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दो साल में न्यूज की दुनिया में बहुत कुछ नया करेंगे हम:  कार्तिकेय शर्मा, ग्रुप चेयरमैन, आईटीवी नेटवर्क

सिमरन सभरवाल और हिना अछपाल ।। टीवी न्यूज एक ऐसी विधा (जेनर) है जो ऑन एयर हो या ऑफ एयर उसकी खबर चर्चा में बनी रहती है। एक तरफ जहां आलोचक इस बात की आलोचना करते हैं कि टीवी पर दिखाई जाने वाली व्यक्ति केंद्रित खबरें और टीवी स्क्रीन पर होने वाली बहसें कुछ भी हो सकती है

समाचार4मीडिया ब्यूरो 10 years ago

सिमरन सभरवाल और हिना अछपाल ।।

टीवी न्यूज एक ऐसी विधा (जेनर) है जो ऑन एयर हो या ऑफ एयर उसकी खबर चर्चा में बनी रहती है। एक तरफ जहां आलोचक इस बात की आलोचना करते हैं कि टीवी पर दिखाई जाने वाली व्यक्ति केंद्रित खबरें और टीवी स्क्रीन पर होने वाली बहसें कुछ भी हो सकती है लेकिन वे खबर नहीं हो सकती है, तो वहीं दूसरी तरफ न्यूज ब्रॉडकास्टर 10+2 ऐड कैप, कंपनी में छंटनी, मुनाफे का न होना जैसी अन्य चुनौतियों से जूझ रहे हैं। इतनी विषम परिस्थित होने के बाद भी आईटीवी नेटवर्क ने धीरे-धीरे ही सही लेकिन ठोस तरीके से टीआरपी की सीढ़ी चढ़कर आज अपना एक अलग मुकाम बना लिया है। इनफॉरमेशन टीवी (आईटीवी) नेटवर्क के ग्रुप चेयरमैन कार्तिकेय शर्मा का कहना है कि ये सफर अच्छा तो रहा लेकिन काफी कठिन भी रहा। उनका कहना है कि कंपनी के लिए शुरू के चार साल काफी कठिन रहा क्योंकि इस दौरान कोई लाभ नहीं हुआ, लेकिन पिछले दो साल में कंपनी का ग्रोथ अच्छा रहा और हम आज यहां तक पहुंचे हैं।

साल 2007 से शुरू हुए आईटीवी के शुरुआती दिनों को याद करते हुए कार्तिकेय ने कहा उनके सामने इंडस्ट्री ने जो भी चुनौतियां दीं, उन्होंने उन चुनौतियों को हमेशा अवसर में बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि शुरू में तो एक नेशनल चैनल लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन आर्थिक मंदी ने उन्हें अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने को मजबूर कर दिय। इसके बाद ही उन्होंने अपनी योजना बदली और अपना ध्यान रीजनल चैनल शुरू करने पर केंद्रित किया। उन्होंने 'इंडिया न्यूज' के नाम से रीजनल चैनल शुरू किया। उनकी दूसरी योजना हिट हो गई और तीन साल में ही वे एक रीजनल नेटवर्क बनाने में सफल रहे, और आज आईटीवr नेटवर्क के तहत इंडिया न्यूज के ब्रैंडनेम से 5 रीजनल चैनल चल रहे हैं। इनमें इंडिया न्यूज हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश -उत्तराखंड और बिहार-झारखंड शामिल हैं।

आईटीवी के साथ ही पूरी इंडस्ट्री के सामने डिजिटाइजेशन करने के रूप में अगली चुनौती सामने थी। शर्मा को लगा कि इंग्लिश न्यूज की दुनिया में दाखिल होने का यही सही समय है। परिणामस्वरूप 2012 में आईटीवी ने अंग्रेजी न्यूज चैनल 'न्यूज एक्स News X' का अधिग्रहण किया। 2008 में न्यूजएक्स शुरू होने के बाद से आईटीवी नेटवर्क उनका थर्ड ओनर है।उस समय न्यूज एक्स का मार्केट शेयर एक फीसदी से भी कम था। यही वजह है कि ये फैसला कइयों को हैरान कर गया, लेकिन शर्मा कहते हैं कि यहां भी कंपनी ने इस चुनौती को अवसर के रूप मे देखा और संकट से उबरी। तब से न्यूज एक्स आज मार्केट में अपनी जगह बना चुका है और अंग्रेजी न्यूज चैनलों की इस भीड़ में अपनी अच्छी खासी दर्शक संख्या बटोर चुका है। कार्तिकेय

कहते हैं कि न्यूज एक्स अपने हाथ में लेने के दो साल के अंदर ही हमने पर्याप्त मार्केट शेयर कब्जा लिया। चैनल जिस तरह आगे बढ़ा उसे देखते हुए हम अपने इस प्रदर्शन से खुश हैं। सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है लेकिन एक मैनेजमेंट टीम के रूप में हमने अपने लिए जो टारगेट तय किया था, उसे हासिल कर हम खुश हैं।

