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अमर उजाला को बाय बोलकर पत्रकार अर्जुन निराला ने नई दिशा में बढ़ाए कदम
‘अमर उजाला’ से करीब 11 वर्षों से जुड़े और लगभग पांच वर्षों से ‘अमर उजाला फाउंडेशन’ संभाल रहे पत्रकार अर्जुन निराला ने संस्थान को अलविदा कह दिया है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
‘अमर उजाला’ से करीब 11 वर्षों से जुड़े और पिछले करीब पांच वर्षों से ‘अमर उजाला फाउंडेशन’ संभाल रहे पत्रकार अर्जुन निराला ने संस्थान को अलविदा कह दिया है। वे अमर उजाला में समाचार संपादक रह चुके हैं और अमर उजाला फाउंडेशन में वरिष्ठ समन्वयक के पद पर कार्यरत थे। समाचार4मी़डिया से बातचीत में अर्जुन निराला ने बताया कि अब वे पतंजलि योग पीठ, हरिद्वार के साथ नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। यहां वह जनरल मैनेजर (कोऑर्डिनेशन-एडमिन) की जिम्मेदारी संभालेंगे और सीधे आचार्य बालकृष्ण को रिपोर्ट करेंगे। निराला हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी सहित करीब दस भाषाएं बोलते हैं और कई भाषाओं से वे हिंदी में साहित्यिक अनुवाद भी करते हैं। पत्रकार के अलावा वे कवि, अनुवादक और अच्छे वक्ता भी हैं। निराला को पत्रकारिता के साथ-साथ यूनिसेफ सहित तमाम संस्थाओं के साथ काम करने का लंबा अनुभव है।
अर्जुन निराला एक अच्छे एक्टर भी हैं और बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी जीत चुके हैं। वह यूनिर्सिटी कॉलर होल्डर हैं। उन्हें अपने छात्र जीवन में ही एक सीरियल में डिजाइनर का काम करने का मौका मिल चुका है। बता दें कि पत्रकारिता के दौरान डेस्क पर रहते हुए उनके द्वारा लिखी गई खबर का संज्ञान राष्ट्रपति भवन ने लिया। निराला और जिस पर उन्होंने खबर लिखी थी, दोनों को मिलने के लिए स्वयं राष्ट्रपति भवन से बुलावा आया।
मणिपुर में विधानसभा चुनाव का कवरेज करने गए निराला को आतंकवादियों ने बम से उठाने की धमकी दी। इस कारण उनको अपनी यात्रा बीच में ही छोड़कर वापस लौटना पड़ा। इसी दौरान उन्होंने मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला का बहुचर्चित साक्षात्कार भी लिया (इरोम उस समय जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में बनी अस्थाई जेल में बंद थीं)।
निराला सुदूर पूर्व असम के तिनसुकिया जिले के डिगबोई के पास गांव के रहने वाले हैं। शुरुआती शिक्षा असम में लेने के बाद उन्होंने पंजाब के जालंधर स्थित गुरुकुल में थोड़ा बचपन गुजारा और संस्कृत की शिक्षा-दीक्षा ली। इसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय से हिंदी में एम.ए की।
अर्जुन निराला ने वर्ष 2002 में दैनिक भास्कर से पत्रकारिता की शुरुआत की थी। इस अखबार में उन्होंने करीब आठ साल की लंबी पारी खेली। इस दौरान चंडीगढ़, दिल्ली और पंजाब लॉचिंग में उन्होंने विशेष भूमिका निभाई। उसके बाद फिर उन्हें दिल्ली भेजा गया। इसके बाद अमर उजाला होते हुए अब वे पतंजलि में नई भूमिका निभाने जा रहे हैं। अब तक 56 बार रक्तदान कर चुके निराला को उनकी सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। निराला ने तेजाब पीड़ितों को हक दिलाने के लिए भी काफी काम किया।
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