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'उत्तर प्रदेश टाइम्स' लेकर आ रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार पंकज पाराशर, जल्द होगी लॉन्चिंग
उन्होंने सोशल मीडिया पर नए न्यू पोर्टल का थीम वीडियो साझा किया था। अब उन्होंने जानकारी दी है कि लॉन्चिंग की तैयारियों में जुटे हैं और टीम तैयार कर रहे हैं।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
एंटरप्रिन्योर जर्नलिस्ट पंकज पाराशर नया न्यूज पोर्टल ‘उत्तर प्रदेश टाइम्स’ लेकर आ रहे हैं। वह करीब तीन साल पहले हिनदुस्तान अखबार छोड़कर ‘ट्राईसिटी टुडे’ से जुड़े थे। ‘ट्राईसिटी टुडे’ दिल्ली-एनसीआर के टॉप समाचार माध्यमों में शुमार है। पंकज पाराशर ने हाल ही में ‘उत्तर प्रदेश टाइम्स’ की घोषणा की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर नए न्यूज पोर्टल का थीम वीडियो साझा किया था। अब उन्होंने जानकारी दी है कि वह अब लॉन्चिंग की तैयारियों में जुटे हैं और टीम तैयार कर रहे हैं।
पंकज पाराशर ने बताया कि ‘उत्तर प्रदेश टाइम्स’ के नाम से ही यह पता चल जाता है कि यह यूपी फोकस्ड होगा। इस न्यूज पोर्टल का उद्देश्य खबरों को अलग ढंग से पेश करना होगा। पंकज ने कहा, 'उत्तर प्रदेश का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवेश तेजी के साथ बदल रहा है। अब राज्य के लोग शिक्षा, चिकित्सा और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर खबरें पढ़ना चाहते हैं।
उनकी समस्याएं क्या हैं, इस बारे में उन्हें पूरी जानकारी है। वह जानना चाहते हैं कि इन समस्याओं का समाधान शासन और प्रशासन कैसे कर रहे हैं? हम यह जानकारी आम आदमी तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे। सामान्य तौर पर आप देखेंगे तो अधिकांश समाचार माध्यम आम आदमी को उसकी परेशानी के बारे में ही बता रहे हैं, समाधान के बारे में जानकारी नहीं होती है।
वह आगे कहते हैं कि मानो आज किसी शहर में रातभर बिजली गुल रही। अगले दिन यह खबर छपेगी। जब पूरे शहर को लोग अंधेरे में रहे तो उन्हें यह जानकारी देना क्या उचित है। दूसरा पहलू खबरों की गति है। हर जगह की छोटी से बड़ी खबर सोशल मीडिया पर थोड़ी देर में आ रही है। उस पर तमाम लोग हर एंगल से जानकारी लिख देते हैं। फिर अगले दिन आप क्या छापेंगे। टीवी कितनी लोकल खबरें दिखाएगा। वैसे भी टीवी पर खबर कम और बहस ज्यादा हैं। समाचार माध्यमों की इन कमियों को डिजिटल मीडियम खत्म कर सकता है। इसमें कोई शक नहीं है कि डिजिटल की खबरों पर विश्वसनीयता का सवाल खड़ा होता है। इसकी वजह समझने की जरूरत है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म्स का नेटवर्क और सिस्टम में कनेक्टिविटी है। वह हर खबर को सत्यापित कर सकते हैं। स्वतंत्र डिजिटल प्लेटफॉर्म्स इस संकट से जूझते हैं। इसी कारण अकसर असत्यापित खबरें चला दी जाती हैं।
पंकज पाराशर ने ‘उत्तर प्रदेश टाइम्स’ की योजना के बारे में बताया कि पहले चरण में राज्य के सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर टीम खड़ी करेंगे। नोएडा और लखनऊ में डेस्क काम करेंगी। दूसरे चरण में सभी 75 जिलों में संवाददाता जोड़े जाएंगे। फिलहाल 18 मंडल मुख्यालयों पर काम करने के इच्छुक संपर्क कर सकते हैं। प्लेटफॉर्म के टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट का काम पूरा हो गया है। कोशिश है कि अक्टूबर के आखिर तक इसे लाइव कर दिया जाए।
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