होम / साक्षात्कार / जर्नलिस्ट को एक्टिविस्ट नहीं बनना चाहिए, बोले वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन

जर्नलिस्ट को एक्टिविस्ट नहीं बनना चाहिए, बोले वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन

अभिषेक मेहरोत्रा द हिंदू के पूर्व एडिटर और हाल ही में द वायर (The Wire) नाम से डिजिटल पोर्टल लॉन्च करने वाले वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन का कहना है कि वे इस बात से सहमत नहीं है कि पत्रकारों को एक्टिविस्ट के तौर पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक्टिविस्ट अपनी एक धारण को लेकर प्रतिबद्ध होते हैं, जबकि पत्रकार को हमेशा संतुल

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago

अभिषेक मेहरोत्रा द हिंदू के पूर्व एडिटर और हाल ही में द वायर (The Wire) नाम से डिजिटल पोर्टल लॉन्च करने वाले वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन का कहना है कि वे इस बात से सहमत नहीं है कि पत्रकारों को एक्टिविस्ट के तौर पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक्टिविस्ट अपनी एक धारण को लेकर प्रतिबद्ध होते हैं, जबकि पत्रकार को हमेशा संतुलित रहकर रिपोर्ट फाइल करनी चाहिए। उन्होने कहा कि पत्रकार के अंदर काम के प्रति पैशन होना अत्यंत आवश्यक है। दिल्ली के इंडियन हैबिटेट सेंटर में नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया (एनएफआई) द्वारा आयोजित चाइल्ड सर्वाइवल मीडिया अवॉर्ड्स के दौरान पत्रकारो को संबोधित करते हुए सिद्धार्थ ने कहा कि जिसे आप लोग डेवलपमेंट जर्नलिज्म कह रहे हैं, मैं उसी ही रियल जर्नलिज्म कहता हूं। उन्होंने कहा कि जिस तरह के विषय पर फेलोशिप पाने वाले पत्रकारों ने काम किया है, वे बहुत अहम है पर उनकी चर्चा न्यूजरूम में नहीं होती है। इन मुद्दों पर जो स्टोरीज लिखी गई है, वे वास्तविक तौर पर दिखाती है कि कैसे आमजन अपने जिंदगी जी रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में मीडिया का बहुत विशाल स्वरूप है। बड़ी संख्या में अखबार, के साथ-साथ चौबीस घंटे चलने वाले सैकड़ों चैनल्स हैं, पर इनमे से नब्बी फीसदी चैनल्स नुकसान मे ही है। जिन समूहो के बाद एंटरटेनमेंट चैनल है, वे ही रेवेन्यू बना पाते हैं। उन्होंने कहा कि अब मीडिया विज्ञापन का बिजनेस बन गई है। एक बड़े अंग्रेजी अखबार के मैनेजिंग डायरेक्टर का तो खुले तौर पर कहना है कि हम ऐडवर्टाइजिंग वर्ल्ड में काम करते हैं। सिद्धार्थ ने कहा कि आज विज्ञापनों के आधिपत्य के चलते रियल ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए लिखी गई खबरों को भी सही स्पेस नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि आजकल सब कुछ इतना इकॉमिक ड्रिवन और पॉलिटिकली ड्रिवन हो गया है कि बड़े मीडिया हाउस छत्तीसगढ़ में नसबंदी के दौरान हुई महिलाओं की मौत पर खबर करने के लिए पत्रकार नहीं भेजते हैं, पर मैडिसन स्क्वायर पर पीएम की स्पीच कवर करने के लिए सभी के संवादादाता वहां मौजूद रहते हैं। पर असली पत्रकार वही है जो इन तमाम मुश्किलों के बावजूद सही खबर प्रकाशित करने के लिए रास्त निकालता है। उन्होंने कहा कि पाक के मुकाबले भारत में अखबारों की पहुंच बहुत अधिक है, क्योंकि यहां उनकी कीमत काफी कम है। उन्होंने कहा कि अच्छी खबर अब रुकती नहीं है। ऑनलाइन मीडिया जर्नलिज्म का एक नया रूप है, जहां अच्छी खबरें बहुत तेजी से वायरल हो जाती है। सिद्धार्थ ने कहा कि एक जर्नलिस्ट के तौर पर आप अपने संस्थान की नीति नहीं तय कर सकते हैं, पर खबर की क्वॉलिटी अच्छी करना आपके हाथ में होता है। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्टर को कभी भी आंकड़ो से डरना नहीं चाहिए, उसे आंकड़ों की अच्छी समझ विकसित करनी चाहिए। मेरे साथ करीब 100 रिपोर्टरों ने काम किया है, पर ऐसे रिपोर्टर उंगुली पर गिन सकता हूं तो आंकड़ों की समझ रखते हैं और उसके आधार पर स्टोरी बना लेते हैं। सिद्धार्थ बोले कि एक पत्रकार के लिए बेहद जरूरी है कि उसे स्टोरी टेलिंग की आर्ट आती हूं। अहम विषयों पर कई स्टोरीज इसलिए नहीं पढ़ी जाती है क्योंकि पत्रकार उसे बोरिंग और घिसे-पिटे तरीके से लिखते हैं। कोई भी स्टोरी तभी ज्यादा पढ़ी जाती है, जब वो क्रिएटिव तरीके से लिखी गई हो। साथ ही उन्होंने कहा कि हमेशा एक पत्रकार को याद रखना चाहिए कि वे स्टोरी किसके लिए लिख रहा है। अपने सोर्स को खुश करने के लिए स्टोरी न लिखें, हमेशा पाठक को ध्यान में रखने हुए लिखिए, तभी आप पत्रकारिता कर पाएंगे। एक पत्रकार के लिए सोर्स जरूरी होती है पर किसी एक सोर्स के दिए फैक्ट्स और फिगर्स को हमेशा क्रॉसचेक करना चाहिए ताकि आप किसी के द्वारा उसके तरीके से यूज नहीं हो सकें। उन्होंने कहा कि हरेक पत्रकार को चाहिए कि वे किसी एक या दो क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करें। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के लिए आरटीआई बड़ा टूल है पर पत्रकार इसका सही प्रयोग करना नहीं जानते हैं। वे इसके जरिए ऐसे सवाल पूछते हैं, जिनका जवाब अधिकारी आसानी से टाल देते हैं।

