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आउटलुक ने अखिलेश को बताया वादे का पक्का, दिया एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ इन दिनों समाजवादी पार्टी के भीतरी कलह में उलझ गई है। हर दिन नाटकीय अंदाज में घटनाक्रम सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की प्रदेश के विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों के साथ बैठक, दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी और परिवार के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के निवास पर हाल के निष्कासित मंत्री और

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ इन दिनों समाजवादी पार्टी के भीतरी कलह में उलझ गई है। हर दिन नाटकीय अंदाज में घटनाक्रम सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की प्रदेश के विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों के साथ बैठक, दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी और परिवार के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के निवास पर हाल के निष्कासित मंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं का विचार-विमर्श। ऐसी गहमागहमी के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हिंदी आउटलुक से किया अपना वादा निभाया है। दरअसल आउटलुक ने दो दिन पहले इस गहमा-गहमी के बीच सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का इंटरव्यू करने के उनसे संपर्क किया तो वे राजी हो गए और अपना समय दे दिया। लेकिन हैरानी भरी बात ये है कि इस तरह राजनीतिक उथल-पुथल और अंदरूनी कलह के बावजूद उन्होंने आउटलुक के लिए निर्धारित कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया। इसके विपरीत समय से थोड़ा पहले ही शाम चार बजे निश्चिंत भाव से अपने कक्ष में उ.प्र. की ताजा राजनीतिक स्थिति, प्रदेश और जनता के लिए बनी प्राथमिकताओं, भाजपा और केंद्र सरकार से मिल रही चुनौतियों-कठिनाइयों, आगामी विधान सभा चुनाव के प्रमुख मुद्दों पर लगभग डेढ़ घंटे तक प्रधान संपादक आलोक मेहता और वरिष्ठ पत्रकार अमितांशु पाठक से बातचीत की। उनके इंटरव्यू के कुछ अंश आप यहां पढ़ सकते हैं।

लेकिन यहां बता दें कि इस बातचीत का विस्तृत विवरण हिंदी आउटलुक पत्रिका में अगले सप्ताह पढ़ सकेंगे। लेकिन उ.प्र. के राजनीतिक घटनाचक्रों के बीच कुछ मुद‍्दों की संक्षिप्त झलक हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं :

प्रश्न : उ.प्र. के वर्तमान राजनीतिक तूफान के साथ विधानसभा के आगामी चुनाव की चुनौती को आप किस रूप में देख रहे हैं?

अखिलेश यादव : इसे तूफान मत समझिये। हल्का झोंका है। जल्द ही सब शांत हो जाएगा। लेकिन उ.प्र. की विभिन्न चुनौतियों और आगामी चुनाव में मेरा काम और राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा है। मुझे पिछले साढ़े चार वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में किए गए विकास एवं जनहित के लिए किए गए कार्यों पर बहुत भरोसा है। यही हमारी सबसे बड़ी शक्ति और चुनावी मुद्दा भी रहेगा।

 प्रश्न : परिवार और पार्टी में मतभेद और मुखिया मुलायम सिंहजी की नाराजगी से आप कितने विचलित हैं?

अखिलेश यादव : मैं कई बार स्पष्ट शब्दों में कह चुका हूं और आज या कल भी कहूंगा- नेताजी मेरे पिता हैं और पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने और पार्टी ने ही मुझे मुख्यमंत्री बनाया। सभी विधायकों का सहयोग एवं समर्थन मुझे मिल रहा है। इस जिम्मेदारी को मैंने पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाया है और सदा निभाता रहूंगा। किस परिवार और दल के सदस्यों में कुछ मुद्दों पर मतभिन्नता नहीं होती? हमारे यहां भी रहती है। लेकिन हमारी एकता बनी रहेगी। कुछ गड़बड़ियों से मुझे दुःख अवश्य होता है, लेकिन इसका सरकार के काम पर असर नहीं होने देता। कुछ कड़े निर्णय करने होते हैं और मुख्यमंत्री के नाते मुझे इसके लिए किसी से भी निर्देश लेने की जरूरत महसूस नहीं होती।

प्रश्न : परिवार और पार्टी को विवादों एवं संकट के लिए आप किन ताकतों को जिम्मेदार मानते हैं?

अखिलेश यादव : यों तो हमारे विरोधी हमें विफल या तोड़ने की कोशिश करते ही हैं। लेकिन जब अमर सिंह जैसे हमारे ही सांसद और उनके कुछ लोग बदनाम कर सरकार गिराने या भाजपा को लाभ पहुंचाने के प्रयास करते हैं, तो हमें बर्दाश्त नहीं होता। हम पार्टी और परिवार में बाहरी समानांतर सत्ता को कभी स्वीकार नहीं कर सकते। मैं पूरी तरह नेताजी और पार्टी के प्रति समर्पित हूं। पार्टी तुड़वाने वालों से लड़ता हूं और नई पार्टी बनाने का तो सवाल ही नहीं है। यही बात हम नेताजी से कहते हैं। सारी कड़वाहट के बावजूद अमर सिंह जी को पार्टी ने राज्यसभा में भिजवाया। इसके बाद हमारी अपेक्षा थी कि वे पार्टी और परिवार को नुकसान पहुंचाने के पुराने इरादे छोड़ देंगे।

प्रश्न : आगामी चुनाव में राजनीतिक ध्रुवीकरण से अधिक क्या सांप्रदायिक ध्रुवीकरण एवं बेहद उत्तेजक माहौल का खतरा दिखाई देता है?

अखिलेश यादव : देखिये, भारतीय जनता पार्टी ही सांप्रदायिक उत्तेजना भड़काने का प्रयास करती रही है और कर सकती है। लेकिन हम उनके प्रयास सफल नहीं होने देंगे। हम तो हर वर्ग और समुदाय को अपने विकास कार्यों, किसानों-गरीबों-युवाओं-महिलाओं के लिए हुए कल्याण कार्यों को लेकर अगले महीने से हर क्षेत्र में लोगों के पास जाएंगे।

(साभार: आउटलुक)

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