 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 01 October, 2024
BritishJournalist5547

2004 में युद्ध रिपोर्टिंग के दौरान अपने दोनों पैर खो देने वाले ब्रिटिश पत्रकार फ्रैंक गार्डनर को LOT पोलिश एयरलाइंस की फ्लाइट में अपमानजनक और भेदभावपूर्ण अनुभव का सामना करना पड़ा। वारसॉ से लौटते समय, जब गार्डनर को शौचालय जाने की जरूरत पड़ी, तो उन्हें क्रू ने बताया कि विमान में व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं है। इसके बाद, मजबूरी में गार्डनर को फ्लाइट के केबिन में फर्श पर रेंगते हुए शौचालय तक जाना पड़ा।

बीबीसी के अनुभवी संवाददाता फ्रैंक गार्डनर ने अपनी इस तकलीफदेह घटना को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किया। उन्होंने लिखा, "वर्ष 2024 में भी मुझे शौचालय जाने के लिए LOT पोलिश एयरलाइंस के फर्श पर रेंगना पड़ा क्योंकि उनके पास ऑनबोर्ड व्हीलचेयर नहीं थी। यह एयरलाइन की नीति है। अगर आप चलने में असमर्थ हैं, तो यह पूर्ण रूप से भेदभाव है।"

हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि फ्लाइट क्रू ने पूरी घटना के दौरान उनकी मदद की और माफी मांगी, लेकिन गार्डनर का कहना था कि यह एयरलाइन की समस्या है, न कि क्रू की। उन्होंने आगे लिखा, "मैं अब इस एयरलाइन से तब तक यात्रा नहीं करूंगा जब तक यह 21वीं सदी में कदम नहीं रख लेती।"

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर गुस्सा जाहिर किया। एक यूजर ने लिखा, "हे भगवान, यह बेहद भयानक है। क्रू ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन आपको रेंगना पड़ा, यह बहुत ही चौंकाने वाली बात है।"

एक अन्य यूजर ने कहा, "यह बिल्कुल अपमानजनक है। कैसे एक एयरलाइन इस दौर में भी विकलांग व्यक्ति के साथ ऐसा व्यवहार कर सकती है?"

कुछ लोगों ने फ्रैंक गार्डनर को यूरोपीय कानून के तहत भेदभाव का मामला दर्ज करने की सलाह भी दी। एक अन्य यूजर ने सवाल उठाया, "क्या एक फोल्डेबल व्हीलचेयर रखना इतना मुश्किल है? अगर विमान में आपात स्थिति हो जाती तो क्या होता?"

 

 

बता दें कि 2004 में, जब फ्रैंक गार्डनर सऊदी अरब के रियाद में एक खबर कवर कर रहे थे, तब अल-कायदा के आतंकवादियों ने उन पर हमला किया, जिसमें उन्होंने अपने दोनो पैर खो दिए गए और इसके बाद वह आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हो गए।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

खालिस्तानी समर्थकों ने कनाडा में रेडियो एडिटर पर किया जानलेवा हमला

कनाडा से एक बड़ी घटना सामने आई है। दरअसल, कैलगरी में रेडियो स्टेशन एफ.एम. कैलगरी के एडिटर ऋषि नागर पर हमला हुआ है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 30 September, 2024
Last Modified:
Monday, 30 September, 2024
RishiNagar84518.jpg

कनाडा से एक बड़ी घटना सामने आई है। दरअसल, कैलगरी में रेडियो स्टेशन एफ.एम. कैलगरी के एडिटर ऋषि नागर पर हमला हुआ है। यह हमला तब हुआ जब नागर रियो बैंक्वेट हॉल की ओर जा रहे थे। सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, कुछ अज्ञात युवकों ने उन पर हमला किया, जो खालिस्तानी गुटों से जुड़े बताए जा रहे हैं। नागर, जो अक्सर खालिस्तानी गुटों की गतिविधियों की आलोचना करते रहे हैं, इस हमले में घायल हो गए। 

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में किया, लेकिन अभी तक हमलावरों पर कोई आरोप दर्ज किए जाने की पुष्टि नहीं हुई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हमला मीडिया की आजादी और सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा रहा है, क्योंकि कनाडा में हाल के दिनों में पत्रकारों और अल्पसंख्यकों पर इस तरह के हमले बढ़े हैं। बताया जा रहा है कि खालिस्तानी गुटों ने नागर पर हमला इसलिए किया क्योंकि वह उनके विचारों का समर्थन नहीं कर रहे थे।

इस घटना के बाद, स्थानीय सिख समुदाय ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे विचारों और मीडिया की आजादी पर हमला करार दिया है। उन्होंने कैलगरी पुलिस और अल्बर्टा सरकार से मांग की है कि हमलावरों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाए। 

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते भी एक स्थानीय व्यवसायी को फिरौती के लिए धमकी मिली थी, जिससे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं। इस बीच, कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों में वृद्धि देखी जा रही है, जिससे भारत सरकार भी चिंतित है। भारत ने कनाडा से इन गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि कानून व्यवस्था कायम रहे और दोनों देशों के बीच संबंध खराब न हों।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

लेबनान में इजरायली हवाई हमले से भारी तबाही, लाइव रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकार घायल

लेबनान पर इजरायली हवाई हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार हमला न केवल आम नागरिकों, बल्कि पत्रकारों तक पहुंच गया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 24 September, 2024
Last Modified:
Tuesday, 24 September, 2024
Lebnanattack474154

