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डिफेंस मीडिया और कम्युनिकेशन के दिग्गज कर्नल प्रेम नाथ खेड़ा का निधन
करीब 85 वर्षीय कर्नल खेड़ा ने 25 जनवरी 2करीब 85 वर्षीय कर्नल खेड़ा ने 25 जनवरी 2024 को अंतिम सांस ली। उन्होंने सेना में करीब 30 साल अपनी सेवाएं दीं।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 months ago
विशिष्ट सेवा पदक (VSM) से सम्मानित आर्मी दिग्गज कर्नल प्रेम नाथ खेड़ा का 25 जनवरी को हृदय गति रुकने से निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। उन्होंने सेना में करीब 30 साल अपनी सेवाएं दीं।
कर्नल प्रेम नाथ खेड़ा 17 वर्षों तक सेना में जनसंपर्क अधिकारी, उसके बाद थल सेना, वायु सेना व नौसेना के जनसंपर्क विभाग में डायरेक्टर के तौर पर अपना योगदान दे चुके थे। वैसे उनके काम को काफी सराहा जाता था और उन्हें साइकलॉजिकल ऑपरेशंस में महारत हासिल थी।
उन्होंने डिफेंस डॉक्यूमेंट्री के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका था और अकसर समाचार पत्र-पत्रिकाओं में रक्षा विशेषज्ञ के तौर पर उनके आर्टिकल पब्लिश होते रहते थे।
कर्नल खेड़ा ने 30 वर्षों तक सेना में सेवा की, जिनमें से 17 वर्ष जनसंपर्क निदेशालय में रहे। उन्होंने सेना शिक्षा कोर (Army Education Corps) अधिकारी के रूप में सेवा शुरू की और 1965 और 1971 के युद्धों में अग्रिम पंक्ति के सैनिक के रूप में कार्य किया।
1976 में, जब वह मेजर थे, तब उन्हें भारतीय सूचना सेवा (IIS) में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में भारतीय सूचना सेवा (Indian Information Services) में नागरिक पद के लिए चुना गया था। इस कार्यकाल के दौरान, उन्होंने जनरल ओ.पी. मल्होत्रा, जनरल कृष्ण राव, जनरल ए.एस. वैद्य, जनरल के. सुंदरजी, जनरल वी.एन. शर्मा और जनरल एस.एफ. रोड्रिग्स सहित सेना प्रमुखों के अधीन कार्य किया। 1982 में, उन्हें विशिष्ट सेवा के लिए विशिष्ट सेवा पदक और तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह से सेना प्रमुख का प्रशस्ति कार्ड प्राप्त हुआ। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से एम.एस.सी. किया था और भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) व जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया था।
शुरुआत में वह सेना में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में तैनात थे, बाद में वह रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क निदेशालय में संयुक्त निदेशक (जनसंपर्क) बन गए। उन पर सशस्त्र बलों के सही प्रोजेक्शन की जिम्मेदार थी और उन्होंने विरोधियों द्वारा शत्रुतापूर्ण प्रचार का मुकाबला करने के लिए मल्टी-मीडिया अभियान चलाया और सीमा पार से दुष्प्रचार से सैनिकों को बचाने के लिए सूचना अभियान तैयार किए।
1992 में, उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली, जिसके बाद उन्होंने 1997 में अपना खुद का प्रॉडक्शन हाउस और डिफेंस न्यूज एजेंसी शुरू की। हालांकि 1997 से पहले वह PTI-टीवी के चीफ एग्जिक्यूटिव के तौर पर कार्य किया। उन्होंने तीन धारावाहिकों का निर्माण किया, जिनमें "जर्नी टू सक्सेस'' (10 एपिसोड), ''एशिया डिफेंस'' (छह एपिसोड) ) और ''तैनात'' (17 एपिसोड) शामिल है, जो सशस्त्र बलों और राष्ट्रीय सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं से संबंधित हैं। यह तीन धारावाहिक दूरदर्शन पर प्रसारित किए गए थे। उनकी डिफेंस न्यूज एजेंसी ''एशिया डिफेंस न्यूज इंटरनेशनल'' (ADNI) भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एशिया की सबसे बड़ी डिफेंस न्यूज एजेंसी बन चुकी है। 130 से अधिक समाचार पत्र-पत्रिकाओं ने ADNI की डिफेंस न्यूज फीड की सदस्यता ली हुई है।
ADNI ने ''एशिया डिफेंस'' नामक एक मासिक पत्रिका भी प्रकाशित की, जिसमें वरिष्ठ रक्षा बलों के कर्मियों की विशेषताएं और साक्षात्कार और भारत की रक्षा तैयारी के विश्लेषण अंश प्रकाशित किए जाते हैं। इन्हीं मुद्दों पर उनकी डॉक्यूमेंट्री भी है, जिसमें यह किसकी सेना है?, क्या मानवाधिकार केवल आतंकवादियों के लिए हैं, कश्मीर टुडे, ए न्यू डॉन, द इनडोमिटेबल और पिलर्स ऑफ पीस शामिल हैं।
अपनी न्यूज एजेंसी चलाने के साथ-साथ, कर्नल खेड़ा 'हिन्दुस्तान टाइम्स', 'द पायनियर', 'इंडियन एक्सप्रेस', 'टाइम्स ऑफ इंडिया', 'दैनिक जागरण', 'पंजाब केसरी', 'वीर अर्जुन' आदि जैसे प्रसिद्ध अखबारों के लिए गहन रक्षा विश्लेषण संपादकीय लिखते रहते थे। मैगजीन व अखबार के पत्रकारों द्वारा किसी न किसी मुद्दे पर उनका इंटरव्यू भी प्रकाशित होता रहा है।
कर्नल खेड़ा ने 77 वर्ष की आयु तक ADNI का संचालन किया। नवंबर 2020 में महामारी के दौरान उनकी पत्नी की मृत्यु के बाद उनके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव शुरू हो गया। हालांकि, उन्होंने सोमवार, 22 जनवरी, 2024 तक वह काम के प्रति सक्रिय थे, लेकिन अचानक दिल की दौरा पड़ने के चलते उन्हें नई दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। 25 जनवरी को सुबह 3:30 बजे उनकी नींद में ही मृत्यु हो गई। हालांकि उनके सहयोगियों द्वारा उन्हें प्यार से "मूछोंवाला खेड़ा" के तौर पर याद करते हैं।
टैग्स निधन श्रद्धांजलि कर्नल प्रेम नाथ खेड़ा