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असहिष्णुता के मुद्दे पर मीडिया की भूमिका पर अरनब गोस्‍वामी के बोल

समाचार4मीडिया ब्‍यूरो ।। व्‍यूअरशिप (viewership) के मामले में ईटी नाउ (ET NOW) समाचार चैनल लगातार नंबर वन बना हुआ है। टाइम्‍स नाउ (Times Now) और ईटी नाउ (ET Now) के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्‍वामी ने बताया कि ईटी नाउ किस वजह से बिजनेस न्‍यूज जॉनर में नंबर वन का खिताब हासिल किए हुए है। प्रस्‍तुत हैं बातचीत के कुछ अंश :

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago

समाचार4मीडिया ब्‍यूरो ।। व्‍यूअरशिप (viewership) के मामले में ईटी नाउ (ET NOW) समाचार चैनल लगातार नंबर वन बना हुआ है। टाइम्‍स नाउ (Times Now) और ईटी नाउ (ET Now) के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्‍वामी ने बताया कि ईटी नाउ किस वजह से बिजनेस न्‍यूज जॉनर में नंबर वन का खिताब हासिल किए हुए है। प्रस्‍तुत हैं बातचीत के कुछ अंश : बिजनेस न्‍यूज में ईटी नाउ लगातार चार हफ्ते से नंबर एक बना हुआ है। इस चैनल को इस पोजीशन पर बनाए रखने के लिए आप क्‍या कर रहे हैं ? हम सीनएबीसी-टीवी 18 (CNBC-TV18) से आगे चल रहे हैं और यदि आप हाल ही की रेटिंग देखेंगे तो पता चलेगा कि चैनल शेयर के मामले में हमसे 15-20 प्रतिशत पीछे हैं। न हम सिर्फ अपनी यह गति बनाए रखेंगे बल्कि अपनी व्‍यूअरशिप में भी इजाफा करेंगे। इसके लिए हम विभिन्‍न योजनाओं पर काम कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि मार्केट इस सच्‍चाई को जानता है कि देश का नंबर वन बिजनेस चैनल ईटी नाउ है। यह एक दिन में नहीं हुआ है बल्कि तीन महीने से इसका प्रदर्शन लगातार बेहतर बना हुआ है और सभी लोग इस बात को जानते हैं। ‍ सामान्‍य न्‍यूज से लेकर नंबर वन ईटी नाउ बनने में आपका अनुभव किस प्रकार काम आता है? इसमें कोई खास बात नहीं है। मैं एक टीवी प्रोड्यूसर हूं। मैं लंबे समय से न्‍यूज डेस्‍क पर काम कर रहा हूं। शाम को हमें और हमारी टीम को पता होता है कि हम क्‍या बेहतर क्‍वालिटी दे सकते हैं। दूसरा, हम कैसे बेहतर क्‍वालिटी दे सकते हैं और तीसरा हम उसे इस तरह से पेश करें जिससे ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग उसे देखें। इन तीनों का सम्मिश्रण ही छोटी-छोटी चीजों में दिखाई देता है। लेकिन यदि आप आज के ईटी नाउ की तुलना पांच महीने पहले के ईटी नाउ से करेंगे तो आप मान जाएंगे कि चैनल में बहुत बदलाव हो चुका है। यह चैनल आश्‍चर्यजनक रूप से पूरी तरह बदल चुका है। मैं एक टीम भावना में विश्‍वास रखता हूं और मैं ईटी नाउ की पूरी टीम को एक टीम मानकर काम करता हूं जिसमें कहीं भी अलग-अलग ग्रुप नहीं हैं। ईटी नाउ में प्रत्‍येक व्‍यक्ति सिर्फ एक चैनल के लिए काम रहा है। लोगों से लेकर प्रमोशन, ग्रफिक्‍स, कंटेंट और प्रोडक्‍शन से निकलकर चीजें कैसे बाहर आती हैं, हमारी प्राथमिकता क्‍या हैं, संपादकीय की प्राथमिकता क्‍या हैं और हम कैसे दिन, हफ्ते और महीने के हिसाब से अपनी योजना बनाते हैं, सबके लिए एक ही पॉलिसी है। यही सब सामान्‍य बातें जनरल न्‍यूज से बिजनेस न्‍यूज में आसानी से परिवर्तित हो जाती हैं। मुझे पता है कि मेरी टीम के कुछ महत्‍वपूर्ण लोग भी इस काम में जुटे हुए