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समाचार4मीडिया ब्यूरो नए शहरों में FM Radio Channels के तीसरे फेज की नीलामी के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा रिजर्व प्राइस के लिए जारी सिफारिशों का निजी FM ऑपरेटरों ने विरोध शुरू कर दिया है। इनमें से ए
समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो
नए शहरों में FM Radio Channels के तीसरे फेज की नीलामी के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा रिजर्व प्राइस के लिए जारी सिफारिशों का निजी FM ऑपरेटरों ने विरोध शुरू कर दिया है। इनमें से एक ऑपरेटर ने इसे करारा झटका बताया है। इससे पहले रेडियो जगत से जुड़े लोगों ने TRAI और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) से रिजर्व प्राइस के बारे में एक बार फिर से विचार करने का अनुरोध किया था। अधिकांश ऑपरेटरों का मानना था कि रिजर्व प्राइस काफी ज्यादा रखी गई है। विभिन्न चर्चाओं, सुझावों और अपने विश्लेषण के आधार पर इस मामले में TRAI ने पिछले हफ्ते विभिन्न सिफारिशें जारी की थीं। इसके अलावा TRAI ने तीसरे फेज के लिए रिजर्व प्राइस की घोषणा भी की थी।
वहीं रेडियो ऑपरेटर्स का मानना है कि ज्यादा रिजर्व प्राइस रखे जाने से नीलामी प्रक्रिया पर गलत प्रभाव प्रभाव पड़ेगा और अधिकांश फ्रीक्वेंसी से घाटा उठाना पड़ेगा। माना जा रहा है कि यदि रिजर्व प्राइस को तय करते समय उस शहर के बिजनेस को ध्यान में नहीं रखा गया तो नीलामी फेल भी हो सकती है।
TRAI की सिफारिशों के अनुसार रिजर्व प्राइस किसी भी शहर में रेडियो चैनल की वैल्यू की 0.8 गुना होनी चाहिए। TRAIके अनुसार, रिजर्व प्राइस का निर्धारण उस शहर की आबादी, राज्य के घरेलू उत्पादों से प्राप्त आय, एफएम रेडियो सुनने वालों की संख्या और एफएम रेडियो ऑपरेटर्स द्वारा प्राप्त रेवेन्यू पर निर्भर करेगी।
नारायणन ने कहा कि कॉमर्शियल ऐड स्पेस के बेचने के अलावा भी रेवेन्यू जुटाया जाना चाहिए। ऐसे में रिजर्व प्राइस का निर्धारण करते समय इन बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘ज्यादातर शहर इतना रेवेन्यू प्राप्त करने के लिहाज से काफी छोटे हैं और निश्चित समय में उतना रेवेन्यू नहीं प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में रिजर्व प्राइस काफी ज्यादा हैं।’ उन्होंने कहा कि FM को अभी जिजिटल टेक्नोलॉजी से लैस किया जाना है। ऐसे में डिजिटलाइजेशन के लिए और ज्यादा इंन्वेस्टमेंट की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में यह रिजर्व प्राइस और भी ज्यादा हो जाएगी।
तीसरे फेज की नीलामी से 500 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है। ऐसे में फेज तीन की नीलामी पूरी होने पर सरकार का टर्नओवर 3000 करोड़ रुपये हो जाएगा। स्पष्ट है कि न सिर्फ FM प्लेयर्स बल्कि सरकार की नजर भी रिजर्व प्राइस पर टिकी है।
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