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जानिए, क्या ऑनलाइन मीडिया के लिए कोई रेगुलेशन लाएगी सरकार?

समाचार4मी‍डिया ब्यूरो ।। बिजनेसवर्ल्‍ड (BusinessWorld) और एक्‍सचेंज4मीडिया (exchange4media) ग्रुप के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ अनुराग बत्रा ने सूचना एवं प्रसारण राज्‍यमंत्री कर्नल राज्‍यवर्धन सिंह राठौड़ से विभिन्‍न मुद्दों

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago

समाचार4मी‍डिया ब्यूरो ।।

बिजनेसवर्ल्‍ड (BusinessWorld) और एक्‍सचेंज4मीडिया (exchange4media) ग्रुप के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ अनुराग बत्रा ने सूचना एवं प्रसारण राज्‍यमंत्री कर्नल राज्‍यवर्धन सिंह राठौड़ से विभिन्‍न मुद्दों पर बातचीत की। इस दौरान राठौड़ ने स्‍वत:नियमन (self regulation) और मंत्रालय द्वारा हासिल की गई उप‍लब्धियों के साथ ही उन जरूरतों के बारे में भी बताया, जिनके द्वारा भारतीय मीडिया को वैश्विक स्‍तर (global route) के रास्‍ते पर काफी आगे ले जाया जा सकता है।

प्रस्‍तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश:

 तेजी से बढ़ती हुई डि‍जिटल मीडिया इंडस्‍ट्री को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय किस रूप में देखता है और डिजिटल मीडिया पर जवाबदेही (responsibility) लाने के लिए आपकी क्‍या योजना है ?

 छोटे शहरों में अभी डिजिटल मीडिया शुरुआती दौर में है, इसलिए आने वाले समय में इसमें निश्चित रूप से और विस्‍तार होगा और इसका ग्‍लैमर बढ़ेगा। ऐसे में इसके साथ काम करना काफी आसान हो जाएगा। सच्‍चाई यह है कि बहुत सारे बिजनेस हाउसेज और सरकार बड़े पैमाने पर डिजिटल मीडिया का इस्‍तेमाल कर रही है। ऐसे में इसका इस्‍तेमाल करने वाले सभी लोगों की अपनी जिम्‍मेदारी भी बनती है। ऐसे में यह आपके शिष्‍टाचार और आपकी संस्‍कृति पर है जैसा आप अपने घर में व्‍यवहार करते हैं, वैसा ही आपको घर से बाहर करने की जरूरत है। जिस तरह से हम अपने जीवन में सीखते हैं कि समाज में क्‍या करना है और क्‍या नहीं, उसी तरह से डिजिटल मीडिया के इस्‍तेमाल के समय प्रत्‍येक व्‍यक्ति को अपनी जिम्‍मेदारी समझनी होगी।

सोशल मीडिया को और अधिक जिम्‍मेदार कैसे बनाया जा सकता है? क्‍या ऑनलाइन मीडिया के लिए सरकार कोई रेगुलेशन लाने की सोच रही है ? क्‍या आपको लगता है कि ऑनलाइन मीडिया को सेल्‍फ रेगुलेशन की जरूरत है ?

सरकार ऐसा नहीं करने जा रही है। यह एक ऐसा माध्‍यम है, जिसे पूरी तरह स्‍वतंत्रता की जरूरत है। मेरा मानना है कि इसके लिए सेल्‍फ रेगुलेशन ही बेहतर रास्‍ता है। जैसा सामान्‍य शिष्‍टाचार आप अपनी जिंदगी में अपनाते हैं, अगर वैसा ही यहां पर करेंगे तो सोशल मीडिया में बहुत सारी चीजें अपने आप अच्‍छी हो जाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिये ऑल इंडिया रेडियो में फिर एक नई जान फूंक दी है और अब दूरदर्शन भी तरक्‍की के रास्‍ते पर आगे बढ़ रहा है। आपका क्‍या मानना है कि वर्तमान सरकार में दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो ज्‍यादा माकेट फ्रेंडली हो सकते हैं और निजी क्षेत्र के खिलाडि़यों से टक्‍कर ले सकते हैं ?

देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है और केंद्र सरकार देश भर में एक बड़ा ब्रैंड बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में रेडियो को लोकप्रिय बनाने के लिए बहुत कुछ किया है। देश के लगभग 98 प्रतिशत भागों में ऑल रेडियो रेडियो के कार्यक्रम आते हैं। मेरा मानना है कि आज के समय में ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन उसी दशा में कड़ी टक्‍कर दे सकते हैं जब हमारे पास अच्‍छी क्‍वालिटी का कंटेंट हो और उसे बेहतर तरीके से डिलीवर किया जाए। हम इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।

आपके हिसाब से इन तीन वर्षों में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने क्‍या खास उपलब्धि हासिल की है और आने वाले दो वर्षों के लिए आपकी प्राथमिकताएं क्‍या होंगी ?

हमारा प्रयास सरकार के संदेश को लोगों तक पहुंचाना है। इसके अलावा जिस तरह से हमने सभी प्‍लेटफॉर्म्‍स और कम्‍युनिकेशंस के साधनों का इस्‍तेमाल किया है, उससे मैं पूरी तरह संतुष्‍ट हूं। अभी कस्‍बों अथवा छोटे शहरों में डिजिटल मीडिया की उतनी पकड़ नहीं बन पाई है, जिसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी टेक्‍नोलॉजी को बढ़ावा देने पर जोर दे रहे हैं। हमारी यूनिट गांवों में जाती है और लोगों को डिजिटल मीडिया के इस्‍तेमाल के बारे में जागरूक करती है। मेरा मानना है कि इस सरकार ने कम्‍युनिकेशन के क्षेत्र में काफी ज्‍यादा काम किया है। अब यह दो तरफा कम्‍युनिकेशन (two way communication) बन चुका है।

यदि आपको मीडिया प्रोफेशनल्‍स को कोई मेसेज देना हो तो वह क्‍या होगा? इसके अलावा आप ग्‍लोबल मीडिया की तुलना में भारतीय मीडिया को किस रूप में देखते हैं ?

मेरा मानना है कि मीडिया समेत हम सभी लोग इस बात से भलीभांति वाकिफ हैं कि सत्‍य की हमेशा जीत होती है। मीडिया होने के नाते जब आप न्‍यूज दें तो उसमें से व्‍यूज को अलग कर लें। ऐसे में ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग आपकी बात को समझ सकते हैं। इसके अलावा भारतीय मीडिया तेजी से आगे बढ़ रही है और मेरा मानना है कि देश के लिए यह सुनिश्चित करने का सही समय है कि हमारी न्‍यूज पूरी दुनिया में फैल जाए। यदि हम अच्‍छी क्‍वॉलिटी की न्‍यूज देंगे तो उस न्‍यूज को ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग पसंद करेंगे और इस तरह से भारतीय मीडिया पूरी दुनिया में छा जाएगी।

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