हिंदी न्यूज चैनल 'इंडिया न्यूज' अपने रिलॉन्च के सात महीने के भीतर ही टॉप-5 में जगह बनाने में कामयाब रहा। एक ऐसे क्षेत्र में जहां पूरे न्यूज स्पेस में घमासान मचा हुआ है। कार्तिकेय का कहना है मार्केट की समझ के आधार पर इंडिया न्यूज के लिए एक सुदृढ़ प्लान बनाया गया। हमने कुछ चीजें काफी सही कीं। उन्होंने कहा कि हम बहुत ही सही समय पर एंट्री मारी, खासकर तब जब डिजिटाइजेशन जारी था और चुनाव होने में डेढ़ साल बचे हुए थे। ऐसे में हमे अपना विस्तार करने और व्यूअरशिप तैयार करने के साथ ही एक ब्रैंड के रूप में इंडिया न्यूज की पहचान बनाने के लिए पर्याप्त वक्त मिल गया। कार्तिकेय कंटेंट को सबसे बड़ा परिवर्तनकारी मानते हैं। वे कहते हैं कि हमने मार्केट शेयर के मामले में 1 फीसदी से 9-9.5 फीसदी तक की ग्रोथ की। ये अप्रत्याशित है और इसका श्रेय विशिष्ट कंटेंट को भी जाता है। उनका कहना है कि अगर विचारधारा, एडिटोरियल लाइन और एडिटोरियल कंटेंट के मामले में आपके लक्ष्य स्पष्ट हैं तो प्रतिस्पर्धा में आगे बने रहना मुश्किल नहीं। डिस्ट्रीब्युशन और एडिटोरियल कंटेंट के उत्कृष्ट समिश्रण ने चैनल की ग्रोथ पक्की की।

इंडिया न्यूज की सफलता का एक महत्वपूर्ण कारण एडिटर-इन-चीफ दीपक चौरसिया भी हैं। दीपक हिंदी न्यूज की दुनिया का जाना-पहचाना चेहरा हैं।

हालांकि यही बात न्यूज एक्स के बारे में नहीं कही जा सकती जो उन चैनलों से प्रतिस्पर्धा करता है जहां स्क्रीन पर बड़े-बड़े नाम दिखाई देते हैं। कार्तिकेय की राय इस मुद्दे पर बिल्कुल स्पष्ट है। वे कहते हैं कि मैं निजी तौर पर न्यूज सेगमेंट में बड़े नामों की अवधारणा पर यकीन नहीं रखता। संस्थान हमेशा व्यक्तियों से बड़ा होता है। निस्संदेह दीपक चौरसिया का रोल बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन ये टीम के सामूहिक प्रयासों का भी फल है और यही बात न्यूजएक्स पर भी लागू होती है।

न्यूजएक्स की रणनीति का खुलासा करते हुए कार्तिकेय ने कहा कि इसकी तुलना दूसरों से नहीं की जा सकती क्योंकि ये अलग प्रोडक्ट है और अलग स्थिति में है। वे इस बात पर जोर देते हैं कि ग्रुप के सभी प्रोडक्ट को अपने दम पर ग्रोथ की आजादी है, ताकि कोई भी प्रोडक्ट किसी दूसरे का क्लोन न लगे। सबसे नए चैनल न्यूजएक्स की व्यूअरशिप में वृद्धि युवा दर्शकों पर फोकस करने के उसके टारगेट के चलते हुई है। कार्तिकेय बताते हैं कि अगर आप हमारी व्यूअरशिप देखें तो हमने सेक्शन ए, बी, 25-44 सेगमेंट पर फोकस किया और मार्केट लीडर बन गए। एक साल से भी ज्यादा समय तक पूरी प्रतिस्पर्धा (जिसमें टाइम्स नाउ, सीएनएनआईबीएन भी शामिल हैं) में आगे रहे। इस साल हमने अपना फोकस मेन मार्केट पर किया है। इस मेन सेगमेंट में भी व्यूअरशिप के आंकड़े उत्साहजनक हैं जिसका मतलब है कि विशिष्ट कंटेंट के लिए हमेशा जगह है।

कंपनी ने रिपोर्टरों और संपादकों की नई पौध तैयार करने पर भी ध्यान दिया है, जिनमें टीम को लीड करने की क्षमता हो। इसके पीछे सोच ये है कि युवा टीम दर्शकों से जुड़ने में मददगार होती है और ये कंटेंट में दिखता है कि टीम अहम मुद्दों के बारे में कैसे सोचती है, क्या नजरिया रखती है, कौन से सवाल उठाती है और क्या प्रतिक्रिया देती है।

