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हालात सामान्य होने तक समाज की बेहतरी की दिशा में जारी रहेगी हमारी ये पहल: मार्कंड अधिकारी
एक्सचेंज4मीडिया के साथ एक बातचीत के दौरान 'सब ग्रुप’ (SAB Goup) के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मार्कंड अधिकारी ने तमाम मुद्दों पर रखे अपने विचार
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
‘कोरोनावायरस’ (कोविड-19) ने हमारे जीने के तरीके को बदलकर रख दिया है। इस महामारी ने समाज के लगभग सभी वर्गों को प्रभावित किया है, लेकिन प्रवासी श्रमिकों (migrant workers) पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है। ऐसे में ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री में जाना-माना नाम ‘श्री ’ (Sri Adhikari Brothers) ने एक सराहनीय पहल शुरू की है, ताकि टैलेंटेड श्रमिकों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिले और इसके जरिये वे कमाई भी कर सकें।
हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) के साथ एक बातचीत के दौरान ‘सब ग्रुप’ (SAB Goup) के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मार्कंड अधिकारी ने इस पहल के बारे में बताने के साथ ही यह भी बताया कि कोविड-19 से ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री में किस तरह के बदलाव आए हैं। इसके अलावा उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म की ग्रोथ समेत तमाम मुद्दों पर भी अपनी बात रखी, प्रस्तुत हैं इस बातचीत के कुछ अंश:
पिछले 30 वर्षों से आप ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री का जाना-माना नाम हैं, कोविड-19 के बाद इस आप सेक्टर में किस तरह के मूलभूत बदलाव होते हुए देख रहे हैं?
कोविड के बाद लाइफ पूरी तरह से बदल गई है। सबसे पहले तो इसका सीधा प्रभाव ब्रॉडकास्टर्स के रेवेन्यू पर पड़ा है, जो काफी कम हो गया है। हालांकि, यह महीनावार (month-wise) बढ़ रहा है, लेकिन भगवान ही जानते हैं कि कोविड-19 से पहले वाली स्थिति कब आएगी। दूसरी तरफ, नए कार्यक्रम नहीं बन रहे हैं। ऐसे में जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स के लिए भारी झटका है और जीआरपी (Gross rating point) में भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही शूटिंग के लिए जो नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं, उनमें फ्रेश कंटेंट तैयार करना काफी मुश्किल है। इमर्जेंसी अथवा पैचवर्क में ही इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
यह काफी अजीब स्थिति है कि चैनल बिजनेस उपयोगिता के रूप में चल रहे हैं, व्युअर्स भी इनका उपभोग (consuming) कर रहे हैं, लेकिन जिन्हें बिलों का भुगतान करना है, वे गायब हैं। यह तो ऐसा हो गया है कि लोग फाइव स्टार होटल आ रहे हैं, लंच और डिनर कर रहे हैं और बिना बिल दिए चले जा रहे हैं। जैसा कि आप सब जानते हैं कि ब्रॉडकास्टर्स के बिलों का भुगतान हमेशा एडवर्टाइजर्स के द्वारा किया जाता है, बेशक यह रेटिंग पर निर्भर करता है।
इस दौरान डिजिटल/वेब प्लेटफॉर्म काफी तेजी से बढ़े हैं, क्योंकि वे सबस्क्रिप्शन पर ज्यादा निर्भर होते हैं। वे मुश्किल से ही एडवर्टाइजर्स पर निर्भर होते हैं। नए फिल्में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज जो रही हैं। हमारी नई पीढ़ी ने कोविड-19 से पहले दो मार्च को ‘डिज्नी हॉटस्टार’ पर अपनी फिल्म ‘ढीठ पतंगे’ (Dheet Patange) के साथ यह प्रयोग किया है, लेकिन किसी को नहीं पता था कि यह एक ट्रेंड बन जाएगा।
डिजिटल अब और ज्यादा महत्वपूर्ण किस तरह होता जा रहा है?
जैसा कि मैंने पहले ही कहा है कि डिजिटल सबस्क्राइबर्स पर ज्यादा और एडवर्टाइजर्स पर मुश्किल से ही निर्भर होता है। यह समय उनका है, लेकिन नए कंटेंट को लगातार तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि आखिर में व्युअर्स को फ्रेश कंटेंट ही चाहिए होता है।
आप हमेशा समाज के भले के लिए तत्पर रहते हैं। हाल ही में श्री अधिकारी ब्रदर्स समूह द्वारा नई पहल (Sri Adhikari Brothers initiative 2.0) शुरू की गई है। आपने प्रवासी श्रमिकों को जीवन में आशा और आजीविका प्रदान करने के लिए यह सराहनीय पहल शुरू की है। इसकी शुरुआत कैसे हुई? इसके प्रोमो पर किस तरह की प्रतिक्रिया आई और कितने लोगों ने इसमें अपना कंटेंट भेजा है?
