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डिजिटल के इस दौर में क्यों कम नहीं होगी टीवी की व्‍युअरशिप, बताया ‘Viacom 18’ के सीओओ राज नायक ने...

इन दिनों डिजिटल का जमाना है और इसकी व्‍युअरशिप में भी वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन टेलिविजन की भी...

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago

रुहैल अमीन ।।

इन दिनों डिजिटल का जमाना है और इसकी व्‍युअरशिप में भी वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन टेलिविजन की भी अपनी अहमियत बनी हुई है और यह अभी भी बड़ी संख्‍या में लोगों से जुड़ने का माध्‍यम बना हुआ है। कई नए जॉनर (genres) शुरू होने के साथ ही बड़े स्‍पॉन्‍सर और सेलिब्रिटी पॉवर होने के कारण टीवी की व्‍युअरशिप पहले के मुकाबले काफी बढ़ गई है।

हमारी सहयोगी बेवसाइट एक्‍सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) के साथ खास बातचीत में ‘वायकॉम 18’  (Viacom 18) के सीओओ राज नायक का कहना है कि डिजिटल बूम व नए प्‍लेटफॉर्म्‍स के आने के बावजूद टीवी का क्रेज कभी खत्‍म नहीं होगा। इसके अलावा भी उन्‍होंने विभिन्‍न मुद्दों पर अपनी राय व्‍यक्‍त की। प्रस्‍तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश:

टेलिविजन के पीछे खिसकने के कारणों के पीछे आमतौर पर डिजिटल की व्‍युअरशिप में हुए इजाफे को बताया जाता है। आपका इस बारे में क्‍या कहना है?

चाहे हम अमेरिका की बात करें अथवा इंडिया की, टीवी की व्‍युअरशिप बढ़ती जा रही है। इस बारे में जो प्रचारित किया जा रहा है, स्थिति उससे विपरीत है। टीवी ने देश के 180 मिलियन घरों में ‍अपनी पहुंच बना रखी है और उम्‍मीद है कि जल्‍द ही 250 मिलियन और घरों में टीवी की पहुंच बढ़ जाएगी। यही नहीं, यह भी कहा जा रहा है कि लाखों लोग टीवी से दूर होते जा रहे हैं। जबकि सच्‍चाई ये है कि यदि आप अच्‍छा कंटेंट देंगे तो लोग आपकी ओर जरूर ध्‍यान देंगे। यदि उन्‍हें वह कंटेंट पसंद आता है तो वे इसे जरूर देखेंगे। इसलिए यह कहना कि लाखों लोग टीवी से दूर हो रहे हैं, गलत है। जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि यदि आप लोगों को अच्‍छा कंटेंट देंगे तो वे जरूर उसे देखेंगे अन्‍यथा ये चैनल अब तक बंद हो गए होते। हां, हम ये जरूर कह सकते हैं कि ऑनलाइन टेलिविजन के सहायक के रूप में काम करेगा। यदि आप ध्‍यान दें तो पता चलेगा कि डिजिटल के लिए जो शो तैयार किए गए हैं, वे टीवी पर आ रहे हैं। नेटफ्लिक्‍सभी टीवी पर आ रहा है, ‘अमेजनभी टीवी पर आ रहा है और यहां तक कि यूट्यूब’ Hभी टीवी पर आ रहा है। आज यदि आप कोई स्‍मार्ट टीवी खरीदकर लाते हैं तो उस पर यूट्यूब भी उपलब्‍ध है। मुझे नहीं लगता टीवी की तुलना किसी भी अन्‍य माध्‍यम से की जा सकती है। यह पहले भी काफी सस्‍ता माध्‍यम था और आज भी है और ऐसा सिर्फ इंडिया में नहीं बल्कि ग्‍लोबल स्‍तर पर ऐसा ही है।   

