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युवाओं की नैतिकता बचाने के लिए इंटरनेट कंटेंट पर सख्त नियंत्रण जरूरी: मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100वें स्थापना दिवस पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भारतीय समाज, खासकर युवाओं के बीच नैतिक पतन पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 hours from now
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100वें स्थापना दिवस पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भारतीय समाज, खासकर युवाओं के बीच नैतिक पतन पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आजकल बच्चों को मोबाइल फोन के माध्यम से विभिन्न प्रकार की सामग्री देखने को मिल रही है, जिन पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसमें कई बार आपत्तिजनक और हानिकारक सामग्री भी शामिल होती है, जो मानसिक रूप से परेशान करने वाली है।
भागवत ने कहा, "मोबाइल पर वो क्या देख रहे हैं और उनको क्या दिखाया जा रहा है, इस पर कोई नियंत्रण नहीं है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों के लिए दिखाए जा रहे विज्ञापनों और अनुचित सामग्री पर सख्त नियम बनाए जाने की जरूरत है, ताकि हमारी युवा पीढ़ी को इससे बचाया जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि नशे की लत युवाओं में तेजी से बढ़ रही है, जो समाज के मूलभूत ताने-बाने को कमजोर कर रही है। इस समस्या से निपटने के लिए समाज में नैतिकता और सद्गुणों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।
भागवत ने पारंपरिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने की बात कही, खासतौर पर महिलाओं के प्रति सम्मान के सिद्धांत "मातृवत् परदारेषु" (दूसरी महिलाओं को माता के समान समझना) को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब परिवार और मीडिया इन मूल्यों की उपेक्षा करते हैं, तो इसका समाज पर गंभीर असर पड़ता है।
उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि इन नैतिक मूल्यों को फिर से स्थापित करने के लिए परिवार, समाज और मीडिया को मिलकर प्रयास करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने बांग्लादेश संकट और अन्य सामाजिक-सांस्कृतिक चुनौतियों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
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