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‘अब पत्रकार को सोशल मीडिया से आगे का समाचार देने की चुनौती है’

लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के कलाम सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकारों ने रखे अपने विचार

समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago

लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के कलाम सेंटर में पिछले दिनों देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। देवर्षि नारद जयंती आयोजन समिति के तत्वावधान में इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों पत्रकारों ने संकल्प लिया कि वे नारदीय पत्रकारिता के मार्ग चलेंगे।

विश्वविद्यालय के कुलपति एमएलबी भट्ट ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक जागरण, उत्तर प्रदेश के संपादक आशुतोष शुक्ला रहे। इस मौके पर आशुतोष शुक्ला का कहना था कि चूंकि पत्रकारिता में चुनौतियां ज्यादा हैं, इसलिए इस पेशे में उन्हीं लोगों को आना चाहिए, जो अध्ययन व परिश्रम के शौकीन हैं। आशुतोष शुक्ला का कहना था कि पत्रकारिता के समक्ष पहले से चुनौतियां बढ़ी हैं और अब पत्रकार को सोशल मीडिया से आगे का समाचार देने की चुनौती है।

उनका कहना था कि लोगों से ज्यादा से ज्यादा कनेक्ट करना पत्रकारिता का धर्म है। इस मामले में दिल्ली की पत्रकारिता तो सिर्फ ईमेल की पत्रकारिता है। रही बात वास्तविक पत्रकारिता की तो वो गांव में रिपोर्टिंग करने वाला पत्रकार कर रहा है। उनका कहना था कि टीवी चैनल्स पर होने वाली डिबेट समाज के लिए हानिकारक है।

आशुतोष शुक्ला का कहना था कि हमेशा घूमते रहने के कारण नारद जी का प्रत्यक्ष रूप में संवाद होता रहता था, लेकिन अब मोबाइल के आने से कई पत्रकार सिर्फ उसी पर आश्रित हो गए हैं। ऐसे में खबरों की क्रेडिबिलिटी पर संकट है। उनका कहना था कि बदलते परिप्रेक्ष्य में शै​क्षणिक पाठ्यक्रम में बदलाव की जरूरत है।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के क्षेत्र प्रचार प्रमुख कृपाशंकर ने कहा कि पत्रकार जान हथेली पर रखकर खबर जुटाता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को इस बात पर जरूर चिंतन करना चाहिए कि क्या वे अच्छी खबरें निकालकर दे सकते हैं। वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र भदौरिया का कहना था कि हम अपने पूर्वजों को भुलाते जा रहे हैं। नारद जी की सूचनाएं विश्वसनीय रहती थीं। इसके साथ ही उनका ये भी कहना था कि पत्रकारिता कोर्स में देवर्षि नारद को भी शामिल किया जाना चाहिए।


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