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फ्रांसीसी पत्रकार पर भारत विरोधी रिपोर्टिंग का आरोप, सरकार ने जारी किया नोटिस
फ्रांसीसी राष्ट्रपति के भारत दौरे से पहले सरकार ने फ्रांस की एक महिला पत्रकार को नोटिस जारी किया है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 months ago
फ्रांसीसी राष्ट्रपति के भारत दौरे से पहले सरकार ने फ्रांस की एक महिला पत्रकार को नोटिस जारी किया है। दरअसल, फ्रांसिसी पत्रकार वैनेसा डौगनैक दिल्ली में रहकर फ्रांस मीडिया आउटलेट 'ला क्रॉइक्स' के लिए काम करती हैं। उन पर पक्षपातपूर्ण व गलत रिपोर्टिंग करने का आरोप लगा है।
मीडिया रिपोर्टर्स के मुताबिक, गृह मंत्रालय के तहत आने वाली विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) ने नोटिस जारी करते हुए वैनेसा से पूछा है कि उनका ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OIC) कार्ड को क्यों रद्द न किया जाए। इसका जवाब वैनेसा को 2 फरवरी तक देना है।
रिपोर्ट के मुताबिक, नोटिस में कहा गया है कि वैनेसा की पत्रकारीय गतिविधियां दुर्भावनापूर्ण और आलोचनात्मक हैं और वे भारत के बारे में पक्षपाती धारणा पैदा करती हैं।इसके अलावा आरोप लगाया गया है कि वैनेसा की गतिविधियां अव्यवस्था भड़का सकती हैं और शांति भंग कर सकती हैं। सरकार ने वनेसा पर सिटिजनशिप एक्ट 1955 के तहत परमिशन लिए बिना पत्रकारिता करने के आरोप लगाए हैं।
वहीं, वैनेसा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि वह कभी भी ऐसे कार्य में शामिल नहीं हुईं, जिससे भारतीय हितों को नुकसान पहुंचे। उन्होंने कहा कि भारत मेरा घर है और यह एक ऐसा देश जिसे मैं प्यार करती हूं और जिसका बहुत सम्मान करती हूं।
भारतीय से शादी करने के बाद फ्रांसिसी पत्रकार वैनेसा पिछले 2 दशक से दिल्ली में रहकर 'ला क्रॉइक्स' के लिए फ्रेंच भाषा में भारत की रिपोर्टिंग कर रही हैं। इसके अलावा उनकी रिपोर्ट्स फ्रेंच अखबार 'ले पॉइंट' और स्विस मीडिया हाउस 'ले टेम्प्स' में भी छपती हैं। वैनेसा ने 22 सितंबर के बाद से भारत पर कोई रिपोर्ट नहीं दी है। वह नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश और मालदीव को भी कवर कर रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत सरकार ने उनका वर्क वीजा कैंसिल कर दिया है।
वैनेसा की भारत को लेकर की गई रिपोर्ट्स में कोरोना के वक्त बिगड़े हालात, झारखंड में ईसाईयों और मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा और गुमला-लातेहर की घाटियों में नेत्रहाट फायरिंग रेंज प्रोजेक्ट के खिलाफ 1990 के दशक से हो रहे प्रदर्शन शामिल हैं।
वैनेसा ने 23 जनवरी को बताया कि 22 साल तक भारत में रहने के बाद संभव है कि उन्हें अब देश से निकाल दिया जाए। फ्रेंच अखबार 'ली मोंड' के मुताबिक, ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत ने किसी फ्रांसीसी पत्रकार को देश छोड़ने को कहा गया हो।
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