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टीवी चैनल्स की व्युअरशिप को लेकर BARC India के सीईओ सुनील लुल्ला ने कही ये बात
‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया के सीईओ सुनील लुल्ला ने लॉकडाउन में टीवी व्युअरशिप और मीटर टेंपरिंग समेत तमाम मुद्दों पर रखी अपनी बेबाक राय
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
देश में टेलिविजन दर्शकों की संख्या मापने वाली संस्था ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया के सीईओ सुनील लुल्ला का कहना है कि देश में लोगों तक पहुंच के मामले में टीवी सबसे ज्यादा प्रभावशाली माध्यम बना रहेगा। उनका कहना है कि कोविड महामारी और लॉकडाउन के दौरान टीवी व्युअरशिप ने स्पष्ट कर दिया है कि व्युअरशिप के मामले में आईपीएल के लिए यह काफी अच्छा सीजन रहा है। लुल्ला का यह भी कहना था कि हाल में मीटरों के छेड़छाड़ से जुड़ी घटनाओं ने स्टेकहोल्डर्स को साथ में आगे आने और इस मीजरमेंट प्रक्रिया को मजबूती से आगे बढ़ाने के संकल्प को और मजबूत किया है। हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) के साथ बातचीत में लुल्ला ने तमाम मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश:
टीवी व्युअरशिप की बात करें तो शुरुआती छमाही की तुलना में इस साल की दूसरी छमाही कैसी रही है?
देशभर के लोगों तक पहुंचने के लिए टेलिविजन सबसे प्रभावी माध्यम बना हुआ है। कोविड-19 और लॉकडाउन के दौरान साल की पहली छमाही जैसी रही, वह पहले कभी नहीं रही। इस दौरान लोगों ने टीवी देखने में ज्यादा समय बिताया। इससे व्युअरशिप रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जो पहले इस तरह कभी नहीं रही।
मार्च के आखिरी से लेकर जून की शुरुआत तक जब स्कूल-बाजार, दुकान वगैराह सब बंद थे, ‘नॉन प्राइम टाइम’ (NPT) में टीवी पर बिताया जाने वाला समय छह सौ घंटों से बढ़कर 1800 घंटे हो गया। वर्ष 2019 की पहली छमाही की तुलना में इस साल पहले हफ्ते से 26वें हफ्ते के दौरान ‘नॉन प्राइम टाइम’ (NPT) व्युअरशिप में 13.7 की वृद्धि देखने को मिली। पिछले साल की पहली छमाही की तुलना में इस साल की पहली छमाही में प्राइम टाइम व्युअरशिप में 3.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस साल की पहली छमाही मे मूवीज, न्यूज और किड्स जैसे जॉनर्स को फायदा हुआ। फिर अनलॉक की शुरुआत हुई और जुलाई से लेकर सितंबर तक ट्रांसपोर्ट, कार्यस्थल आदि खुलने शुरू हुए। ऐसे में दर्शकों ने अपनी अन्य गतिविधियों के लिए फिर से कमर कसनी शुरू कर दी और टेलिविजन पर बिताए जाने वाले समय में कमी हो गई।
इस साल की दूसरी छमाही (H2 2020) में 27 से 43वें हफ्ते के दौरान पिछले साल इसी अवधि की तुलना में प्राइम टाइम की व्युअरशिप 16.2 प्रतिशत और नॉन प्राइम टाइम की व्युअरशिप 24.3 प्रतिशत बढ़ गई। 46वें हफ्ते तक व्युअरशिप में मूवीज जॉनर का शेयर कोविड-19 से पहले की तरह 23 प्रतिशत हो गया, जबकि जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स जॉनर का शेयर कोविड-19 से पहले 52 प्रतिशत था, जो बढ़कर 56 प्रतिशत हो गया।
लॉकडाउन के दौरान हमने देखा कि जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स के मुकाबले न्यूज जॉनर में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई। अब क्या स्थिति है। किन जॉनर्स की व्युअरशिप में बढ़ोतरी हो रही है?
