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तीन अमेरिकी पत्रकारों को किया देश से बाहर, लिया बदला
एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ने का उपचार खोज रही है, तो वहीं दूसरी ओर अमेरिका और चीन अभी भी आपसी मतभेद में उलझे हुए हैं।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ने का उपचार खोज रही है, तो वहीं दूसरी ओर अमेरिका और चीन अभी भी आपसी मतभेद में उलझे हुए हैं। दरअसल, चीन ने तीन अमेरिकी अखबारों के पत्रकारों को देश से बाहर कर दिया है।
फिलहाल, चीन ने जिन तीन अमेरिकी अखबार के पत्रकारों को बाहर रास्ता दिखाया है, उनमें ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ और ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ शामिल है।
अमेरिकी मीडिया की मानें तो, चीन के विदेश मंत्रालय ने आधी रात को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है, जिसमें कहा गया है कि ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ और ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ के पत्रकार, जिनके 2020 में क्रिडेंशियल समाप्त होने वाले हैं, वे सभी 10 दिन के अंदर अपने प्रेस कार्ड जमा करा दें, उन्हें अब चीन, हांगकांग (Hong Kong) या मकाऊ ( Macao) में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मंत्रालय ने चीन में उनके संचालन के बारे में जानकारी की भी मांग की है। अमेरिका में ‘चीनी मीडिया एजेंसियों पर अनुचित प्रतिबंध’ के जवाब में चीन ने ये कदम उठाया है। बयान के मुताबिक, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’‘वॉशिंगटन पोस्ट’, वॉयस ऑफ अमेरिका और टाइम मैगजीन को चीन में अपने स्टाफ, फाइनेंस, ऑपरेशन और रियल स्टेट के बारे में जानकारी भी घोषित करनी होगी।
बता दें कि फरवरी में ट्रंप प्रशासन ने चीन की पांच बड़ी मीडिया एजंसियों को चीन सरकार की कठपुतली बताया था। इतना ही नहीं सरकार ने इन संस्थानों में काम करने के लिए अमेरिका आने वाले चीन के कर्मचारियों की संख्या को भी सीमित कर दिया था, जिसके जवाब में चीन ने यह कदम उठाया है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका ने जो किया है वह विशेष रूप से चीनी मीडिया संगठनों को टारगेट करने के लिए था। वैचारिक पूर्वाग्रह और कोल्ड वार मानसिकता के कारण ये सब किया गया है।
मालूम हो कि इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो (Mike Pompeo) ने चीन को चेतावानी दी थी कि वो कोरोना (COVID-19) पर अफवाह और गलत खबरें फैलाना बंद करे। पिछले हफ्ते चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्वीट कर कहा था कि हो सकता है इस वायरस को अमेरिकी सेना (US Army) ने वुहान (Wuhan) में छोड़ा हो। उनके इस बयान पर ही पोंपियो ने चीन को चेताया था।
इतना ही नहीं पोंपियो ने विशेषज्ञों और डॉक्टरों को सलाह दी है कि वे इस महामारी को COVID-19 की जगह वुहान वायरस (Wuhan Virus) कह कर संबोधित करें।
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