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इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड से नवाजे जाएंगे वरिष्ठ पत्रकार रमाकांत चंदन
बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग ने दो वित्तीय वर्षों 2018-19 और 2019-20 के लिए कला पुरस्कार तय कर लिए हैं।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग ने दो वित्तीय वर्षों 2018-19 और 2019-20 के लिए कला पुरस्कार तय कर लिए हैं। इसी क्रम में कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सरकार ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ पटना के स्थानीय संपादक रमाकांत चंदन को डॉ. रामेश्वर सिंह कश्यप अवॉर्ड देने के लिए चुना गया है। इस पुरस्कार स्वरूप उन्हें 51 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
बिहार में लखीसराय जनपद के मूल निवासी रमाकांत चंदन ढाई दशक से अधिक समय से सक्रिय पत्रकारिता कर रहे हैं। रमाकांत ने अपने पत्रकारीय करियर की शुरुआत ‘सहारा मीडिया’ के साथ की थी। इसके पहले एमएससी करने के दौरान ही वे एनबीटी, दैनिक हिन्दुस्तान, सारिका और हंस पत्रिका समेत तमाम अखबारों के लिए लिखते थे। इसी दौरान 1986 में ‘सारिका’ में छपी कहानी ‘पापा गंदे हैं’ को लेकर तमाम सुर्खियां बटोरी थीं। इसके बाद स्वतंत्र पत्रकार के रूप में इनकी नियमित कविता, कहानी व रिपोतार्ज छपते थे।
वर्ष 1996 में ‘सहारा मीडिया’ के अखबार ‘हस्तक्षेप’ में बतौर रिपोर्टर नोएडा में जॉइन करने वाले रमाकांत करीब 24 वर्षों से ‘सहारा मीडिया’ का हिस्सा हैं। रमाकांत चंदन वर्ष 1998 में ‘राष्ट्रीय सहारा’ में प्रोविंशियल इंचार्ज बने। इसके बाद वर्ष 2005 में यूपी के गोरखपुर में ‘सहारा समय’ मैगजीन में बतौर करेसपॉन्डेंट जिम्मेदारी संभाली। एक साल बाद यानी वर्ष 2006 में ‘राष्ट्रीय सहारा’ की पटना यूनिट में रिपोर्टिंग टीम का हिस्सा बने। 2012 में वह स्पेशल करेसपॉन्डेंट बने और फिर पटना में ब्यूरो इंचार्ज के रूप में कार्यभार संभाला।
इसके साथ ही टीवी पर राजनीतिक विश्लेषक के रूप में भी उनका सफर लगातार जारी है। एक लेखक के रूप में रमांकांत चंदन की अब तक दो पुस्तकें हिंदी अकादमी दिल्ली से ‘नवान्न’ व राजभाषा बिहार से ‘दूसरा पक्ष’ प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके लिए बिहार में इन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है।
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