लेबनान पर इजरायली हवाई हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार हमला न केवल आम नागरिकों, बल्कि पत्रकारों तक पहुंच गया है। हाल ही में एक लाइव रिपोर्टिंग के दौरान लेबनानी पत्रकार फादी बौदिया, जो मिराया इंटरनेशनल नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ हैं, इजरायली मिसाइल हमले में घायल हो गए। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें बौदिया को लाइव इंटरव्यू के दौरान एक मिसाइल हमले में घायल होते देखा गया। 

वीडियो में दिखाया गया कि जैसे ही बौदिया बोलना शुरू करते हैं, उनके पीछे जोरदार विस्फोट होता है, जिससे खिड़कियां टूट जाती हैं और दीवारें गिर जाती हैं। इस दौरान बौदिया के चिल्लाने और भागने की आवाजें भी सुनाई देती हैं। इस घटना ने लेबनान में इजरायली हमलों की गंभीरता को और उजागर कर दिया है।

इजरायली हवाई हमलों के परिणामस्वरूप अब तक लगभग 500 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 1,600 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इन हमलों में अस्पताल, चिकित्सा केंद्र और एंबुलेंस तक निशाना बने हैं। हिजबुल्लाह ने इसके जवाब में इजरायल पर कई रॉकेट दागे, जिससे उत्तरी इजरायल में हवाई हमले के सायरन बजने लगे।

इससे पहले, शुक्रवार को इजरायल ने बेरूत के दक्षिणी इलाके में एक ऊंची इमारत पर हमला किया, जिसमें हिजबुल्लाह के प्रमुख कमांडर इब्राहिम अकील समेत अन्य नेताओं की मौत हो गई। इजरायल का दावा है कि अकील उत्तरी इजरायल पर हमले की साजिश रच रहे थे।

इस हमले के बाद लेबनान के दक्षिणी इलाकों से हजारों नागरिकों को पलायन करना पड़ा। 2006 के बाद यह सबसे बड़ा पलायन बताया जा रहा है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

'खलीज टाइम्स' के नए CEO बने चार्ल्स यार्डली

दुबई के प्रमुख समाचार पत्र 'खलीज टाइम्स' (Khaleej Times) ने चार्ल्स यार्डली को अपना नया चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया है

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 18 September, 2024
Last Modified:
Wednesday, 18 September, 2024
CharlesYardley845777

दुबई के प्रमुख समाचार पत्र 'खलीज टाइम्स' (Khaleej Times) ने चार्ल्स यार्डली को अपना नया चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया है। यार्डली, जो पहले 'इवनिंग स्टैंडर्ड' (Evening Standard) के CEO और बोर्ड सदस्य रह चुके हैं, ने इस खबर की घोषणा लिंक्डइन पर की है।

उन्होंने कहा, "मैं यह घोषणा करते हुए बेहद उत्साहित हूं कि मैंने "खलीज टाइम्स' के CEO के रूप में जॉइन किया है। इतने प्रतिभाशाली टीम के साथ काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है, क्योंकि हम कंपनी को और अधिक विकास और नवाचार की दिशा में आगे बढ़ाएंगे, जिससे 'खलीज टाइम्स' को एक प्रमुख, आधुनिक, डिजिटल-फर्स्ट मीडिया कंपनी के रूप में स्थापित किया जा सके।"

चार्ल्स यार्डली के पास डिजिटल मीडिया, रणनीति, ब्रांडेड कंटेंट और मल्टीमीडिया क्रॉस-प्लेटफार्म समाधानों में 25 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उनके नेतृत्व में, *खलीज टाइम्स* की संचालन व्यवस्था और रणनीतिक दिशा को एक नई ऊंचाई मिलेगी।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

अमेरिका का रूसी मीडिया पर ये आरोप, लगाया प्रतिबंध

अमेरिका के विदेश विभाग ने रूसी सरकारी मीडिया और टेलीविजन नेटवर्क आरटी (RT) पर नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 14 September, 2024
Last Modified:
Saturday, 14 September, 2024
AntonyBlinken4548

अमेरिका के विदेश विभाग ने रूसी सरकारी मीडिया और टेलीविजन नेटवर्क आरटी (RT) पर नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। अमेरिका ने आरोप लगाया है कि RT अमेरिकी चुनावों और लोकतंत्र को कमजोर करने के उद्देश्य से गुप्त गतिविधियों में शामिल है।

विदेश विभाग ने कहा है कि वह रूस की इन गतिविधियों से जुड़े खतरों को उजागर करने के लिए एक कूटनीतिक अभियान शुरू कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि आरटी अब केवल रूसी प्रचार का साधन नहीं है, बल्कि वह गुप्त रूप से रूस के खुफिया तंत्र की तरह काम कर रहा है।

ब्लिंकन ने यह भी आरोप लगाया कि आरटी के नेताओं ने यूक्रेन में लड़ रहे रूसी सैनिकों को सैन्य उपकरण उपलब्ध कराने के लिए एक ऑनलाइन क्राउडफंडिंग परियोजना चलाई। इस अभियान के जरिए रूसी सैनिकों को स्नाइपर राइफलें, बॉडी आर्मर और अन्य उपकरण भेजे गए।

इसके साथ ही, अमेरिका ने आरटी और उसकी पांच सहायक कंपनियों को विदेशी मिशन अधिनियम के तहत नामित किया है, जिससे उन्हें अमेरिका में काम करने वाले सभी कर्मियों और उनकी संपत्ति की जानकारी देनी होगी।

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिका रूसी हस्तक्षेप और प्रचार को रोकने के लिए व्यापक कार्रवाई कर रहा है। पिछले सप्ताह ही संघीय अभियोजकों ने आरटी के दो कर्मचारियों पर आरोप लगाए थे, जिनमें एक अमेरिकी व्यवसाय को रूसी हितों के प्रचार के लिए गुप्त रूप से 10 मिलियन डॉलर की राशि हस्तांतरित करने का मामला भी शामिल था।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए