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TRP के लिए समाज के प्रति अपने कमिटमेंट्स को कभी नहीं भूलेगा ‘भारत एक्सप्रेस’: उपेंद्र राय

मार्केट में जल्द दस्तक देने जा रहे ‘भारत एक्सप्रेस’ न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने इससे जुड़े तमाम पहलुओं को लेकर समाचार4मीडिया से खास बातचीत की है।

पंकज शर्मा 1 year ago

‘सहारा इंडिया मीडिया’, ‘तहलका मैगजीन’, ‘स्टार न्यूज’ एवं ‘सीएनबीसी-आवाज’ को अपनी सेवाओं और नेतृत्व से नई ऊंचाई देने वाले वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र राय ‘भारत एक्सप्रेस’ नाम से अपना खुद का न्यूज नेटवर्क शुरू करने जा रहे हैं। करीब ढाई दशक से मीडिया में सक्रिय उपेंद्र राय ने इस न्यूज नेटवर्क को लॉन्च किए जाने को लेकर अपने विजन, फ्यूचर प्लानिंग और इसकी लॉन्चिंग डेट समेत तमाम अन्य पहलुओं को लेकर समाचार4मीडिया से खास बातचीत की है। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के चुनिंदा अंश:

नए मीडिया वेंचर की प्लानिंग कब और कैसे बनी, वहीं इसका नाम ‘भारत एक्सप्रेस’ क्यों रखा गया, क्या इस नाम में भारत शामिल किए जाने के पीछे कोई खास कारण है, सबसे पहले इस बारे में कुछ बताएं?

भारत हम सबका गर्व है। भारत में हम जन्मे और पले-बढ़े हैं। सबसे बड़ी बात कि इस नाम को अपने साथ जोड़ने की आजादी है। सरकार ने इस नाम को अपने साथ इस्तेमाल करने की छूट दी हुई है। मुझे लगता है कि यह सबसे बड़ी आजादी है और जब हम इस प्रोजेक्ट को शुरू करने जा रहे थे, तब हमने अपने न्यूज नेटवर्क में इस नाम को शामिल कर लिया।

‘भारत एक्सप्रेस’ को किस तारीख को लॉन्च किया जाएगा?

हम ‘भारत एक्सप्रेस’ चैनल को एक फरवरी 2023 को लॉन्च करने जा रहे हैं। पहले हमने इसे 14 जनवरी को लॉन्च करने के बारे में सोचा था, लेकिन किन्हीं न किन्हीं कारणों से हमारी तैयारियां- जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्तियां आदि उस तारीख तक पूरी होती नहीं दिख रही थीं। ऐसे में मेरा मानना था कि 26 जनवरी तक इस लॉन्चिंग को लेकर हमारी तैयारियां पूरी हो जाएंगी। फिर आपस में सलाह-मशविरा कर तय किया गया कि इसे एक फरवरी को लॉन्च किया जाए। उस दिन बजट का दिन भी होता है और न्यूज के लिहाज से भी वह काफी अहम दिन होता है, इसलिए हमने अपने इस चैनल को एक फरवरी को लॉन्च करने का निर्णय लिया है।   

मार्केट में ऐसी खबरें है कि आप जल्द ही बिजनेस चैनल भी लेकर आ रहे हैं। इसके अलावा यूपी और उत्तराखंड पर केंद्रित रीजनल चैनल्स भी शुरू करने की योजना है, इस बारे में कुछ बताएं।

जी हां, आपने सही सुना है। इस चैनल की लॉन्चिंग के चार-पांच महीने के अंदर ही हम बिजनेस चैनल लॉन्च करने जा रहे हैं। उसके लिए कुछ वरिष्ठ पदों पर नियुक्तियां भी हो चुकी हैं। एक टीम भी गठित हो गई है, जो इस दिशा में अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। जहां तक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में रीजनल चैनल्स शुरू करने की बात है तो मुझे लगता है कि अगले साल इसी समय यानी जनवरी 2024 में हम इनकी लॉन्चिंग कर देंगे।

मार्केट में पहले से कई स्थापित चैनल हैं, ऐसे में नए चैनल को उनके बीच में स्थापित करने के लिए किस तरह की स्ट्रैटेजी पर फोकस करेंगे? यह दूसरे चैनल्स के मुकाबले किस तरह अलग होगा?