 

 

समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।


टैग्स
सम्बंधित खबरें

टेक्नोलॉजी, कंटेंट और दर्शकों से जुड़ाव, हमें तीनों को साथ लेकर चलना होगा: रजनीश आहूजा

‘एबीपी नेटवर्क’ में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड प्रॉडक्शन) रजनीश आहूजा ने ‘समाचार4मीडिया’ के साथ बातचीत में अपनी सोच और प्राथमिकताओं को शेयर किया।

1 week ago

डिजिटल व टीवी के दौर में अखबारों की भूमिका को लेकर हमें समझनी होगी यह बात: राकेश शर्मा

वरिष्ठ पत्रकार राकेश शर्मा ने समाचार4मीडिया से बातचीत में प्रिंट मीडिया की वर्तमान स्थिति, सरकार से जुड़ी नीतियों और डिजिटल युग में इसकी प्रासंगिकता बनाए रखने के उपायों पर खुलकर अपनी बात रखी है।

1 week ago

पत्रकारिता के इन्हीं अटूट सिद्धांतों पर रहेगा 'Collective Newsroom' का फोकस: रूपा झा

समाचार4मीडिया से बातचीत में 'कलेक्टिव न्यूजरूम' की सीईओ और को-फाउंडर रूपा झा ने इसकी शुरुआत, आज के मीडिया परिदृश्य में विश्वसनीयता बनाए रखने की चुनौतियों और भविष्य के विजन पर चर्चा की।

10-October-2024

मीडिया को अपने अधिकारों के लिए खुद लड़ना होगा: अनंत नाथ

इस विशेष इंटरव्यू में अनंत नाथ ने इस पर चर्चा की कि कैसे मीडिया संगठनों को मिलकर अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए और सरकारी नियमों व सेंसरशिप के दबाव का सामना कैसे करना चाहिए।

04-October-2024

'28 वर्षों की मेहनत और बदलाव की दिल छू लेने वाली दास्तान है The Midwife’s Confession’

वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ पाराशर और ‘बीबीसी वर्ल्ड सर्विस’ (BBC World Service) की इन्वेस्टिगेटिव यूनिट ‘बीबीसी आई’ (BBC Eye) ने मिलकर ‘The Midwife’s Confession’ नाम से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है।

20-September-2024


बड़ी खबरें

'जागरण न्यू मीडिया' में रोजगार का सुनहरा अवसर

जॉब की तलाश कर रहे पत्रकारों के लिए नोएडा, सेक्टर 16 स्थित जागरण न्यू मीडिया के साथ जुड़ने का सुनहरा अवसर है।

2 hours from now

रिलायंस-डिज्नी मर्जर में शामिल नहीं होंगे स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल 

डिज्नी इंडिया में स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल ने रिलायंस और डिज्नी के मर्जर के बाद बनी नई इकाई का हिस्सा न बनने का फैसला किया है

2 hours from now

फ्लिपकार्ट ने विज्ञापनों से की 2023-24 में जबरदस्त कमाई

फ्लिपकार्ट इंटरनेट ने 2023-24 में विज्ञापन से लगभग 5000 करोड़ रुपये कमाए, जो पिछले साल के 3324.7 करोड़ रुपये से अधिक है।

22 hours ago

क्या ब्रॉडकास्टिंग बिल में देरी का मुख्य कारण OTT प्लेटफॉर्म्स की असहमति है?

विवादित 'ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल' को लेकर देरी होती दिख रही है, क्योंकि सूचना-प्रसारण मंत्रालय को हितधारकों के बीच सहमति की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 

21 hours ago

ZEE5 ने मनीष कालरा की भूमिका का किया विस्तार, सौंपी अब यह बड़ी जिम्मेदारी

मनीष को ऑनलाइन बिजनेस और मार्केटिंग क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव है और उन्होंने Amazon, MakeMyTrip, HomeShop18, Dell, और Craftsvilla जैसी प्रमुख कंपनियों में नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं।

13 hours ago