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सचिन तेंदुलकर ने ऐड गुरु प्रसून जोशी संग की 'मन की बात'
समाचार4मीडिया ब्यूरो : इंटरनेशनल ऐडवर्टाइजिंग एसोसिएशन (IAA) के इंडिया चैप्टर का सिल्वर जुबली सम्मेेलन कोच्चि में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि आज के समय में शूटिंग का मतलब सिर्फ कैमरे का सामना करना नहीं है बल्कि सेट पर हर समय ढेरों मोबाइल फोन लगातार क्लिक करते रहते हैं जो सेट की सभी चीजों को रिकार्ड कर लेते ह
समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो : इंटरनेशनल ऐडवर्टाइजिंग एसोसिएशन (IAA) के इंडिया चैप्टर का सिल्वर जुबली सम्मेेलन कोच्चि में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि आज के समय में शूटिंग का मतलब सिर्फ कैमरे का सामना करना नहीं है बल्कि सेट पर हर समय ढेरों मोबाइल फोन लगातार क्लिक करते रहते हैं जो सेट की सभी चीजों को रिकार्ड कर लेते हैं। यहां तक कि यदि आप कोई डायलॉग भूल जाते हैं तो आप कैमरे में तो रीटेक कर सकते हैं लेकिन यह मोबाइल फोन में दर्ज हो जाता है। उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई मदद नहीं करता कि हम क्या हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। शूटिंग के समय यह सिर्फ आपके काम का हिस्सा होना चाहिए, इसके अलावा और कुछ नहीं।’ दरअसल मास्टर ब्लास्टर इस सम्मेलन में McCann Worldgroup Asia Pacific के चेयरमैन प्रसून जोशी के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने इस साल उन पर फिल्माई गईं विभिन्न ऐड फिल्मों से जुड़े किस्सेे भी सुनाए। इस दौरान उन्होंने ब्रैंड सचिन से लेकर आम सचिन के बारे में बताया। इसके अलावा उन्होंने अपने कॅरियर में विजुअलाइजेशन की पॉवर के बारे में भी बताया, जिसमें उन्हें अपने कुछ खास शॉट को वास्तविक रूप से खेलने से पहले ही खुद को खेलते हुए देख लिया था । समिति में IAA द्वारा सचिन तेंदुलकर को ‘the biggest human brand in advertising’ होने पर ऐडवर्टाइजिंग आइकॉन के रूप में सम्मानित किया गया। सबसे पहले जोशी ने तेंदुलकर से पूछा कि वह किसी ब्रैंड के विज्ञापन के लिए कैसे उसका चुनाव करते हैं, क्या वह उसके लिए कोई खास तरीका अपनाते हैं, तेंदुलकर ने जवाब दिया, ‘मेरे पास एक मैनेजमेंट टीम है। मेरे पास जो भी ऑफर आते हैं, पहले हम उसकी समीक्षा करते हैं। उस ब्रैंड का विज्ञापन करने से पहले मैं देखता हूं कि क्यां इसके द्वारा हम लोगों की जिंदगी में खुशी शामिल कर सकते हैं और वह कैसे लोगों की जिंदगी से जुड़ा है और उन्हें सही दिशा में ले जा सकता है।’ सचिन ने बताया कि उनके पिता ने तंबाकू और शराब के विज्ञापन न करने के लिए कहा था और पिता की यह बात उन्होंने दिल में बिठा ली है। वह इस तरह के ब्रैंड के विज्ञापन से हमेशा दूर रहते हैं। सचिन ने कहा, ‘एक अच्छा ब्रैंड मेरी और खुद ब्रैंड की मदद कर सकता है जबकि एक खराब ब्रैंड दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। एक निश्चित समय के बाद आपका और ब्रैंड का एक रिलेशनशिप बन जाता है और मैं उसका सम्मान करता हूं।’ जोशी का अगला सवाल था कि सचिन तेंदुलकर जब किसी विज्ञापन को करते हैं तो उसमें समाज के बारे में उनका क्या नजरिया होता है। क्या वह ब्रैंड सचिन के बारे में अथवा आम सचिन के बारे में सोचकर किसी विज्ञापन को करते हैं। इस पर सचिन ने कहा, ‘कई बार ऐसा हो चुका है, वर्ष 1988 में जब हम शारजाह में खेल रहे थे और ऑस्ट्रेलिया को लगातार हराया था। जब मैं भारत वापस आया तो पेप्सी मेरे साथ एक विज्ञापन करना चाहती थी जिसमें मैं एक मक्खी मारने वाले रैकेट (fly-swatter) के साथ बैटिंग कर रहा हूं। मैंने यह कहते हुए मना कर दिया कि मैं क्रिकेट से बड़ा नहीं हूं। ऐसा करना क्रिकेट का अपमान करना होगा। मैं उस खेल का अपमान करना नहीं चाहता जिसने मुझे जीवन में सब कुछ दिया है। ऐसा कई बार हुआ है जब मैंने ब्रैंड के लिए काम किया है, लेकिन इस बार मैंने मना कर दिया था।’ आप प्रसून जोशी के साथ सचिन तेंदुलकर के साथ ये पूरी बातचीत नीचे विडियो के जरिए भी सुन सकते हैं... https://youtu.be/C7oGbpZktJ0
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