देखिए, इसका बड़ा साधारण सा जवाब है। वो यह कि जब मैं पत्रकारिता में आया था, उस समय भी मीडिया में बहुत सारे लोग थे। लेकिन, उन सबके बीच मैंने अपनी एक अलग जगह बनाई। वर्ष 2003 से 2009 तक मैं लगातार खुद खबरें करता रहा। इसके बाद मैं ‘सहारा न्यूज नेटवर्क’ का सीईओ और एडिटर-इन-चीफ बना। कहने का मतलब ये है कि जगह हमेशा बनी रहती है। जगह की कमी कभी नहीं रहती। हमेशा आपको अपना स्पेस क्रिएट करना पड़ता है और इसके पीछे सिर्फ एक ही चीज सबसे महत्वपूर्ण होती है कि किसी चीज को आप कितना अलग तरीके से करते हैं और उसे लोग कितना पसंद करते हैं। लोग कितना आपसे जुड़ते हैं। अगर लोग आपके साथ मन से जुड़ते हैं तो जाहिर सी बात है कि मन और मत दोनों आपके साथ जुड़ जाते हैं।   

आपके चैनल का डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल क्या रहेगा?

हम पहले दिन से सभी प्रमुख डीटीएच और केबल नेटवर्क्स पर उपलब्ध रहेंगे। मैं इस इंडस्ट्री में 25 साल से हूं और तमाम लोगों को जानता हूं। ऐसे में कनेक्टिविटी और रेवेन्यू को लेकर मुझे नहीं लगता कि कोई दिक्कत आएगी। हालांकि, रेवेन्यू स्ट्रीम रातोंरात नहीं बनती है, ऐसे में मुझे लगता है कि सभी चीजें समय के साथ अपने-अपने हिसाब से काम करेंगी।   

आजकल तमाम चैनल्स हैं और लगभग सभी एक जैसे दिख रहे हैं। ऐसे में आपका एडिटोरियल स्टैंड कैसा रहेगा। तमाम टीवी चैनल्स पर डिबेट शो के रूप में आजकल जो हंगामा दिखाई देता है, आप इसे किस रूप में देखते हैं और कैसे अपने चैनल को नई पहचान दिलाएंगे?

मैं अपने साथियों के साथ गहराई से इस बात को लेकर चर्चा कर रहा हूं कि डिबेट शो कम से कम रखे जाएं। इसके अलावा न्यूज शो के साथ ही कुछ अच्छी चीजें भी कंटेंट के तौर पर क्रिएट की जाएं। हमारी टीम ने तमाम प्रोग्राम्स तैयार किए हैं। हम नए अप्रोच के साथ मार्केट में आएंगे और हम कम से कम डिबेट शो रखने पर विचार कर रहे हैं। ऐसा भी हो सकता है कि हम एक ही डिबेट शो रखें। उसमें भी हम ऐसी कोशिश करेंगे कि टॉपिक ऐसा न हो, जिसमें जबर्दस्ती न्यूज क्रिएशन जैसी बात हो।

मेरी कोशिश रहेगी कि लोगों को वास्तविक खबर मिले। लोगों को एजुकेट करने, उन्हें जागरूक करने के लिए और आमजन की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने के लिए हम रोजमर्रा की खबरों पर भी काम करेंगे। वहीं, मुझे लगता है कि हमें कुछ पॉजीटिव खबरें भी दिखानी चाहिए। जैसे- कुछ लोग कहते हैं कि सरकार की आलोचना करनी चाहिए। मेरा मानना है कि सरकार की आलोचना भी जरूरी है, लेकिन सरकार ने जो अच्छे काम किए हैं, उसके बारे में दुनिया को बताना भी बेहद जरूरी है। अगर हम अपने देश की उपलब्धियों को दुनिया के सामने नहीं रखेंगे तो दुनिया अभी भी हमें पिछड़ा हुआ देश समझने से गुरेज नहीं करेगी। यानी हमें दोनों काम करना है और कवरेज में संतुलन साधना है। हमारा काम आईने की तरह है, यानी जो जैसा है, उसे वैसा दिखा देना।

लगभग सभी चैनल्स डिजिटल पर फोकस कर रहे हैं, उनकी अपनी न्यूज वेबसाइट्स भी हैं। हालांकि, तीन भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू) में आपकी वेबसाइट्स भी शुरू हो गई है? क्या इनका कंटेंट (यानी चैनल का और वेबसाइट्स का) अलग से क्रिएट होगा या एक ही कंटेंट को सभी प्लेटफॉर्म्स पर चलाएंगे?

