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TIKTOK को नहीं मिली राहत, नियुक्त हुए Amicus Curiae
चीनी विडियो शेयरिंग ऐप ‘टिकटॉक’ को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago
चीनी विडियो शेयरिंग ऐप ‘टिकटॉक’ को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट द्वारा ‘टिकटॉक’ पर लगाए गए प्रतिबंध के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। इस बीच ‘गूगल’ और ‘एप्पल’ ने अपने प्ले स्टोर पर इस ऐप को ब्लॉक कर दिया है। इसके बाद भारत में चीन की कंपनी ‘बीजिंग बाइटडांस टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड‘(Beijing ByteDance Technology Co Ltd.) के इस ऐप को डाउनलोड नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट के आदेश के बारे में 'Aditya Singh Rathore, Associate, at Trust Legal, Advocates & Consultants' की पार्टनर पेटल चंडोक (Petal Chandhok) का कहना है, ‘मद्रास हाई कोर्ट ने 3 अप्रैल को केंद्र से ‘टिकटॉक’ ऐप पर बैन लगाने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि टिकटॉक ऐप पॉर्नोग्राफी को बढ़ावा देता है और बच्चों को यौन हिंसक बना रहा है। साथ ही कोर्ट ने मीडिया को निर्देश दिया था कि वो इस ऐप पर बने विडियो का प्रसारण न करे।’
चंडोक ने बताया,‘ हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद ‘टिकटॉक’ ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। ‘टिकटॉक’ की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की खंडपीठ ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा 16 अप्रैल 2019 को मद्रास हाई कोर्ट ने इस मोबाइल ऐप के उद्देश्यों की जांच के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार को अमिकस क्यूरी (Amicus Curiae) नियुक्त किया है।‘
मद्रास हाई कोर्ट के इस ऑर्डर के बाद भारत में ‘टिकटॉक’ का भविष्य अनिश्चित है। सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाते हुए ‘गूगल’ और ‘एप्पल’ को अपने प्लेटफॉर्म से इस ऐप का डाउनलोड बंद करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद इन प्लेटफॉर्म पर इस ऐप को ब्लॉक कर दिया है।
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