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इस वजह से मणिपुर सरकार ने एडिटर्स गिल्ड के 4 सदस्यों के खिलाफ दर्ज कराई FIR
मणिपुर में हिंसा और तनाव के हालात पर रिपोर्टिंग को लेकर मणिपुर सरकार ने 'एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया' के अध्यक्ष और तीन सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
मणिपुर में हिंसा और तनाव के हालात पर रिपोर्टिंग को लेकर मणिपुर सरकार ने 'एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया' के अध्यक्ष और तीन सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। राज्य सरकार ने गिल्ड पर राज्य में हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश का आरोप लगाया है। गिल्ड की एक रिपोर्ट में सरकार की लीडरशिप को पक्षपाती बताया गया था।
एडिटर्स गिल्ड ने हाल में दावा किया था कि मणिपुर में जातीय हिंसा पर मीडिया में आयी खबरें एकतरफा हैं। इसके साथ ही उसने राज्य नेतृत्व पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया था। साथ ही लिखा था कि यह बात स्पष्ट है कि मणिपुर में हिंसा के समय निष्पक्ष लीडरशिप नहीं हो रही थी। सरकार को इस मामले में किसी एक जाति का पक्ष नहीं लेना चाहिए था। सरकार लोकतांत्रिक रहने में फेल हुई है।
इस पर राज्य की सरकार का कहना है कि संगठन अपनी रिपोर्ट्स के जरिए झूठ फैला रहा है और गलत तथ्य पेश कर रहा है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष और तीन सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, जो मणिपुर राज्य में स्थिति को और बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उनमें एडिटर्स गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और तीन सदस्य-सीमा गुहा, भारत भूषण तथा संजय कपूर शामिल हैं।
गुहा, भूषण और कपूर ने जातीय हिंसा पर मीडिया रिपोर्ट्स का अध्ययन करने के लिए पिछले महीने राज्य का दौरा किया था। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले ‘सभी समुदायों’ के प्रतिनिधियों से मिलना चाहिए था, न कि ‘केवल कुछ वर्गों से’।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि एडिटर्स गिल्ड के सदस्य राज्य में हिंसा को बढ़ावा दे रहे थे और इससे तनाव बढ़ सकता था। मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैं एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों को वॉर्निंग देता हूं। अगर आपको सच जानना है तो घटना वाली जगह पर जाएं। सच्चाई को जानिए। सभी समुदाय के लोगों से मिलिए, फिर जो जानकारी मिले उसे पब्लिश करें। चुनिंदा लोगों से ही मिलकर कोई नतीजा देना गलत है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एडिटर्स गिल्ड ने अपनी रिपोर्ट में एक फोटो में गलती कर दी थी। गिल्ड ने चुराचांदपुर जिले में एक जलती हुई इमारत की तस्वीर छापी और दावा किया कि यह कुकी समुदाय का घर है, जबकि वह बिल्डिंग वन विभाग ऑफिस की थी, जिसे 3 मई को एक भीड़ ने आग लगा दी थी।
गलत फोटो का मामला सामने आने के बाद एडिटर्स गिल्ड ने रविवार को एक्स (ट्विटर) पर अपनी गलती को स्वीकार किया। गिल्ड ने आगे लिखा, हमें फोटो कैप्शन में हुई गलती के लिए खेद है। इसमें सुधार किया जा रहा है। नई मणिपुर रिपोर्ट अपलोड कर दी गई है। हालांकि इसके बाद अब मणिपुर सरकार ने गिल्ड के खिलाफ ये एक्शन लिया है।
बता दें कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया संगठन को 1978 में स्थापित किया गया था जिसका उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा और मीडिया के मानकों को बढा़ना है।
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