अभी चूंकि नई शुरुआत है, इसलिए मैंने अपनी टीम को कहा है कि पहले चीजों को व्यवस्थित करिए और पूरी आजादी से काम करिए। हाल ही में हमने कंटेंट को लेकर एक बैठक की थी। इस बैठक के बाद मुझे लग रहा है कि हम अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और चैनल पर दूसरों से कुछ अलग और बेहतर दिखा पाएंगे। हमारा फोकस है कि हम पूरे भारत को दिखाएं। हम आमजन से जुड़ी समस्याओं को भी अपने नेटवर्क पर प्राथमिकता देंगे।

ज्यादातर चैनल्स टीआरपी के पीछे भागते हैं, जिसे लेकर कई बार विवाद भी होता है और आरोप-प्रत्यारोप भी लगते हैं। क्या आप भी टीआरपी में यकीन करते हैं और आप भी नंबरों की इस दौड़ में शामिल होंगे?

मैं ये नहीं कहूंगा कि हमें टीआरपी की जरूरत नहीं है। मेरे लिए टीआरपी का कोई महत्व नहीं है, ये कहना गलत होगा। इसके लिए मार्केटिंग और स्ट्रैटेजी की एक पूरी टीम हमने बनाई है। वह टीम अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से निभाएगी। लेकिन, भारत एक्सप्रेस में ऐसा नहीं होगा कि हम सिर्फ टीआरपी के लिए काम करें और समाज के प्रति अपने कमिटमेंट्स को भूल जाएं।   

आपने पत्रकारिता में लंबा वक्त बिताया है और इसके तमाम चरण देखे हैं। आजकल पहले के मुकाबले पत्रकारिता थोड़ी बदल गई है। ऐसे में आप समय के साथ कदमताल मिलाते हुए किस तरह इस न्यूज वेंचर को प्रासंगिक रखेंगे?

तमाम लोगों को लगता है कि हम किसी बात को बड़े तरीके से कहें या अलग तरीके से कहें तो उसका ज्यादा प्रभाव होगा। लेकिन, मेरा मानना है कि जो बात जैसी है, उसी सीधे तरीके से कह दें तो ज्यादा असरदार होगी। मुझे लगता है कि कई बार बहुत तैयारी करके की गई चीजें प्रभावित नहीं करतीं। लेकिन, सहज भाव से कही हुई चीजें व्यक्ति को प्रभावित करती हैं। मेरा यह भी मानना है कि न्यूज प्रजेंटेशन में सहजता खो सी गई है, उसी सहजता को वापस लाने की हमारी कोशिश है।

कोई भी चीज जब हम शुरू करते हैं तो उसके भविष्य के बारे में भी सोचते हैं। ऐसे में आपने अगले पांच साल के लिए अपने मीडिया नेटवर्क का क्या रोडमैप तैयार किया है? अगले पांच साल के सफर में आप अपने नेटवर्क को आप कहां व किस रूप में देखते हैं?

मेरे जीवन में चीजें कुछ अलग तरीके से घटी हैं। ऐसे में चीजों को देखने का और काम करने का मेरा तरीका दूसरों से अलग है। जैसे-मेरे काम करने का तरीका यह है कि मैं एक बार जो चीज सोचता हूं, उसे बहुत गहरे तरीके से सोचता हूं। एक कहावत है कि क्रांति व्यक्ति में घटती है, समाज में नहीं घटती है और क्रांति जिसमें घटती है, लोग उसे फॉलो करते हैं। मैं कोई चीज शुरू करता हूं या शुरू करना चाहता हूं तो मैं अपने मन में ठान लेता हूं कि इसे मुझे ही करना है। फिर कोई साथ दे या न दे। जब मैं इतना साहस जुटा लेता हूं, तो फिर मैं उस दिशा में आगे बढ़ जाता हूं।  

तमाम लोगों का कहना है कि मीडिया में आजकल कंटेंट पर काम नहीं हो रहा है। कोई भी एक चीज यदि चल जाती है तो ज्यादातर सभी चैनल उसी लीक पर चलने लगते हैं। जैसे-रूस-यूक्रेन युद्ध अथवा इलेक्शन की कवरेज को ही देखें तो यह स्थिति स्पष्ट दिखाई देती है। इस बारे में आपका क्या कहना है और कैसे अपने नेटवर्क को दूसरों से अलग साबित करेंगे?

देखिए, यह भी एक साहस की बात होती है। जैसे यदि तमाम चैनल रूस-यूक्रेन युद्ध को दिखा रहे हैं और जबर्दस्ती चीजों को खींचे जा रहे हैं तो यह भी एक साहस का काम है कि दूसरा चैनल दूसरी खबर को उठाए और उसे दिखाना शुरू कर दे। इस तरह का साहस हमारे भारत एक्सप्रेस में खूब दिखेगा और हम खूब प्रयोग करेंगे। 

समाचार4मीडिया के साथ उपेंद्र राय की इस पूरी बातचीत का वीडियो आप यहां देख सकते हैं।


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