हैं। ये बहुत उत्‍साही लोग हैं और इसी वजह से हमने जो भी चीजें की हैं, मार्केट ने उस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। ईटी नाउ के लिए मेरे पास 127 प्‍वाइंट की ट्रांसफॉर्मेशन लिस्‍ट है और मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मैंने इसमें से सिर्फ 25 को कार्यान्वित किया है। इसका मतलब है कि 100 चीजें अभी भी ऐसी हैं, जिन्‍हें बदले जाने की जरूरत है। ईटी नाउ के डिजिटल पर भी फोकस करने की कोई योजना है, जैसी टाइम्‍स नाउ इस दिशा में कर चुका है ? फिलहाल डिजिटल के बारे में कोई योजना नहीं है, यह भविष्‍य की बात है लेकिन टाइम्‍स नाउ के बारे में आप सही कह रहे हैं। हमने काफी अच्‍छी डील की है। हमने इस एप पर तेजी से करीब आधा मिलियन यूजर्स को जोड़ा है। देश में किसी भी न्‍यूज एप के मुकाबले इस एप पर आज की तारीख में सबसे ज्‍यादा विडियो कंटेंट उपलब्‍ध है। ‍ इसलिए लोग आजकल इस एप का बहुत इस्‍तेमाल कर रहे हैं। देश के उन हिस्‍सों में जहां बैंडविथ (bandwidth) काफी कम है, लोग सिर्फ इस एप के ऑडियो सेक्‍शन का लाभ उठा रहे हैं। वह इस एप को रेडियो की तरह सुन रहे हैं। यह एप तेजी से आगे बढ़ रहा है और जैसा कि हम जानते हैं टाइम्‍स नाउ के डिजिडल फोकस ने इस साल हमें एक नई पहचान दी है। सच कहूं तो ऐसा हमने ईटी नाउ पर नहीं किया है, वहां भी हमें ऐसा ही रिजल्‍ट मिलेगा। टाइम्‍स नाउ को देखें तो आप निर्विवाद रूप से अपने क्षेत्र के बादशाह हैं, वहां आपको अभी किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है ? रोजाना एक नया दिन होता है। मुझे खुशी है कि व्‍यूअरशिप के मामले में न्‍यूजआर (NewsHour)‍ इतने ऊंचे स्‍तर पर पहुंच गया है जिसकी पांच साल पहले मैंने कल्‍पना भी नहीं की थी। मेरे लिए स्‍टोरी को ब्रेक करना सबसे पहली चुनौती है लेकिन अन्‍य बातें भी समान ही हैं। मेरी इच्‍छा है कि बिजनेस को आगे बढ़ते हुए नंबर वन बना रहूं, युवा नेतृत्‍व को आगे बढाऊं और डिजिटल में और आगे बढ़ूं। यही सब चीजें हैं,‍ जिनके बारे में मुझे काम करना है। अभी आप किन चीजों पर फोकस कर रहे हैं ? डिजिटल, डिटिजल और सिर्फ डिजिटल। यही मेरा सिद्धांत है और न्‍यूजआर, न्‍यूजआर और न्‍यूजआर। और हमें यह सुनिश्चित करना है कि हम अपने प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे हैं। अ‍सहिष्‍णता का मुद्दा गर्माता जा रहा है और इस पर छिड़ी बहस लंबी होती जा रही है। एक पत्रकार के तौर पर आपको क्‍या लगता है कि मीडिया क्‍या कर सकता है ? मेरा मानना है कि मीडिया एक प्रेशर ग्रुप की तरह काम कर ऐसे लोगों का असली चेहरा सामने लाने में जुटा हैं। हाल ही में मैने कहा था कि ऐसे लोगों को फ्रिंज एलीमेंट (fringe elements) कहकर बुलाना ठीक रहेगा। इस मुद्दे पर अब बोल रहे कुछ लोगों के खिलाफ हमने सवाल उठाया कि वे पहले क्यों खामोश रहे हैं। हमने इस मुद्दे पर फोकस किया हुआ है जो कि काफी अच्‍छा है। जब देश में स्याही फेंकने जैसी घटनाएं होती है और हम आगे बढ़कर ऐसे मुद्दों पर बहस करते हैं और दोनों पक्षों की बात सामने लाते हैंं। समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमेंmail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।


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