सबसे पहले न्यूज जॉनर की बात करते हैं। 13-14 हफ्ते में न्यूज की व्युअरशिप बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई और जून-जुलाई में यह घटकर 14-15 प्रतिशत पर आ गई और अब यह कम है। यह बढ़ोतरी नॉन प्राइम टाइम देखने के कारण हुई थी। न्यूज व्युइंग अब आठ-नौ प्रतिशत पर वापस लौट आई है। लॉकडाउन के दौरान ऑरिजनल प्रोग्रामिंग में कमी को देखते हुए ब्रॉडकास्टर्स ‘महाभारत’ और ‘रामायण’ जैसे क्लासिक शो को वापस ले आए।
महामारी के दौरान जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स के साथ न्यूज का उपभोग भी बढ़ गया, क्योंकि स्थिति जानने के लिए व्युअर्स न्यूज चैनल्स से जुड़े रहते थे। लॉकडाउन के दौरान यह जॉनर सात से बढ़कर 21 प्रतिशत हो गया और अब अनलॉक होने के साथ यह वापस सात प्रतिशत पर लौट आया है। ऑरिजनल प्रोग्रामिंग लौटने के बाद प्राइमटाइम व्युअरशिप भी बढ़ी है। इसके अलावा किड्स जॉनर की व्युअरशिप में भी वृद्धि हुई है। कुल मिलाकर टीवी पर बिताए जाने वाले औसत समय और यूनिक व्युअर्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
आईपीएल को लेकर जारी बार्क डाटा से स्पष्ट पता चलता है कि पिछले सीजन की तुलना में व्युअरशिप के मामले में यह सीजन काफी अच्छा रहा है। क्या आप इस साल आईपीएल के कुछ डाटा को शेयर कर सकते हैं? अथवा व्युअरशिप/ऐड वॉल्यूम ट्रेंड इस साल कैसे अलग रहा है?
व्युअरशिप के मामले में आईपीएल का यह सीजन (आईपीएल-13) पिछले सीजन (आईपीएल-12) के मुकाबले 23 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले सीजन में यह 326 बिलियन व्युइंग मिनट्स से बढ़कर यह 400 बिलियन व्युइंग मिनट्स हो गया। प्रति मैच औसत व्युअरशिप भी 23 प्रतिशत बढ़ गई। इस सीरीज को कुळ 405 मिलियन व्युअर्स ने देखा। आईपीएल को ओपनिंग मैच ने 11.2 बिलियन व्युइंग मिनट्स दर्ज किए, जो पिछले सीजन के मुकाबले 65 प्रतिशत ज्यादा थे। पिछले सीजन में औसत इंप्रेशंस 40.3 मिलियन थे जो 29 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ इस सीजन में 52 मिलियन हो गए। पिछले साल की तुलना में इस साल ओपनिंग मैच की पहुंच में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
विज्ञापन की बात करें तो चैनल्स के ऐड वॉल्यूम में वर्ष 2019 और 2020 में समान रूप से चार प्रतिशत की वृद्धि हुई। टॉप पांच सेक्टर्स भी लगभग समान थे। ऐडवर्टाइजिंग में इस साल नए सेक्टर्स देखे गए। मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच हुआ ओपनिंग मैच आईपीएल-12 और आईपीएल-11 की तुलना में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला ओपनिंग मैच रहा।
आपको क्या लगता है कि डाटा ब्लैकआउट का समय न्यूज चैनल्स और पूरी इंडस्ट्री के बिजनेस पर प्रभाव डालेगा? क्या आप हमें इस अवधि के दौरान उठाए जा रहे कदमों के बारे में कुछ बता सकते हैं?
हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर बार्क बोर्ड ने प्रस्ताव दिया था कि उसकी टेक्निकल कमेटी डाटा को और बेहतर करने के लिए मीजरमेंट के वर्तमान मानकों की समीक्षा और उन्हें बढ़ाने का काम करेगी और प्रमुख जॉनर्स के डाटा की रिपोर्टिंग करेगी। न्यूज समेत प्रमुख जॉनर्स के लिए क्वालिटी डाटा रिपोर्टिंग मानकों के साथ-साथ यह टेक्निकल कमेटी इंडस्ट्री और एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर सक्रिय रूप से सहयोग कर रही है।
साल के शुरुआत में बार-ओ-मीटर (Bar-o-meters) की संख्या बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई थी। आपके अनुसार बार्क के मीटरों से छेड़छाड़ रोकने का दीर्घकालिक समाधान क्या है?
लॉकडाउन और COVID-19 के कारण, पैनल का विस्तार अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। हमने विस्तार शुरू किया है और मार्केट्स में प्रगति कर रहे हैं। बार्क सेल्फ रेगुलेशन को बढ़ावा देता है।
पूरी इंडस्ट्री के लिए बार्क काफी महत्वपूर्ण संस्था है। पिछले दिनों हुए मामले पर स्टेकहोल्डर्स की प्रतिक्रिया कैसी रही है?
बार्क डाटा उलपब्ध करता है, जिसके आधार पर विज्ञापनदाता चैनल्स को विज्ञापन देते हैं। हमें स्टेकहोल्डर्स से पर्याप्त समर्थन मिल रहा है। इस तरह की घटनाओं ने स्टेकहोल्डर्स को साथ में आगे आने और इस प्रक्रिया को मजबूती से आगे बढ़ाने के संकल्प को मजबूत किया है।
इस बात पर थोड़ा प्रकाश डालें कि क्या बार्क इस प्रतिबंधित अवधि के डाटा को 12हफ्ते के बाद जारी करेगा या यह पूरी तरह से ब्लैकआउट रहेगा?
टेक्निकल कमेटी डाटा क्वालिटी रिपोर्टिंग के सभी पहलुओं को ध्यान में रख रही है और उसी के आधार पर तय किया जाएगा।
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