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ब्रैंड्स की सफलता में ये बातें रखती हैं बहुत मायने, बोले ‘Times Network’ के एमडी

‘टाइम्‍स नेटवर्क’ (Times Network) के एमडी और सीईओ एमके आनंद का कहना है...

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago

समाचार4मी‍डिया ब्यूरो ।।

टाइम्‍स नेटवर्क’ (Times Network) के एमडी और सीईओ एमके आनंद का कहना है कि ब्रैंड्स के लिए स्‍टोरी का बहुत महत्‍व है। मुंबई में आयोजित एक्‍सचेंज4मीडियाके कंटेंट जैम कार्यक्रम’ (e4m Content JAM) में उन्‍होंने बताया कि किस तरह से मीडिया और ब्रैंड्स एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते और इसे सिर्फ ऐडवर्टाइजिंग के नजरिये से ही नहीं देखा जा सकता है। उनका कहना था कि ब्रैंड में स्‍टोरी की उपयोगिता कभी कम नहीं हो सकती है, क्‍योंकि ये लोगों को आकर्षित करती हैं।

कार्यक्रम के दौरान उन्‍होंने न्‍यूयॉर्क टाइम्‍सके एक पत्रकार का उदाहरण भी दिया जिसने ई-कॉमर्स वेबसाइट ‘eBay’ से जर्मन ब्रैंड का चश्‍मा खरीदा और फिर उसे एक स्‍टोरी बनाकर दोबारा से बिक्री के लिए रख दिया। इस प्रकार उसने चश्‍मे को बेचकर काफी मोटा मुनाफा कमाया।

आनंद ने कहा, ‘ऐसे में उस पत्रकार ने एक तरह से अपनी स्‍टोरी के द्वारा ही चश्‍मे को बेचा, कहने का मतलब है कि ब्रैंड्स को सफल बनाने में स्‍टोरी का इसी तरह महत्‍व होता है।

इसके अलावा एमके आनंद ने मीडिया, स्‍टोरीज और ब्रैंड्स की पार्टनरशिप पर भी जोर दिया। उन्‍होंने कहा, ‘ब्रैंड्स स्‍टोरीज से बने होते हैं। मीडिया का काम इन स्‍टोरीज के माध्‍यम से लोगों को ब्रैंड्स से जोड़ना, उन्‍हें सूचनाएं देना और उनका मनोरंजन करना होता है। स्‍टोरीज के बिजनेस में यही होता है। ऐसी स्‍टोरी तथ्‍यात्‍मक के साथ काल्‍पनिक भी होती हैं और कई बार तो ये फेक स्‍टोरी होती हैं लेकिन ये ब्रैंड को सफल बनाने में काफी सहायक होती हैं, क्‍योंकि ब्रैंड्स इन्‍हीं स्‍टोरीज पर निर्भर होते हैं। ऐसे में यह एक बेहतरीन पार्टनरशिप होती है। हालांकि, इस तरह की स्‍टोरीज में आदमी की जरूरतें और इकनॉमिक्‍स काम नहीं करती है, बस स्‍टोरीज होनी चाहिए।

एमके आनंद ने कहा, ‘मीडिया मालिकों को इस बात को समझने की जरूरत है कि किसी भी स्‍टोरी के लिए मीडिया उतना ही बेहतर होता है, जितना कोई और सोर्स। ब्रैंडेड कंटेंट के साथ इसमें मदद कर रही मीडिया कंपनी अपनी स्‍टोरी खुद तैयार करती है।’  

इसके लिए उन्‍होंने समानता पर जोर देते हुए कहा, ‘मेरे लिए सबसे अच्‍छी समानता स्‍टोरी के लेखक और उसके मालिक की होगी। इसलिए जिस व्‍यक्ति की स्‍टोरी होगी, ब्रैंड भी उसी का होगा। स्‍टोरी के लेखक को स्‍टोरी मालिक को एक पुस्तक बनाने में मदद करने के उद्देश्य से आगे आना होगा। एक सफल स्‍टोरी उसके लेखक और मालिक दोनों के संयुक्त उद्देश्य को पूरा करती है।’  

आनंद ने कहा कि मीडिया मालिकों को भी स्‍टोरी के लेखक की मानसिकता से आगे आना होगा। उन्‍होंने कहा, ‘मीडिया मालिकों को भी यह समझने की जरूरत है कि सभी स्‍टोरी अच्‍छी होती हैं आपको इस दिशा में ईमानदारी से काम करना होगा। एक स्‍टोरी लेखक होने के नाते आपको ये चीजें बिल्‍कुल स्‍पष्‍ट होनी चाहिए कि आप किस तरह के लेखक हैं और आप किसके बारे में लिखना चाहते हैं।

एमके आनंद ने बताया कि मीडिया कंपनी के रूप में टाइम्‍स नेटवर्कफिलहाल देश के विकास पर फोकस कर रहा है। इसके लिए यह नेटवर्क अपने विभिन्‍न नेटवर्क जैसे मिरर नाउ’, ‘टाइम्‍स नाउऔर ईटी नाउकी मदद ले रहा है। उन्‍होंने कहा, ‘अपने इन तीनों प्‍लेटफॉर्म्‍स के द्वारा हम लोगों को ब्रैंडेंट कंटेंट उपलध कराने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा, ‘इन दिनों स्‍टोरी कहने, उसे लिखने और प्रचार करने के क्षेत्र में लगातार छह से आठ तिमाहियों तक काम करना होगा। ब्रैंडेड कंटेंट और स्‍टोरी यदि वह प्रासंगिक हैतो इसके लिए नि‍यमित गतिविधि होनी चाहिए और इसके बारे में बात की जानी चाहिए।’ 

 

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