न्यूजएक्स ने हाल ही में अपने चैनल को इसके कंटेंट के अनुरूप बनाने के लिए इसके लुक में बदलाव किया जिसे कार्तिकेय शर्मा‘ताजा, युवा और बहुत ज्यादा दुराग्रही नहीं’ बताते हैं ठीक अपनी टैगलाइन ‘न्यूज नॉट नॉइज News Not Noise’’ की तरह।

अपनी टैगलाइन पर खरा उतरने के लिए न्यूजएक्स ने ऐसी प्रक्रिया तय की है जिससे चैनल सनसनी फैलाने से दूर रहे और उन दर्शकों की डिमांड पूरी करे जो पीत पत्रकारिता से ऊबकर खबरों की तलाश में रहते हैं। इस रणनीति ने चैनल के लिए काम किया है और कार्तिकेय मानते हैं कि इन सिद्धांतों को अपनाकर इस सेंगमेंट में व्यूअरशिप हासिल करने की पर्याप्त संभावनाएं हैं। वो कहते हैं कि सनसनी फैलाना कुछ के लिए काम कर सकता है। ये उनकी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है लेकिन ये हमारे लिए काम नहीं करता।

आज जब ज्यादातर न्यूज नेटवर्क इंटिग्रेटेड न्यूजरूप और सिनर्जी (इंटीग्रेशन) की ओर देख रहे हैं,आईटीवी का फोकस संस्थान के बड़े अधिकारियों के बीच कम्युनिकेशन गैप खत्म करने का है। इंटिग्रेशन के मामले में ग्रुप मानता है कि ये संपादकीय स्टाफ के बीच आधारभूत बिंदु पर हो। कार्तिकेय ने कहा कि उन्होंने ये सुनिश्चित किया है कि अब दोनों चैनलों के संपादक एक दूसरे से संवाद करें, उनका मानना है कि इस पहल से बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। उनका मानना है कि इंटिग्रेशन किसी सिस्टम का नहीं बल्कि व्यक्तियों के बीच का मुद्दा है, अगर आप इसे सुलझा लेते हैं तो बिजनेस के लिए बड़ी दक्षता हासिल की जा सकती है।

कार्तिकेय शर्मा ने आईटीवी के अगला लक्ष्य के बारे में बताते हुए कहा कि अब हमारी योजना सोशल मीडिया की तरफ कदम बढ़ाने की है। उन्होंने इस नई पहल को अमलीजामा पहनाने के लिए अपनी कमर भी कस ली है। उनके मुताबिक सोशल मीडिया और टेलिविजन का समन्वय एक क्रांतिकारी रास्ता है जो इस मीडियम को वास्तविक रूप से इंटरेक्टिव बना रहा है। उन्होंने कहा कि वे बहुत जल्द ही अपनी तरह का पहला इंटिग्रेटेड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लेकर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो वे अगस्त के अंत तक इसे लॉन्च भी कर देंगे। यहां प्रोग्रामिंग और मुख्यधारा की न्यूज के प्रत्येक प्रोडक्ट के लिए सोशल मीडिया के इंटिग्रेशन की नई लाइन होगी जो न तो भारत और न ही दुनिया में पहले कहीं हुआ है।

कार्तिकेय शर्मा का कहना है कि ये तभी किया जा सकता है जब टेलिविजन सोशल मीडिया को पीछे छोड़ने के माइंडसेट से बाहर निकले। वैकल्पिक राजस्व जुटाने के लिए इंडस्ट्री को कैसे दायरे के बाहर जाकर सोचने की जरूरत है, ये उसका एक अच्छा उदाहरण होगा। ये निश्चित रूप से हमारे लिए बड़ा परिवर्तनकारी साबित होगा। ये हमें कंप्टीशन में नए मुकाम पर ले जाएगा और हमें हमारे ब्रैंड को और मजबूत करने में भी मदद करेगा।

हाल ही में सेंट परसेंट मीडिया के साथ अपना ऐड सेल्स एग्रीमेंट खत्म करने के बाद आईटीवी ने अपनी सेल्स टीम तैयार की और तीन अंकों की ग्रोथ हासिल की। कंपनी न्यूज मार्केट के लिए उपलब्ध रिवेन्यू में से उल्लेखनीय हिस्सा हासिल कर इस ग्रोथ को अगले वित्तीय वर्ष में भी कायम रखने के प्रति आशान्वित है।

आगे की बात करें तो ग्रुप अगले दो साल में न्यूज की दुनिया में कई रीजनल और नेशनल प्रोडक्ट उतारने की योजना बना रहा है। बहुप्रतीक्षित बिजनेस न्यूज चैनल भी इस लिस्ट में है जिसके जल्द ही लॉन्च होने की उम्मीद है। कार्तिकेय कहते हैं कि हम अगले दो साल में भारत का सबसे बड़ा टीवी न्यूज नेटवर्क और सबसे ज्यादा प्रॉफिट कमाने वाले नेटवर्क बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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