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पत्रकारिता के लिए जरूरी है सृजनात्मकता: प्रो. नागेश्वर राव
‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ द्वारा आयोजित पांच दिवसीय सत्रारंभ समारोह के समापन पर ‘IGNOU’ के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने पत्रकारिता के विद्यार्थियों को दिए सफल होने के टिप्स
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) द्वारा आयोजित सत्रारंभ समारोह का शुक्रवार को समापन हो गया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय’ (IGNOU) के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने कहा कि पत्रकारिता के लिए सृजनात्मकता की आवश्यकता है। ज्ञान के आधार पर हम किसी भी क्षेत्र में शीर्षतम स्तर पर पहुंच सकते हैं, लेकिन इसके लिए सृजनात्मक, निष्पक्ष और साहसी होना जरूरी है।
'अमृतकाल के संकल्प और मीडिया' विषय पर नवागत विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए प्रो. राव ने कहा कि पत्रकारों के लिए बोलने से ज्यादा सुनना बेहद जरूरी है। मीडिया में अपना करियर शुरू करने जा रहे प्रत्येक विद्यार्थी के लिए यह आवश्यक है कि वो किताबी ज्ञान से ऊपर उठकर समाज के लिए जमीन पर रहकर काम करे। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के लिए व्यावहारिक ज्ञान आवश्यक है, जो पत्रकार को सर्वश्रेष्ठ बनाता है।
अमृत के साथ विष के लिए तैयार होना भी सीखिए: मेहता
कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार (पद्मश्री) आलोक मेहता ने कहा कि अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण समय में युवाओं को अमृत के साथ विष के लिए भी तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में एक सैनिक की तरह काम करना होता है। आपकी सफलता तब है, जब आपकी तारीफ कोई दूसरा व्यक्ति करे। आलोक मेहता के अनुसार, ‘युवाओं के लिए आगे बढ़ने और सफल होने का मूलमंत्र है कि 'परफेक्शन' से काम करें और 'रिजेक्शन' की चिंता न करें। इसके साथ ही पत्रकारिता की लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखना भी आवश्यक है।‘
ईमानदारी और मेहनत से मिलेगी सफलता: प्रो. द्विवेदी
आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि अगर आप अपने काम को मेहनत और ईमानदारी से करते हैं, तो यकीन मानिए आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि श्रमजीवी व्यक्ति के सामने कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो, वो उसका समाधान निकालना जानता है। प्रो. द्विवेदी के अनुसार, ‘सकारात्मक सोच और सार्थक विचारों की पत्रकारिता ही समाज और संस्कृति के लिए सबसे बेहतर होती है। युवाओं को अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करना चाहिए।‘
इस अवसर पर भारतीय जनसंचार संस्थान द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका 'संचार सृजन' और मासिक न्यूजलैटर 'आईआईएमसी न्यूज' के नए अंक का विमोचन भी किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 'संचार सृजन' ने 'राष्ट्र निर्माताओं की पत्रकारिता' विषय पर विशेषांक का प्रकाशन किया है। इस मौके पर आईआईएमसी के अपर महानिदेशक आशीष गोयल, डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह, कार्यक्रम के संयोजक एवं उर्दू पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रमोद कुमार सहित आईआईएमसी के सभी केंद्रों के संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। 21 नवंबर से प्रारंभ हुए आईआईएमसी के पांच दिवसीय सत्रारंभ समारोह में लगभग 56 वक्ताओं ने विद्यार्थियों को संबोधित किया और जनसंचार के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए उनका मार्गदर्शन किया।
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