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चार साल बाद जेल से रिहा होकर घर पहुंचा पत्रकार, बेटी ने फेसबुक पर दी जानकारी
वकील गमाल ईद (Gamal Eid) ने बताया कि मिस्र की एक अदालत ने उन्हें सशर्त रिहाई दी है, जिसके बाद शनिवार दोपहर वह रिहा होकर पुलिस स्टेशन से बाहर आए।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
चार साल तक कैद में रखने के बाद मिस्र (Egypt) ने आखिरकार अल-जजीरा के पत्रकार (Al-Jazeera journalist) महमूद हुसैन (Mahmoud Hussein) को रिहा कर दिया है। इस बात की जानकारी हुसैन के वकील ने मीडिया को दी।
वकील गमाल ईद (Gamal Eid) ने बताया कि मिस्र की एक अदालत ने उन्हें सशर्त रिहाई दी है, जिसके बाद शनिवार दोपहर वह रिहा होकर पुलिस स्टेशन से बाहर आए। उन्हें पास के एक पुलिस स्टेशन में हर सप्ताह दो बार रिपोर्ट करना होगा।
अदालत ने कहा, हुसैन के खिलाफ झूठी सूचना प्रकाशित करने और एक प्रतिबंधित समूह से ताल्लुक रखने के मामले में जांच फिलहाल चलती रहेगी।
वहीं अपने एक बयान में अल-जजीरा (Al-Jazeera) नेटवर्क ने कहा, आज हम बेहद खुश हैं कि महमूद हुसैन एक बार फिर अपने परिवार से मिल पाए हैं। उनकी जिंदगी के चार सालों को उनसे छीन लिया गया और उनके मौलिक अधिकारों से उन्हें वंचित रखा गया।
वहीं, पत्रकार की बेटी एल-जहरा हुसैन (el-Zahraa Hussein) ने भी फेसबुक (Facebook) पोस्ट के जरिए पिता की रिहाई की खबर दी और कहा कि उनके पिता घर आ गए हैं। अल-जजीरा ने भी हुसैन के घर पहुंचने की रिपोर्ट दी।
मिस्र के रहने वाले हुसैन कतर स्थित अल-जजीरा नेटवर्क के लिए काम करते थे। उन्हें दिसंबर 2016 में काहिरा हवाई अड्डे से हिरासत में लिया गया था। अल-जजीरा ने बताया कि हुसैन दोहा (Doha) से अपने परिवार के साथ काहिरा (Cairo) गए थे, इसी दौरान उन्हें हिरासत में लिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2013 के बाद से मुस्लिम ब्रदरहुड (Muslim Brotherhood) के राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी (Mohamed Morsi) को हटाए जाने के बाद मिस्र के अधिकारियों और सरकार समर्थक मीडिया ने अल-जजीरा नेटवर्क को इस्लामवादियों के प्रति सहानुभूति के लिए मिस्र के राष्ट्रीय दुश्मन के रूप में चित्रित किया है। अल-जजीरा की अरबी सर्विस और इसका स्टाफ काहिरा और दोहा के बीच बिगड़े संबंधों का बलि का बकरा बनता रहा है। मिस्र के अधिकारियों ने 2017 के बाद से अल-जजीरा की न्यूज वेबसाइट को देश में ब्लॉक कर दिया है। इसके अलावा सरकार की आलोचना करने वाले दर्जनों न्यूज चैनलों को वेबसाइट्स को बंद किया गया है।
मिस्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के कतर (Qatar) के संग अपने विवाद को खत्म करने के एक महीने बाद हुसैन को रिहा किया गया है। इन मुल्कों के बीच विवाद की शुरुआत 2017 में हुई थी। इन चार देशों ने कतर पर आरोप लगाया था कि ये ईरान के साथ मिलकर चरमपंथी समूहों को क्षेत्र में धन मुहैया करा रहा है। हालांकि, कतर ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया था। अल-जजीरा इस विवाद के बीच का केंद्र था। इन देशों की मांग थी कि अल-जजीरा को बंद किया जाए, जिसे कतर ने खारिज कर दिया था।
टैग्स पत्रकार अल-जजीरा कतर मोहम्मद हुसैन