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जानें, क्यों जल सत्याग्रह के लिए मजबूर हुए पत्रकार
पत्रकारों को अपना काम करने के दौरान तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। देश-दुनिया में चल रही महामारी ने उनकी चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
पत्रकारों को अपना काम करने के दौरान तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। देश-दुनिया में चल रही महामारी ने उनकी चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। इस बीच उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से एक बड़ी खबर आई है।
खबर ये है कि यहां पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जाने का आरोप लगाते हुए जिले भर के तमाम पत्रकारों ने रविवार को गंगा व यमुना में विभिन्न घाटों पर जल सत्याग्रह किया। पत्रकारों का आरोप है कि जिलाधिकारी संजीव कुमार ने जिले में कोरोना की अव्यवस्था दिखाने पर कई पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
जिला पत्रकार एसो/संघ के जिलाध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार अजय सिंह भदौरिया ने कहा कि जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार और कोरोना काल के दौरान ज़िले में हावी अव्यवस्थाओं की सच्चाई उज़ागर करने पर डीएम के इशारे पर पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उसे पत्रकार बर्दाश्त नहीं करेंगे।
पत्रकारों का कहना था कि इस बारे में उन्होंने 16 मई को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिया था। इस पर कार्रवाई न होने पर उन्होंने 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया था। पत्रकारों का कहना था कि यदि पत्रकारों के खिलाफ दर्ज कराए गए ये फर्जी मुदकमे वापस नहीं हुए तो वह अपना विरोध प्रदर्शन करना जारी रखेंगे।
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। उन्होंने इस बारे में एक ट्वीट कर कहा है कि प्रदेश सरकार सच्चाई से क्यों डर रही है।
पत्रकार साथियों ने आपदा के दौर में कोरोना से जुड़ी अव्यवस्थाओं को उजागर कर सकारात्मक हस्तक्षेप किया। हैरानी की बात है कि यूपी सरकार के प्रशासन ने फतेहपुर में पत्रकारों पर उनका कर्म करने के लिए मुकदमा कर दिया। पत्रकार सत्याग्रह कर रहे हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 8, 2020
सरकार सच्चाई से डर क्यों रही है? pic.twitter.com/GBWLnss4mU
पत्रकारों द्वारा किए गए विरोध-प्रदर्शन को आप यहां देख सकते हैं।
टैग्स फतेहपुर पत्रकारों पर मुकदमा