मैं आपको इसका एक और उदाहरण देता हूं। जैसे कि यदि आप जीवन में सफल और समृद्ध होते हैं तो आप एक बड़ा घर, बड़ी कार के साथ-साथ एक बड़ा टीवी खरीदना चाहते हैं, यही सच्‍चाई है। इसलिए मेरा मानना है कि ऑनलाइन सिर्फ टीवी के सहायक की भूमिका में रहेगा। जो लोग किसी वजह से टीवी पर बिग बॉस’ (Bigg Boss) नहीं देख पाते हैं, वे इसे वूट’ (Voot) पर देख सकते हैं। हमने इस डिजिटल प्‍लेटफॉर्म को इसलिए तैयार किया है ताकि ये दोनों माध्‍यम एक-दूसरे के सहायक बने रहें और हमारा दर्शक वर्ग हमारे साथ जुड़ा रहे।

यदि हम आपके शो बिग बॉस’ (Bigg Boss) की बात करें तो लगता है कि यह पूरी तरह से इसके होस्‍ट सलमान खान का शो है और उनके इर्द-गिर्द ही घूमता है। लंबे समय तक यह स्थिति क्‍या टीवी के लिए अच्‍छी है अथवा बुरी?

बिग बॉस’ (Bigg Boss) पर सलमान खान सिर्फ शनिवार और रविवार को ही आते हैं। हफ्ते के बाकी दिनों में वे इस शो पर नहीं दिखाई देते हैं इसके बाद भी शो काफी अच्‍छा चलता है। हालांकि सलमान खान कुछ ही समय में इस शो के पर्याय बन चुके हैं। उन्‍हें यह शो पसंद है और हम सब सलमान को प्‍यार करते हैं। यही दोनों चीजें शो को और बेहतर बनाती हैं।  

क्‍या आपको ऐसा लगता है कि देश में इन दिनों टीवी रियलिटी शो कुछ ज्‍यादा ही हो रहे हैं?

मेरा मानना है कि एक जॉनर के रूप में रियलिटी शो भी फिक्‍शन शो की तरह काम करता है। सभी लोग कह रहे हैं कि कलर्स पर रियलिटी कुछ ज्‍यादा ही दिखाई जा रही है लेकिन सच्‍चाई ये है कि हमारे चैनल पर अन्‍य चैनलों की तुलना में बहुत कम रियलिटी शो दिखाए जा रहे हैं। कुछ चैनल तो वीकेंड पर दो रियलिटी शो दिखा रहे हैं और अब तो लगभग सभी ऐसा कर रहे हैं। स्‍टार’, ‘जीऔर सोनीकी ही बात करें तो वे भी ऐसा कर रहे हैं। इस स्थिति में हमारी लागत भी काफी बढ़ गई है।

क्‍या टीवी प्‍लेयर्स ऐंटरटेनमेंट चैनलों से दूर होकर स्‍पोर्टिंग जॉनर की ओर जा रहे हैं। मेरा मतलब है कि यदि हम पिछले दिनों की बात करें तो देखेंगे कि विभिन्‍न खेल प्रारूपों में ज्‍यादा बड़ा दाव लगाया जा रहा है। क्‍या यह चिंता का विषय नहीं है?

इसमें नया कुछ भी नहीं है। खेल में शुरू से ही काफी पैसा लगाया जाता रहा है और यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा। स्‍टारने हाल ही में जब 16347.5  करोड़ रुपये की बोली लगाई तो मुझे जरा भी हैरानी नहीं हुई। मुझे लगा कि उन्‍होंने बहुत सही कीमत पर ये अधिकार हासिल कर लिए हैं। लोगों का कहना है कि स्‍टारने बहुत बड़ी रकम खर्च की है लेकिन मेरा मानना है कि उन्‍होंने बहुत अच्‍छा काम किया है। यदि आप मुझसे पूछें कि क्‍या इतनी बड़ी रकम वे वापस निकाल सकेंगे तो मेरा मानना है कि स्थिति इससे भी जुदा होगी। इंडस्‍ट्री के लिए यह काफी अच्‍छी बात है क्‍योंकि 16 हजार करोड़ रुपये कमाने के लिए वे ज्‍यादा रेट चार्ज करेंगे। ऐसे में पूरी इंडस्‍ट्री के लिए बेंचमार्क काफी ऊंचे हो जाएंगे और आने वाले समय में यही होने जा रहा है।

 

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