मेरा मानना है कि एक बिजनेसमैन/मीडिया कंपनी मालिक के रूप में समाज के लिए कुछ करना हमारी पहली जिम्मेदारी है। जैसा कि मैंने अपनी पहली पहल (1.0) में कहा था कि समाज के पांच से 10 प्रतिशत उच्च वर्ग के लोगों को आगे आकर उन लोगों के लिए मदद का हाथ बढ़ाना होगा, जो तमाम मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। ‘BAPS Swaminarayan’ के साथ मिलकर हमने 1000 परिवारों की जिम्मेदारी ली है और उन्हें मासिक आधार पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करा रहे हैं।
लेकिन मुझे लगता है कि डोनेशन इसका पूरा हल नहीं है, हमें रोजगार के अवसर भी तैयार करने होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर’ के आह्वान पर हमने उन प्रवासी श्रमिकों के बेरोजगारी के मुद्दे की दिशा में काम करने का फैसला लिया है जो महामारी की वजह से अपना काम-धंधा छोड़कर अपने घरों पर वापस लौट गए हैं। चूंकि हम टैलेंट और परफॉर्मिंग आर्ट के बिजनेस में हैं, ऐसे में मैंने उन्हें एक अवसर प्रदान करने का निर्णय लिया और उनसे कहा है कि वे अपनी कला का कोई वीडियो अपने पते और बैंक अकाउंट नंबर के साथ भेजें। हम हर महीने ऐसी 1000 प्रतिभाओं को चुनेंगे। हम न सिर्फ उनके टैलेंट को अपने ग्रुप के चैनल्स पर दिखाएंगे, बल्कि उनके खाते में पैसे भी ट्रांसफर करेंगे। उससे उन्हें अपने ‘हुनर’ से कमाई का मौका मिलेगा और उन्हें गर्व का अनुभव होगा। मुझे लगता है कि समाज के लिए हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि हम आज जो भी हैं वह हमें समाज द्वारा दिया गया है और अब समाज के लिए कुछ करने का समय है। इस पहल का ग्रुप के चैनल्स (Mastiii, Dabangg और Maiboli) पर प्रसारण शुरू कर दिया गया है और शुरुआती स्तर पर हमें इसकी जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है और हम आपको कुछ दिनों के बाद वास्तविक आंकड़ों के साथ अपडेट करेंगे।
यह पहल कब तक चालू रहेगी?
जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, यह चलती रहेगी। इस पहल में भागीदारी केवल टीयर III (Tier III) शहरों, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों और उन लोगों के लिए खुली है जो बेरोजगारी से पीड़ित हैं। भागीदारी के लिए यही हमारी मूल शर्त है। वर्तमान के हालात को देखते हुए कोई भी इस समय समय सीमा के बारे में भविष्यवाणी नहीं कर सकता है, लेकिन हम अपने वादे पर तब तक टिके रहेंगे, जब तक कि हमें आशा की किरण दिखाई नहीं देती।
आपने इसके लिए कितना पैसा आवंटित किया है?
परोपकार के रूप में आप जो खर्च कर रहे हैं, उस राशि के बारे में उल्लेख करना सही नहीं है, लेकिन मैं एक बात कह सकता हूं कि समाज के वंचित व जरूरतमंद लोगों के सहयोग के लिए अपनी पहली पहल (1.0) और अब दूसरी पहल (2.0) के लिए हमने अपने परिवार से पर्याप्त धन हासिल किया है।
आप न्यूज काफी देखते हैं, न्यूज चैनल्स के बारे में आपका क्या कहना है? पहले आपके पास भी तो एक न्यूज चैनल था।
मुझे लगता है कि व्युअर्स अब टीवी से डिजिटल की ओर रुख कर रहे हैं। इसमें वर्तमान चैनल्स के ऐप्स भी शामिल हो सकते हैं। लेकिन एक बड़ा बदलाव हम यह देखते हैं कि सोशल मीडिया तेजी से आगे बढ़ रहा है। लोग सिर्फ न्यूज चैनल्स पर ही भरोसा नहीं जता रहे हैं, बल्कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की ओर भी झुक रहे हैं। बेशक, हमारे पास पहले एक न्यूज चैनल था, लेकिन वर्तमान में हमारे ग्रुप के पास ‘गवर्नेंस नाउ’ (Governance Now) के नाम से एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो पहले प्रिंट रूप में भी था। ‘गवर्नेंस नाउ’ करीब दस साल से है और सरकार से संबंधित मुद्दों पर एक बहुत ही जिम्मेदार और गंभीर प्लेटफॉर्म माना जाता है।
आपकी अगली पीढ़ी कैसे अपनी भूमिका निभा रही है और आपको नई चीजों से रूबरू होना सिखा रही है?
बेशक, हमारी नई पीढ़ी डिजिटल की दुनिया के साथ ज्यादा पली-बढ़ी है। उनकी पहली क्रिएशन ‘ढीठ पतंगे’ (Dheet Patange) थी जो दो मार्च 2020 को डिज्नी हॉटस्टार प्लेटफॉर्म पर रिलीज की गई थी। इसके बाद से यह डिजिटल फिल्मों के लिए यह एक ट्रेंड बन गया है। वे लॉकडाउन में भी कई डिजिटल वेब सीरीज और फिल्मों पर काम कर रहे हैं। रवि और कैलाश नई स्क्रिप्ट्स और सब्जेक्ट्स पर काफी मेहनत कर रहे हैं। उनके पास लगभग 10 प्रोजेक्ट तैयार हैं। बेशक, वे उभरते हुए मीडिया में हैं और मैं अपनी पूरी जिंदगी अपनी अगली पीढ़ी का स्टूडेंट बनना पसंद करूंगा।
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