होम / साक्षात्कार / PTI एम्पलॉइज से की सूचना प्रसारण मंत्री ने मुलाकात, कहीं ये बातें
PTI एम्पलॉइज से की सूचना प्रसारण मंत्री ने मुलाकात, कहीं ये बातें
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ के मुख्यालय में पत्रकारों के साथ चर्चा के दौरान मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े तमाम मुद्दों पर रखी अपनी बात
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago
सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि पेड न्यूज (Paid News) के मुकाबले फेक न्यूज (Fake News) ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने कहा कि सरकार और मीडिया को मिलकर इससे लड़ने की जरूरत है। देश की सबसे बड़ी समाचार एजेंसी ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ (पीटीआई) के मुख्यालय में गुरुवार को एजेंसी के पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी, जिससे मीडिया की आजादी कम हो।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और फिल्मों के बारे में कुछ रेगुलेशंस हैं, उसी तरह ‘ओवर द टॉप’ (over-the-top) प्लेटफॉर्म्स के लिए भी कुछ रेगुलेशंस होने चाहिए। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स में न्यूज पोर्टल्स के साथ ही ‘वेबस्ट्रीमिंग साइट’ जैसे हॉटस्टार, नेटफ्लिक्स और अमेजॉन प्राइम विडियो आते हैं।
जावड़ेकर का कहना था,‘मैंने इस बारे में सुझाव मांगे है कि कैसे इस तरह की स्थिति से निपटा जा सकता है, क्योंकि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर नियमित रूप से फिल्में आ रही हैं, इनमें अच्छी-बुरी सभी तरह की फिल्में शामिल हैं। इसलिए हमें देखना होगा कि इससे कैसे निपटा जाए, कौन मॉनिटरिंग करेंगा और कौन इसे रेगुलेट करेगा।’ सूचना-प्रसारण मंत्री का कहना था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए कोई प्रामाणिक संस्था नहीं है और न्यूज पोर्टल्स के साथ भी यही स्थिति है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रिंट मीडिया पर नजर रखने के लिए ‘प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया’ है। ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ (NBA) न्यूज चैनल्स की मॉनिटरिंग करती है। इसी तरह ‘एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया’ ( Advertising Standards Council of India) के पास विज्ञापनों की और ‘सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन’ (CBFC) के पास फिल्मों की जवाबदेही है। लेकिन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए ऐसा कुछ भी नहीं है। देश में न्यूज पोर्ट्ल्स की संख्या तेजी से बढ़ी है और इनमें से कई के ऑनलाइन सबस्क्राइबर्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है।
इस दौरान फेक न्यूज का मुद्दा उठने पर उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि यह पेड न्यूज से ज्यादा खतरनाक है। जावड़ेकर ने कहा, ‘फेक न्यूज को हमें मिलकर रोकना होगा। यह सिर्फ सरकार का काम नहीं है, बल्कि सभी को मिलकर फेक न्यूज को रोकना होगा। जो लोग न्यूज के बिजनेस में हैं, उन्हें फेक न्यूज से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।’
उन्होंने कहा, ‘कई मीडिया चैनल वायरल सच जैसे कार्यक्रमों के जरिये इस खतरे से निपट रहे हैं और सच को दिखा रहे हैं। प्रिंट मीडिया को भी कुछ इसी तरह के कॉलम्स शुरू करने चाहिए अथवा कुछ इसी तरह के कदम उठाने चाहिए, जिससे फेक न्यूज के बारे में सच को सामने लाया जा सके।’ सरकार ने भी कश्मीर के बारे में फेक न्यूज से निपटने के लिए दूरदर्शन न्यूज पर कश्मीर का सच नाम से कार्यक्रम चलाया है।’
जावड़ेकर का यह भी कहना था, पिछले कुछ महीनों में हमने देखा है कि बच्चे उठाने को लेकर सोशल मीडिया पर फेक न्यूज अथवा अफवाहों के चलते मॉब लिंचिंग में 20-30 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा, कि हम राज्य सरकारों से भी फेक न्यूज से निपटने के लिए कह रहे हैं। वहीं, पेड न्यूज को लेकर उन्होंने कहा कि यह अनैतिक है और मीडिया को इस पर लगाम लगानी होगी।
‘न्यूज प्रिंट’ यानी अखबारी कागज के आयात पर लगी 10 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी को वापस लेने की प्रिंट मीडिया की मांग के बारे में जावड़ेकर ने कहा कि सभी पक्षों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा हुई है और इसे जल्दी सुलझा लिया जाएगा।
टैग्स फेक न्यूज पेड न्यूज पीटीआई सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स