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अखबार की रिपोर्ट के आधार पर कोई PIL सुनवाई योग्य नहीं: मध्य प्रदेश HC
यह याचिका बड़वानी जिले के निवासी भट्टुल्ला जैन ने दायर की है, जो पेशे से टैक्स प्रैक्टिशनर हैं और एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य के मुख्यमंत्री को जनता से घोषणाएं अथवा वादे न करने का निर्देश जारी करने की मांग की जाने वाली याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि समाचार पत्रों की रिपोर्ट के आधार पर कोई जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।
न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति हिरदेश की पीठ राज्य के खजाने की जर्जर वित्तीय स्थिति के मद्देनजर मुख्यमंत्री को घोषणाएं/वादे न करने का निर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
'लाइव लॉ' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीठ ने कहा कि याचिका पर विचार करने का कोई कारण नहीं मिला और इसे खारिज किया जाना चाहिए। हालांकि, याचिकाकर्ता रिकॉर्ड पर ठोस दस्तावेज पेश करके इस अदालत से दोबारा संपर्क करने के लिए स्वतंत्र है, जो वर्तमान याचिका में याचिका द्वारा उठाई गई शिकायत की पुष्टि करते हों, न कि केवल समाचार पत्रों की कटिंग के आधार पर।
यह याचिका बड़वानी जिले के निवासी भट्टुल्ला जैन ने दायर की है, जो पेशे से टैक्स प्रैक्टिशनर हैं और एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के बजट में आय का 82% हिस्सा वेतन, पेंशन और ब्याज देने में खर्च हो जाता है और सरकार अपने वार्षिक बजट से अधिक के कर्ज में डूबी हुई है। वित्तीय स्थिति इतनी गंभीर है कि सरकार राज्य की धरोहर संपत्तियों को गिरवी रखकर ब्याज चुकाने के लिए हर महीने कर्ज ले रही हैं।
जैन का आरोप है कि मुख्यमंत्री की मनमानी घोषणाओं/वादों के कारण राज्य में आवश्यक सुविधाओं के लिए हमेशा धन की कमी रहती है और इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा की गई ऐसी घोषणाओं और वादों को दर्शाने वाली अखबारों की कटिंग तैयार की, जिसे कोर्ट के समक्ष पेश किया।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मुख्य सचिव, विधि एवं विधायी कार्य विभाग को उन प्रावधानों की जानकारी प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया था, जिनके तहत राज्य के मुख्यमंत्री को घोषणाएं और वादे करने का अधिकार है। अदालत को बताया गया कि अभी तक जानकारी का खुलासा नहीं किया गया है।
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